राजधानी की धड़कन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो ने नई रेल लाइन को लेकर एक गुड न्यूज दी है. रिठाला से नरेला होते हुए कुंडली जाने वाली मेट्रो लाइन की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मेट्रो फेज-IV के तहत रिठाला-बावाना-नरेला-कुंडली कॉरिडोर के लिए DMRC यानी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को दिल्ली जल बोर्ड की जमीन आवंटित करने की मंजूरी दे दी है. ये जमीन रिठाला से रोहिणी सेक्टर 25 तक वायाडक्ट बनाने के लिए जरूरी थी. इस फैसले से लंबे समय से रुके इस महत्वपूर्ण मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी आएगी.
बनेंगे 21 नए मेट्रो स्टेशन
रिठाला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली और हरियाणा के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा. इस कॉरिडोर में 21 ऊंचे स्टेशन होंगे जो उत्तर-पश्चिम दिल्ली के रोहिणी, बावाना और नरेला जैसे इलाकों में ट्रैफिक और प्रदूषण को काफी कम करेंगे. औद्योगिक और आवासीय क्षेत्रों तक बेहतर पहुंच मिलने से आर्थिक विकास को बल मिलेगा. यह लाइन रेड लाइन मेट्रो नेटवर्क से जुड़ेगी जिससे पूरे NCR में यात्रा आसान और निर्बाध हो जाएगी. खासकर सीमावर्ती और कम सुविधाओं वाले इलाकों में रहने वाले लाखों लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा मिलेगी.

हर दिन 1.26 लाख लोग करेंगे सफर
परियोजना रिपोर्ट (DPR) के अनुसार, निर्माण पूरा होने के बाद (अनुमानित वर्ष 2028 तक) इस कॉरिडोर पर हर दिन लगभग 1.26 लाख यात्री सफर करेंगे. लंबी अवधि में, वर्ष 2055 तक यह संख्या बढ़कर लगभग 3.8 लाख होने की उम्मीद है. ये कॉरिडोर उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी, बवाना, नरेला और हरियाणा के कुंडली जैसे बड़े और पिछड़े हुए उप-शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों को सीधे कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. ये वो क्षेत्र हैं जहां दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) बड़े पैमाने पर आवासीय योजनाओं (जैसे नरेला में 3,500 से अधिक फ्लैट) और शैक्षणिक हब (7 विश्वविद्यालय कैंपस) का विकास कर रहा है.
इस फैसले से न केवल बहुप्रतीक्षित मेट्रो लाइन का काम तेज होगा बल्कि नरेला क्षेत्र के विकास को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा. नरेला को शिक्षा केंद्र, प्रमुख आवासीय इलाका और खेल हब के रूप में विकसित करने की योजनाएं अब तेजी से आगे बढ़ सकेंगी. साथ ही क्षेत्र में अन्य सुविधाएं भी बेहतर होंगी.

वर्षों से लंबित पड़ा था मामला
येे मामला पिछली आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल में सालों से लंबित पड़ा था. अब उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद दिल्ली जल बोर्ड रिठाला स्थित अपने एसटीपी में 50 वर्ग मीटर जमीन डीएमआरसी को स्थायी रूप से 99 साल की लीज पर देगा. इसके अलावा वायाडक्ट निर्माण के लिए 1286 वर्ग मीटर जमीन चार साल के लिए अस्थायी रूप से उपलब्ध कराई जाएगी.
नियमों के मुताबिक, डीएमआरसी जल बोर्ड को कुल 75,50,353 रुपये का भुगतान करेगा. इसमें स्थाई जमीन के लिए 12.29 लाख रुपये और अस्थाई जमीन के लिए 63.21 लाख रुपये शामिल हैं. नियमों के मुताबिक, DMRC इस जमीन का इस्तेमाल सिर्फ मेट्रो निर्माण के लिए ही करेगा.
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