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पत्थर की मूर्ति नहीं...जिंदा मजबूरी, सच्चाई जान छलक पड़े लोगों के आंसू

सड़क किनारे बैठी एक 'मूर्ति' को लोग चुपचाप देखते, फोटो खींचते और पैसे रखकर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन जैसे ही हकीकत सामने आती है, एहसास होता है कि यह पत्थर नहीं, बल्कि एक जिंदा महिला की खामोश मजबूरी है. यही वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों के दिल को झकझोर रहा है.

पत्थर की मूर्ति नहीं...जिंदा मजबूरी, सच्चाई जान छलक पड़े लोगों के आंसू
मूर्ति समझकर लोग देते रहे पैसे, सच सामने आया तो हर कोई रह गया हैरान

Woman Begs As Living Statue Video: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने देखने वालों को पहले हैरान किया और फिर इमोशनल कर दिया. वीडियो में सड़क किनारे बैठी एक महिला पूरी तरह से मूर्ति जैसी दिखाई देती है. उसका शरीर सिल्वर रंग से पुता हुआ है, चेहरा दुल्हन जैसे श्रृंगार में सजा है और गोद में एक छोटा बच्चा दिखाई देता है. राह चलते लोग उसे मूर्ति समझकर कुछ पल रुकते हैं, देखते हैं, फोटो लेते हैं और कई लोग उसके सामने पैसे भी रख देते हैं. पहली नजर में यह किसी आर्ट गैलरी या स्ट्रीट शो जैसा लगता है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. यह कोई पत्थर या धातु की मूर्ति नहीं, बल्कि एक जिंदा महिला है, जो अपनी मजबूरी में घंटों बिना हिले-डुले बैठी रहती है.

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मूर्ति नहीं, एक जिंदा इंसान की खामोश कहानी (living statue woman video viral)

कहते हैं गरीबी और हालात इंसान से बहुत कुछ करवा देते हैं. इस वीडियो में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है. महिला पूरी तरह शांत मुद्रा में बैठी रहती है, आंखें स्थिर, शरीर अकड़ा हुआ और चेहरे पर कोई भाव नहीं. देखने वाले बहुत देर तक समझ ही नहीं पाते कि सामने बैठी यह आकृति कोई जिंदा इंसान है. वीडियो में कुछ लोग उसे असली मूर्ति समझते हैं, तो कुछ लोग शक करते हुए ध्यान से देखने लगते हैं. जैसे ही महिला हल्की सी हरकत करती है, लोगों को एहसास होता है कि यह कोई मूर्ति नहीं, बल्कि एक इंसान है, जो अपनी कला या मजबूरी के जरिए पेट पाल रहा है.

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क्या है 'लिविंग स्टैच्यू' आर्ट? (What is Living Statue Art?)

दरअसल, इस तरह की परफॉर्मेंस को Living Statue Art कहा जाता है. यह एक खास तरह की स्ट्रीट परफॉर्मेंस होती है, जिसमें कलाकार बिल्कुल मूर्ति की तरह खड़े या बैठे रहते हैं. वे अपने शरीर पर सिल्वर, गोल्ड या ब्रॉन्ज रंग लगाते हैं और पारंपरिक या ऐतिहासिक पोशाक पहनते हैं. जब कोई दर्शक पास आकर सिक्का या नोट देता है, तो कई बार कलाकार अचानक आंख झपकाता है या हल्की सी हरकत करता है. यहीं से लोगों को समझ आता है कि सामने कोई मूर्ति नहीं, बल्कि जिंदा इंसान है. यही पल लोगों को सबसे ज्यादा चौंकाता है.

दुनिया में कहां लोकप्रिय है यह कला (Where is Living Statue Art Popular)

लंदन, पेरिस, बार्सिलोना और रोम जैसे शहरों में लिविंग स्टैच्यू आर्ट काफी लोकप्रिय है. वहां इसे कला और मनोरंजन का हिस्सा माना जाता है. कई कलाकार इससे सम्मान के साथ अच्छी कमाई भी करते हैं कुछ देशों में तो इसके लिए बाकायदा लाइसेंस, तय जगह और समय भी निर्धारित होता है. हालांकि, वायरल वीडियो को देखकर यह साफ नहीं है कि महिला किसी प्रोफेशनल आर्टिस्ट का हिस्सा है या सिर्फ मजबूरी में ऐसा कर रही है. यही बात लोगों को सबसे ज्यादा सोचने पर मजबूर कर रही है.

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सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं (Emotional Reactions on Social Media)

इस वायरल वीडियो को देखकर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. एक यूजर ने लिखा, 'पहले लगा गोद में असली बच्चा है, लेकिन ध्यान से देखा तो वह बेबी डॉल निकली.' दूसरे यूजर ने कहा, 'गरीबी इंसान से क्या-क्या नहीं करवा देती है.' वहीं कुछ लोगों ने इसे कला बताते हुए कहा कि, ऐसी परफॉर्मेंस की कद्र होनी चाहिए और कलाकारों को सम्मान मिलना चाहिए. यह वायरल वीडियो सिर्फ एक अनोखी स्ट्रीट परफॉर्मेंस नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने वाली कहानी है. यह बताता है कि कला, मजबूरी और जीवन की सच्चाई कई बार एक ही फ्रेम में सिमट जाती है.

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