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This Article is From Nov 17, 2016

कॉलेज के छात्रों ने प्रवासियों को वापस भेजने की डोनाल्ड ट्रंप की योजना का विरोध किया

कॉलेज के छात्रों ने प्रवासियों को वापस भेजने की डोनाल्ड ट्रंप की योजना का विरोध किया
प्रतीकातमक फोटो
वॉशिंगटन: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रवासियों को बाहर निकालने की योजना को देखते हुए कॉलेज के छात्रों ने मार्च और रैली निकाला तथा प्रशासन से कहा कि छात्रों एवं कर्मचारियों की रक्षा की जाए. 'हैशटैग सैंक्चुअरी कैम्पस' के नाम से सोशल मीडिया में अभियान भी चलाया गया.

विरोध मार्च के आयोजकों ने कहा कि वरमोंट मिडलबरी कॉलेज और येल विश्वविद्यालय सहित 80 से अधिक शिक्षण संस्थानों में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया था. छात्रों ने संस्थानों के प्रशासनों से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि उनकी निजी सूचना आव्रजन अधिकारियों के साथ साझा नहीं की जाएगी तथा आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन एजेंटों को परिसर में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा.

'मूवमेंट कोसेचा' समूह के आयोजक कालरेस रोजस ने कहा, "क्या आप उस भय की कल्पना कर सकते हैं जो एजेंटों के दाखिल होने से कॉलेज परिसरों में पैदा हो जाएगा. अगर ऐसा हुआ तो यह बहुत डरावना होगा." ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचित होने के बाद कई शहरों में हुए विरोध प्रदर्शनों के क्रम में कॉलेज के छात्रों के ये प्रदर्शन हुए हैं.

अस्पताल में व्हीलचेयर या स्ट्रेचर उपलब्ध न होने के कारण एक महिला अपने बीमार पति को खींचते हुए अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर पर ले जाने को मजबूर हुए. यह वाकया आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले के गुंटकाल के सरकारी अस्पताल का है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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