
- उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से आई आपदा में पूरा गांव मलबे में तब्दील हो गया है. भारी तबाही हुई है.
- अभी तक 274 लोगों को बचाया गया है, जबकि 60 से अधिक लोग लापता होने की आशंका जताई जा रही है.
- हर्षिल में सेना का बेसकैंप और वाहन भी मलबे में दब गए हैं, कई जवानों के लापता होने की संभावना है
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के धराली में मंगलवार को आई आपदा (Dharali Cloudburst) से पूरा देश अब तक बुरी तरह डरा हुआ है. पहाड़ से आए सैलाब में पूरा गांव मलबे के ढेर में तबदील हो चुका है. अभी भी इस मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. 60 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. अब तक 274 लोगों का रेक्स्यू किया जा चुका है. रेक्स्यू ऑपरेशन लगातार जारी है. बादल फटने के बाद खीरगंगा नदी में बाढ़ आने की वजह से पूरा धराली गांव और बाजार पूरी तरह से सैलाब में डूब चुका है. न जाने कितने होटल और बिल्डिंग्स पानी के साथ बह गए. तबाही का मंजर वहां पर साफ देखा जा सकता है. नेशनल हाईवे भी पानी-पानी नजर आ रहा है. इतना ही नहीं हर्षिल हेलीपैड भी पूरी तरह दब गया है. वह बड़ी झील में तब्दील हो चुका है. यहां पर आर्मी का बेसकैंप हुआ करता था जो कि अब मलबे में दब चुका है. बादल फटने की वजह से यहां पर बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है.
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झील में तब्दील हुआ हर्षिल का हेलीपैड
हर्षिल के हेलीपैड में तो विशाल झील बन गई है. हेलीपैड तो कहीं दिखाई तक नहीं दे रहा है. झील का आकार काफी बड़ा है. लेकिन यह अच्छी बात है कि धीरे-धीरे झील का पानी बाहर निकल रहा है. बता दें कि 5 अगस्त को अचानक बादल फटते ही भगीरथी नदी में सैलाब आ गया था. आपदा के बाद धराली और हर्षिल क्षेत्र में तबाही का मंजर साफ देखा जा सकता है. यहां पर भारी बारिश और बादल फटने से कई घर, होटल और बाजार तबाह हो गए हैं.
हर्षिल में सेना का बेसकैंप भी पानी में दबा
बादल फटने से धराली गांव के साथ ही हर्षिल में सेना के कैंप में भी भारी तबाही हुई है. सैलाब अपने साथ सेना के वाहन और पूरे कैंप को बहा ले गया. इस आपदा से कैंप को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. आशंका जताई जा रही है कि इस हादसे में कई जवान लापता हो गए हैं. हर्षिल में सेना की 14 राजरिफ़ यूनिट तैनात है.
सड़क धंस गई. कैसे होगा रेक्स्यू?
गंगोत्री नेशनल हाईवे का 30 मीटर हिस्सा धंस गया है. सड़क टूटी हुई है, आगे कई जगहों पर खाई बन गई है, जहां से रेस्क्यू टीमें आगे नहीं बढ़ पा रही हैं. भटवारी से लगभग 50 किलोमीटर दूर घरावी गांव में राहत सामग्री पहुंचानी है, लेकिन रास्ता मौत का जाल बन चुका है. बारिश के बाद भूस्खलन हुआ है, जिस वजह से रास्ता ब्लॉक हो गया है.
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