प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 22 दिसंबर को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University) के शताब्दी समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग होंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhariyal Nishank) भी इस कार्यक्रम में उनके साथ होंगे. यह कार्यक्रम वर्चुअल होगा. विश्वविद्यालय ती तरफ से जारी मीडिया बयान में यह भी कहा गया है कि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने "सभी संबंधितों से शताब्दी कार्यक्रम को राजनीति से ऊपर रखने की अपील की है."
इस मशहूर विश्वविद्यालय का भाजपा के साथ कांटेदार संबंध रहा है, जिसके नेताओं ने विश्वविद्यालय के छात्रों की बार-बार आलोचना की और यहां तक कि यह भी सुझाव दिया कि संस्था का नाम बदल दिया जाए.
सालभर पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों के साथ पुलिस की ज्यादती सुर्खियों में थी. 15 दिसंबर, 2019 की हिंसक झड़पों के बाद जामिया और एएमयू छात्रों के समर्थन में देश भर के विश्वविद्यालय परिसरों से छात्र बाहर आ गए थे.
दो साल पहले, पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का एक चित्र, जो विश्वविद्यालय के छात्र संघ हॉल में लटका हुआ था, विवाद का विषय बन गया था. यह विवाद स्थानीय विधायक के एक पत्र से शुरू हुआ था.
अलीगढ़ के भाजपा विधायक सतीश गौतम ने AMU कुलपति को पत्र लिखकर पूछा था कि जिन्ना का चित्र लगाने की अनुमति क्यों दी गई? इस पर एएमयू के प्रवक्ता शफी किदवई ने जवाब दिया था कि जिन्ना विश्वविद्यालय के संस्थापक थे और उन्हें आजीवन छात्र संघ की सदस्यता दी गई थी.
कोरोना वैक्सीन Covaxin के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू, AMU वाइस चांसलर बने पहले वॉलेंटियर
बता दें कि सर सैयद अहमद खान ने अलीगढ़ में 1875 में मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की थी. बाद में 1920 में यही कॉलेज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बन गया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं