महाराष्ट्र के जालना में हुई आयकर विभाग की छापेमारी, जिसमें 390 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई, किसी फिल्मी ड्रामा से कम नहीं थी. छापेमारी करने गए सारे अधिकारी बाराती बनकर गए थे. पूरी कार्रवाई के लिए विस्तृत व्यवस्था की गई थी, जिसके फसस्वरूप 56 करोड़ रुपये नकद, 32 किलोग्राम सोना और 14 करोड़ रुपये के मूल्य के हीरे, अन्य संपत्ति दस्तावेजों और डिजिटल डेटा जब्त हुए.
बता दें कि आईटी विभाग ने 3 अगस्त को छापेमारी के लिए 120 वाहनों का इस्तेमाल किया. हालांकि, सभी वाहन अलग-अलग चले गए ताकि किसी को छापेमारी की सूचना न मिले. सभी वाहनों को इस तरह सजाया गया था, जिससे कि ऐसा लगे कि वे किसी के बारात के हैं. कुछ वाहनों में "दुल्हन हम ले जाएंगे" लिखा हुआ बोर्ड भी था. इस स्लोगन का अक्सर दूल्हे को ले जाने वाली कारों में इस्तेमाल किया जाता था.
लगभग 250 आयकर विभाग के कर्मचारी और पुलिस अधिकारी छापे मारने के लिए "बाराती" का वेश बनाकर चले. टीमों ने स्टील, कपड़े और रियल एस्टेट में काम करने वाले दो व्यापारिक समूहों से संबंधित परिसरों, गोदामों और फार्महाउस पर छापे मारे. अधिकारियों का कहना है कि ये आइडिया मददगार रही क्योंकि वे करोड़ों के आभूषणों को जब्त करने में सफल रहे.
छापेमारी के दौरान जब्त की गई नकदी को गिनने में अधिकारियों को करीब 13 घंटे का समय लगा. व्यापारिक समूहों द्वारा कथित कर चोरी के बारे में इनपुट के बाद तलाशी ली गई थी. आईटी विभाग ने छापेमारी के लिए 260 अधिकारियों की पांच टीमों का गठन किया था.
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