अमीर और फेमस बनने के लिए आस्था का इस्तेमाल कर साजिश रचने वाले दो बेटे और पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का है. जिले के महमूदपुर गांव निवासी अशोक कुमार और उनके दो बेटे रवि और विजय ने साजिश के तहत हाल ही में भगवान की कुछ मूर्तियां (धातु वाले) मंगवाईं थीं और उन्हें अपनी खेत में गाड़ दिया था. वहीं, कुछ दिनों बाद गांव में ये अफवाह फैला दी कि उनके खेत में जुताई के दौरान देवी-देवताओं की मूर्ती मिली है.
हालांकि, उन्हें खेत में मूर्ती के होना का पता कैसे चला के सवाल पर उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस संबंध में सपना आया था. ऐसे में खबर फैलते ही पूरे गांव के लोग उनके खेत पर इकट्ठा होने लगे और मूर्तियों की पूजा करते हुए चढ़ावा चढ़ाने लगे. सबकुछ प्लान के हिसाब से चल रहा था. हालांकि, उनकी ये प्लानिंग ज्यादा दिन तक चली नहीं.
इस संबंध में मंगलवार को जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मूर्तियों की जानकारी पुरातत्व विभाग को दी. पुलिस ने कहा कि उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने जांच शुरू कर दी क्योंकि मूर्तियां प्राचीन नहीं बल्कि बिल्कुल नई थीं. उन्होंने एक स्थानीय, एक ऑनलाइन वेबसाइट के डिलीवरी मैन को हिरासत में लिया, जिसने खुलासा किया कि रवि ने मूर्तियों का एक सेट ऑर्डर किया था, जिसकी कीमत 169 रुपये थी.
जानकारी मिलते ही अशोक कुमार और उनके बेटों को गिरफ्तार कर लिया गया. घंटों पूछताछ के बाद, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने मूर्तियों को ऑनलाइन खरीदा था और उन्हें प्रसिद्ध और अमीर बनने के लिए खेत में गाड़ दिया था. पुलिस सूत्रों का कहना है कि उन्होंने चढ़ावा के रूप में लगभग 30,000 रुपये एकत्र किए हैं.
इस संबंध में बांगरमऊ सर्कल अधिकारी पंकज सिंह ने कहा, " वे अपनी बनाई कहानी के माध्यम से ग्रामीणों को बुद्धु रहे थे. जांच के दौरान यह पता चला कि मूर्तियों को ऑनलाइन खरीदा गया था. हम आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं."
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