Delhi New Liquor Policy: दिल्ली में शराब के शौकीनों के लिए नई व्यवस्था लागू हो सकती है. शराब के शौकीन घर बैठे मोबाइल ऐप से शराब बुक कर सकेंगे. वे अपनी फेवरेट ब्रैंड की शराब की प्री-बुकिंग कर सकेंगे. दरअसल, दिल्ली सरकार अपनी नई आबकारी नीति (New Excise Policy) लाने की तैयारी कर रही है. लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में एक समिति को एक्साइज पॉलिसी (New Liquor Policy) का मसौदा (Draft) तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
फेवरेट शराब की प्री-बुकिंग
समाचार एजेंसी PTI ने बताया है कि नई ड्राफ्ट पॉलिसी में अपनी फेवरेट ब्रैंड की शराब प्री-बुक (Pre-book) यानी पहले से ही बुक करने का प्रावधान होगा. सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस ड्राफ्ट पॉलिसी पर जनता की राय (Feedback) जानने के लिए जनवरी 2026 तक सार्वजनिक किए जाने की संभावना है.
फिलहाल दिल्ली में 700 से अधिक शराब की दुकानें हैं, जिन्हें चार सरकारी निगम संचालित करते हैं- DSIIDC, DTTDC, DSCSC और DCCWS. मंत्री वर्मा की अध्यक्षता वाली समिति की एक योजना यह भी है कि आवासीय क्षेत्रों में शराब की दुकानों की संख्या को कम किया जाए ताकि एक जगह पर दुकानों का जमावड़ा (Clusters) न हो.
ऐप के जरिए कैसे होगी प्री-बुकिंग?
एक सूत्र ने बताया, 'इस नीति पर हितधारकों (Stakeholders) के साथ कई बैठकें हो चुकी हैं.' उन्होंने कहा, 'हमारी योजना एक ऐसा एप्लिकेशन लाने की है जिससे ग्राहक आस-पास के स्टोर पर ब्रांड की उपलब्धता देख सकेंगे. उनके पास अपनी पसंद के ब्रांड को पहले से बुक करने का विकल्प होगा.'

क्या चार्ज भी देना होगा?
इस बात पर विचार किया जा रहा है कि क्या प्री-बुकिंग के लिए ग्राहकों को कोई शुल्क देना होगा. ये भी तय किया जा रहा है कि दुकान मालिक ग्राहक के प्री-बुक किए गए ऑर्डर को लेने के लिए एक घंटे तक इंतजार करेंगे. यदि ग्राहक समय पर नहीं आता है, तो वो ब्रैंड किसी अन्य ग्राहक को बेचने के लिए स्वतंत्र होगा.
कंप्लेन करने की भी व्यवस्था
सूत्र ने आगे बताया कि इस एप्लिकेशन पर सभी स्टोर को मैप किया जाएगा और उन्हें अपने स्टॉक की जानकारी लगातार अपडेट करनी होगी. इससे सरकार को यह पता चलेगा कि कौन से ब्रांड लोकप्रिय हैं. उदाहरण के लिए, यदि कई ग्राहक किसी ब्रांड को खोजते हैं लेकिन वह उपलब्ध नहीं है, तो सरकार को इसकी जानकारी मिलेगी और वह उसे स्टोर पर उपलब्ध कराएगी.
इस ऐप में ग्राहकों के लिए शिकायत निवारण (Grievance Redressal) का एक सेक्शन भी होगा. साथ ही, दुकानों द्वारा किसी खास ब्रांड को बढ़ावा देने या जबरदस्ती बेचने पर (Brand Pushing) भी रोक लगेगी. इससे पहले, दिल्ली सरकार ने नई नीति तैयार न होने के कारण मौजूदा आबकारी नीति को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था.
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