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Paris Olympics 2024: सरपंच का बेटा, धोनी की तरह टिकट कलेक्टर, ऐसा रहा है स्वप्निल का ओलंपिक पदक तक का सफर

Swapnil Kusale Win Bronze Medal: कुसले ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 451.4 का कुल स्कोर बनाया और एक समय छठे स्थान पर रहने के बाद एलिमिनेशन राउंड में तीसरे स्थान पर रहे.

Paris Olympics 2024: सरपंच का बेटा, धोनी की तरह टिकट कलेक्टर, ऐसा रहा है स्वप्निल का ओलंपिक पदक तक का सफर
Swapnil Kusale: जानिए कौन हैं स्वप्निल कुसले, जिन्होंने मेडल जीतकर रचा इतिहास

Swapnil Kusale Win Bronze Medal: भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुसले ने भारत को पेरिस ओलंपिक में तीसरा कांस्य 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में दिलाया है. कुसले ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 451.4 का कुल स्कोर बनाया और एक समय छठे स्थान पर रहने के बाद एलिमिनेशन राउंड में तीसरे स्थान पर रहे. 28 वर्षीय कुसले का पदक मनु भाकर के शानदार प्रदर्शन के बाद आया है, जिन्होंने पहले महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में और उसके बाद सरबजोत सिंह के साथ मिश्रित टीम 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीता. भारत के लिए अब तक के तीनों पदक निशानेबाजी स्पर्धाओं में आए हैं.

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आखिरी बार 50 मीटर राइफल शूटर ने 2012 लंदन ओलंपिक के फाइनल में जगह बनाई थी, जब जॉयदीप करमाकर 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे थे, एक ऐसा इवेंट जिसे ओलंपिक में बंद कर दिया गया है.

धोनी से प्रेरणा लेते हैं स्वप्निल कुसले

कुसले क्रिकेट आइकन एमएस धोनी से प्रेरणा लेते हैं क्योंकि वह भी उनकी तरह रेलवे टिकट कलेक्टर हैं. महाराष्ट्र के कोल्हापुर के पास कम्बलवाड़ी गाँव के 29 वर्षीय खिलाड़ी 2012 से अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं, लेकिन पेरिस खेलों में ओलंपिक में पदार्पण करने के लिए उन्हें 12 साल और इंतजार करना पड़ा. एक निशानेबाज के लिए शांत और धैर्यवान होना पहली शर्त है और ये दो गुण धोनी के व्यक्तित्व की पहचान भी हैं. इसलिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कुसले धोनी की जीवन कहानी से खुद को जोड़ते हैं. उन्होंने विश्व कप विजेता की बायोपिक कई बार देखी है और चैंपियन क्रिकेटर की शानदार उपलब्धियों की बराबरी करने की उम्मीद करते हैं.

कौन हैं स्वप्निल कुसाले (Who is Swapnil Kusale)

6 अगस्त 1995 को पुणे में जन्मे स्वप्निल कुसाले किसान पृष्ठभूमि से आते हैं. निशानेबाजी में स्वप्निल का सफर 2009 में शुरू हुआ जब उनके पिता ने उन्हें महाराष्ट्र के प्राथमिक खेल कार्यक्रम क्रीड़ा प्रबोधिनी में उनका दाखिला दिलाया. एक साल के अभ्यास के बाद, कुसाले ने निशानेबाजी को अपने खेल के रूप में चुना. उनके समर्पण और प्रतिभा को जल्द ही पहचान मिली और 2013 में उन्हें लक्ष्य स्पोर्ट्स से स्पॉन्सरशिप मिली.

शूटिंग जगत में कुसाले की उपलब्धियां उल्लेखनीय हैं. उन्होंने कुवैत में 2015 एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में 50 मीटर राइफल प्रोन 3 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था. इसके अतिरिक्त, उन्होंने गगन नारंग और चैन सिंह जैसे प्रसिद्ध निशानेबाजों को पछाड़ते हुए तुगलकाबाद में 59वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैम्पियनशिप जीती थी. उन्होंने तिरुवनंतपुरम में 61वीं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में इस सफलता को दोहराया और 50 मीटर राइफल 3-पोजीशन स्पर्धा में एक और स्वर्ण हासिल किया.

स्वप्निल काहिरा में 2022 विश्व चैम्पियनशिप में चौथे स्थान पर रहे और भारत के लिए ओलंपिक कोटा स्थान अर्जित किया. पुणे में जन्मे निशानेबाज ने 2022 एशियाई खेलों में टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता और बाकू में 2023 विश्व कप में मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता, साथ ही व्यक्तिगत और टीम स्पर्धाओं में दो रजत पदक जीते. कुसाले ने 2022 विश्व चैम्पियनशिप में टीम स्पर्धा में कांस्य पदक और नई दिल्ली में 2021 विश्व कप में टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक भी जीता. स्वप्निल टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम का हिस्सा हैं.

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