विज्ञापन

BJP ने बिहार चुनाव में मुसलमान प्रत्याशी क्यों नहीं उतारे? धर्मेंद्र प्रधान ने ये बताया...

बिहार में BJP मुसलमान प्रत्याशी क्यों नहीं उतारी, मुस्लिम महिलाओं के बुर्के उठा कर जांच करने के बयान, सीमांचल में घुसपैठ का मुद्दा और 'असदुद्दीन ओवैसी के SIR के बाद घुसपैठ की बात क्यों' वाले सवाल पर क्या बोले बीजेपी के बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान?

  • BJP ने बिहार में मुसलमानों की बड़ी संख्या में मौजूदगी के बावजूद एक भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया है.
  • सीमांचल के तहत आने वाले मुस्लिम बहुल जिलों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया में विधानसभा की कुल 24 सीटें हैं.
  • धर्मेंद्र प्रधान बोले- NDA ने 4 प्रत्याशी उतारे. सभी वर्गों, वंचितों को बैलेंस करते हुए प्रत्याशी उतारते हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

बिहार में बड़ी संख्या में मुसलमान हैं. सीमांचल के तहत आने वाले मुस्लिम बहुल जिलों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया में विधानसभा की कुल 24 सीटें हैं. यानी ये राज्य की कुल 243 सीटों का करीब 10 फीसद हुआ. इसके बावजूद बीजेपी ने राज्य में एक भी मुसलमान कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया है. पहले चरण के मतदान के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री और बीजेपी के बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने एनडीटीवी से कई मुद्दों पर बात की.

इस दौरान जब उनसे ये पूछा गया कि भारतीय जनता पार्टी ने बिहार में मुसलमानों को टिकट क्यों नहीं दिया तो केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमारे NDA में मुस्लिम कैंडिडेट हैं. हम जीतने के आधार पर चुनाव में प्रत्याशी लगाते हैं. हम हमारे गठबंधन को देखते हुए समाज के सर्व वर्गों, वंचितों को बैलेंस करते हुए चुनाव में प्रत्याशी उतारते हैं. हम इसमें विश्वास नहीं करते कि किसी समुदाय से इतने प्रत्याशी होने ही चाहिए. जीतने वाला प्रत्याशी होना चाहिए. हमने चार मुसलमान प्रत्याशियों को उतारा है, जो एनडीए के हैं."

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: PTI

गिरिराज सिंह के बुर्के वाले बयान पर धर्मेंद्र प्रधान क्या बोले?

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने "जरूरत पड़ेगी तो बुर्का उठा कर भी देखेंगे, ये पाकिस्तान नहीं है यहां पर शरिया लागू नहीं होता" वाला बयान दिया है.

धर्मेंद्र प्रधान से जब ये पूछा गया कि दूसरे चरण में जब सीमांचल में वोट डाले जाएंगे तो क्या मुस्लिम महिलाओं को क्या एनडीए पर भरोसा होगा? तो उन्होंने कहा, "किसी के बयान पर मत जाइए. चुनाव की प्रक्रिया पर जाइए. पत्र और पहचान के मिलान से मतदान के लिए जाने की अनुमति मिलती है. ये नई प्रक्रिया नहीं है, पहले से ही है. हर एक चुनाव में यही प्रक्रिया रही है. बिहार में भी ऐसा ही होता आया है, इस बार भी हो रहा है. मैंने टीवी पर कुछ मुस्लिम बहनों का इंटरव्यू देखा था. उन्होंने इसकी सराहना की. उनका कहना था कि पहचान करने में क्या दिक्कत है. इसमें आपत्ति क्या है.

क्या चुनाव के दौरान बुर्का वाली बात कहना सही है, इस पर केंद्रीय मंत्री बोले, "बिल्कुल, महिलाओं ने इसकी सराहना की है तो मीडिया को आपत्ति क्यों है. मैं मुस्लिम महिलाओं के बयान को कोट कर रहा हूं. उनका कहना है कि चेकिंग होना बुरी बात नहीं है. परिचय का मिलान होना तो कानूनी व्यवस्था है, उसी के तहत हो रहा है."

क्या सीमांचल में घुसपैठ मुद्दा है?

सीमांचल में घुसपैठ मुद्दा है, इस पर धर्मेंद्र प्रधान बोले, "सीमांचल में ही नहीं देश में घुसपैठिया एक मुद्दा है ही. पड़ोसी देश के लोग आकर बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा और भारत के प्रमुख शहरों में बस जाते हैं. इनकी लगातार पहचान करने का हमें अधिकार है. हमारे देश के संसाधन यहां के लोगों के लिए है. पड़ोसी गैर नहीं है, पड़ोस के नागरिक यहां आकर जीवन बिताएं, हमारे संसाधन को शेयर करें, ये हमारे देश के गरीबों, वंचितों के लिए अन्याय होगा."

Latest and Breaking News on NDTV

Photo Credit: PTI

ओवैसी ने पूछा कि SIR के बाद भी घुसपैठ मुद्दा क्यों, इस पर धर्मेंद्र प्रधान क्या बोले?

असदुद्दीन ओवैसी ने ये पूछा है कि जब SIR हो चुका है तब घुसपैठिए का मुद्दा कहां से उठता है. इस पर धर्मेंद्र प्रधान बोले, "SIR की जब प्रक्रिया चल रही थी तब उसका विरोध किन लोगों ने किया. ये तो कानूनी प्रक्रिया थी, राजनीतिक व्यवस्था तो नहीं थी. जब आज वोट प्रतिशत बढ़ रहे हैं तो उनके मन में आ रहा है कि घुसपैठ का मुद्दा नहीं रहा. पर ये मुद्दा तो रहेगा ही क्योंकि इस सामाजिक अतिक्रमण की SIR से पहचान हुई है, उनकी पहचान किया जाना बंद तो नहीं हो सकता है. ये एक सामाजिक चुनौती है. सीमा में प्रवेश करना नहीं होना चाहिए. देश के संसाधनों पर यहां के नागरिकों का अधिकार है, कौन से देश में घुसपैठ मुद्दा नहीं है? आप अमेरिका का उदाहरण देखिए... तो भारत इस मुद्दे को क्यों न उठाए."

SIR में बिहार के किन इलाकों से कितने वोटर्स हटाए गए?

SIR में बिहार के किन इलाकों से कितने वोटर्स हटाए गए?
Photo Credit: NDTV

सीमांचल का चुनावी समीकरण क्या है?

बिहार के सीमांचल क्षेत्र में दूसरे चरण में 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इसके चार जिलों किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, अररिया में विधानसभा की कुल 24 सीटें हैं. सबसे अधिक सात-सात सीटें पूर्णिया और कटिहार में हैं. तो अररिया में 6 और किशनगंज में 4 सीटें हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन 24 सीटों में से बीजेपी ने आठ, जेडीयू ने चार, कांग्रेस ने पांच, आरेजेडी को एक और सीपीआईएमएल को एक सीट मिली थी. वहीं ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को 5 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि बाद में उनके चार विधायक महागठबंधन में शामिल हो गए. बता दें कि किशनगंज में 68, अररिया में 43, कटिहार में 45 और पूर्णिया में 39 फीसद हिस्सेदारी मुस्लिम समाज की है.

ये भी पढ़ें: SIR के बाद सीमांचल में 24 सीटों पर क्या होगा खेला? RJD-कांग्रेस का गढ़ क्या और होगा कमजोर

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com