-
ब्लॉग राइटर
-
षड्यंत्र का सम्मान, महिलाओं का नहीं
उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति हर बार देश के लिए एक तमाशा बन जाती है। कभी राजनैतिक दांवपेंच का तो कभी अप्रत्याशित साठगांठ का और ज्यादातर ऐसे किस्से जो शर्म और ग्लानि के साथ याद आते हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों से जिस चुनावी गणित का बहीखाता खुला है, वह 2017 के आगामी विधानसभा चुनाव तक शिष्टता और गरिमा का केवल कर्ज़ ही दर्ज़ कर पाएगा।
-
Array
(
[written_by] =>
[reported_by] =>
[authored_by] =>
[translators] =>
[by_line] => Array
(
[byline] => Bhoomika Joshi
[designation] =>
[info] =>
[by_line_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] => भूमिका जोशी
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] => भूमिका जोशी
)
[source_detail] => Array
(
[source] => NDTV
[designation] =>
[info] =>
[source_info] => Array
(
[1] => Array
(
[key] => description
[value] =>
)
[2] => Array
(
[key] => twitter
[value] =>
)
[3] => Array
(
[key] => website
[value] =>
)
[4] => Array
(
[key] => facebook
[value] =>
)
[6] => Array
(
[key] => hindiname
[value] =>
)
[7] => Array
(
[key] => hindidesignation
[value] =>
)
[8] => Array
(
[key] => hindidescription
[value] =>
)
)
[hindiname] =>
)
)
- भूमिका जोशी
- जुलाई 24, 2016 20:15 pm IST
-
जेएनयू ने सिखाया था - डिग्री ही नहीं, सवाल भी ज़रूरी हैं...
उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली जाना बहुतों का ख़्वाब होता है, और कुछ का नसीब। देशभर से लोग भारी संख्या में, राष्ट्रीय स्तर पर एक दूसरे से जूझकर - कुछ नम्बरों के बल पर, कुछ परीक्षा देकर और कुछ अपने हुनर के साथ - यह रास्ता तय कर पाते हैं। दिल्ली में सरकारी शिक्षा का जो दबदबा है, वह और जगह नहीं।