अपना पहला ओलंपिक खेल रहे स्वप्निल कुसाले (Swapnil Kusale wins bronze) ने 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन शूटिंग में कांस्य पदक जीता है. जिसके साथ ही कुसाले पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3पी स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज भी बनें. क्वालीफिकेशन में सातवें नंबर पर रहे स्वप्निल ने 451. 4 स्कोर के साथ फाइनल में तीसरा स्थान हासिल किया. पेरिस ओलंपिक में भारत का ये तीसरा कांस्य है. महाराष्ट्र के रहने वाले स्वप्निल कुसाले के गांव कोल्हापुर में आज जश्न का माहौल है. ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले के माता-पिता ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्हें यकीन था कि उनका बेटा तिरंगे और देश के लिए पदक जीतेगा. स्वप्निल के पिता ने कोल्हापूर में पत्रकारों से कहा ‘‘ हमने उसे उसके खेल पर फोकस करने दिया और कल फोन भी नहीं किया. पिछले दस बारह साल से वह घर से बाहर ही है और अपनी निशानेबाजी पर फोकस कर रहा है. उसके पदक जीतने के बाद से हमें लगातार फोन आ रहे हैं.''
स्वप्निल की मां ने कहा ,‘‘ वह सांगली में पब्लिक स्कूल में था जब निशानेबाजी में उसकी रूचि जगी. बाद में वह ट्रेनिंग के लिए नासिक चला गया.' स्वप्निल कुसाले के गांव और स्कूल में आज सुबह से हर कोई बस उनके मुकाबले का इंतजार कर रहा था. उनके स्कूल में तो बच्चों को पेरिस ओलंपिक लाइव दिखाया गया और इस दौरान बच्चों ने जमकर नारे गए कि जीतेगा भाई जीतेगा..स्वप्निल भाई जीतेगा... स्वप्निल कुशले बच्चों के विश्वास पर खरे उतरे और उन्होंने भारत की झोली में तीसरा पदक डाल दिया.
ज़िंदाबाद स्वप्निल.. ऐसे दृश्य प्रेरणा पैदा करते हैं❤️
— NDTV India (@ndtvindia) August 1, 2024
जीतेगा भाई जीतेगा..स्वप्निल भाई जीतेगा..' ये तस्वीर है कोल्हापुर के स्वप्निल कुसले के गांव और स्कूल की. जब उन्होंने पेरिस ओलंपिक में मेडल जीता तो कुछ ऐसा माहौल था.#IndiaAtParis2024 । #ParisOlympics2024 ।#SwapnilKusale pic.twitter.com/9sHaG5oXZV
ये वीडियो है कोल्हापुर के स्वप्निल कुसाले के स्कूल का है. जिसमें उनके स्कूल के बच्चे बैठकर उनका मुकाबल पूरे जोश के साथ देख रहे हैं. बता दें कि स्वप्निल कुसाले से पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कांस्य जीता है.
अपने ओलंपिक डेब्यू पर कुशले 590-38x के स्कोर के साथ सातवें स्थान पर रहे. जबकि तोमर 589-33x के कुल स्कोर के साथ 11वें स्थान पर रहे. केवल शीर्ष आठ निशानेबाज ही फाइनल राउंड के लिए क्वालिफाई कर पाए और तोमर फाइनल राउंड में अपनी जगह बनाने में असफल रहे.
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