पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को नया दावा किया कि “14 जनवरी तक एक बेहद प्रभावशाली डकैत सलाखों के पीछे होगा.” इससे पहले वह लोगों को दिसंबर की तीन अलग-अलग तारीखों पर होने वाली घटनाओं पर नज़र रखने के लिए कह चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक ने दावा किया कि यह ‘डकैत' कई घोटालों में शामिल है और इसने लोगों को लूटकर काफी संपत्ति बनाई है.
उन्होंने पहले कहा था कि राज्य की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नीत सरकार को नए साल की सुबह देखने को नहीं मिलेगी. उनकी इस बात से पार्टी के अन्य नेताओं ने सहमति जताई थी. हालांकि, तृणमूल ने अधिकारी के दावे को ‘बेबुनियाद' बताया है.
पिछले हफ्ते, भाजपा नेता ने लोगों से कहा था कि 'इंतजार करें और देखें कि 12, 14 और 21 दिसंबर को क्या होता है.' हाजरा में भाजपा की एक सभा को संबोधित करते हुए, नंदीग्राम के विधायक ने कहा, 'कुछ लोग मुझसे मेरे द्वारा दी गई 12 दिसंबर की तारीख के बारे में पूछ रहे हैं और दिसंबर की समय सीमा के बारे में भी पूछ रहे हैं. खैर, शुभेंदु अधिकारी तिकड़म में विश्वास नहीं करते हैं.'
अधिकारी ने कहा, “पहले मेरे कहने का मतलब यह था कि हम तृणमूल कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ इस लड़ाई को एक महत्वपूर्ण चरण में ले आए हैं. 12 दिसंबर नहीं तो 14 जनवरी... लोगों का पैसा लूटने और अकूत संपत्ति जमा करने वाला बंगाल का एक बेहद प्रभावशाली डकैत तब तक सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. मेरी बात लिख लें."
अधिकारी ने यह भी कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को 2024 तक केंद्र द्वारा लागू किया जाएगा. अधिकारी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा कि वह ''गैर जिम्मेदाराना बयान'' दे रहे हैं.
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