विज्ञापन
This Article is From Feb 26, 2024

तमिलनाडु सरकार बनाम ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ED का आरोप- 'जांच रोकने की हो रही कोशिश'

सुप्रीम कोर्ट  कथित अवैध रेत-खनन घोटाला मामले में तमिलनाडु के 5 जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन पर रोक लगाने के विरोध में ED की याचिका पर सुनवाई कर रहा है.

तमिलनाडु सरकार बनाम ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, ED का आरोप- 'जांच रोकने की हो रही कोशिश'
नई दिल्ली:

तमिलनाडु में कथित अवैध रेत खनन घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मिथल की बेंच ने ईडी (ED) बनाम तमिलनाडु सरकार मामले की सुनवाई की. इस दौरान दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि राज्य आरोपियों के जूतों में पैर रख रहा है और जांच रोक रहा है. कोर्ट मंगलवार को मामले की अगली सुनवाई करेगा. 

23 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि राज्य सरकार कैसे रिट याचिका दाखिल कर सकती है? किस कानून के तहत याचिका दाखिल की गई? क्या ये संघवाद के खिलाफ नहीं है? राज्य सरकार कैसे ED समन से व्यथित है? इस मामले में उसका क्या हित है?

जस्टिस बेला त्रिवेदी ने तमिलनाडु सरकार से पूछा, कौन से कानून के तहत राज्य सरकार ने रिट याचिका दाखिल की? कलेक्टर निजी हैसियत से याचिका दाखिल कर सकते हैं?

तमिलनाडु सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि कलक्टर की ओर से भी याचिका दाखिल की गई है. ईडी का केस अनुसूचित अपराध नहीं है. ईडी के पास हमारे कलेक्टरों से रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. पीएमएलए के तहत उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. उस लीज के लिए न तो कोई जांच हुई है और न ही कोई एफआईआर हुई. पीएमएलए के किस प्रावधान के तहत उन्होंने ऐसी जानकारी मांगी है?

जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा राज्य कैसे अपील दायर कर सकता है? यदि कलेक्टर व्यथित है तो कलेक्टर को अपील दायर करनी चाहिए थी. तमिलनाडु सरकार के लिए सिब्बल ने कहा कि क्या कलेक्टर राज्य का हिस्सा नहीं हैं? राज्य कलेक्टरों की ओर से फाइल कर सकता है.

जस्टिस त्रिवेदी ने कहा, अनुच्छेद 256 के तहत राज्य को संसद द्वारा बनाए गए कानून का पालन करना होगा. इस पर सिब्बल ने कहा पीएमएलए कई मामलों में लागू नहीं होता, क्योंकि ये अपराध अनुसूचित अपराध नहीं हैं. खनन अनुसूचित अपराध नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने फिर तमिलनाडु सरकार पर सवाल उठाए कि, किस कानून के तहत ED के खिलाफ याचिका दाखिल की. राज्य सरकार को संसद के बनाए कानून का पालन करना होगा. राज्य के अफसरों को पता लगाने में ED का सहयोग करना चाहिए कि अपराध हुआ है या नहीं. यदि कलेक्टर व्यथित है तो कलेक्टर को अपील दायर करनी चाहिए थी. 

जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा, राज्य कैसे अपील दायर कर सकता है? यदि कलेक्टर व्यथित है तो कलेक्टर को अपील दायर करनी चाहिए थी.

तमिलनाडु सरकार के लिए सिब्बल ने कहा क्या कलेक्टर राज्य का हिस्सा नहीं हैं? राज्य कलेक्टरों की ओर से फाइल कर सकता है. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा कि अनुच्छेद 256 के तहत राज्य को संसद द्वारा बनाए गए कानून, PMLA नियमों का पालन करना होगा.

सिब्बल ने कहा कि पीएमएलए कई मामलों में लागू नहीं होता, क्योंकि ये अपराध अनुसूचित अपराध नहीं हैं. खनन अनुसूचित अपराध नहीं है, ईडी के पास हमारे कलेक्टरों से रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. पीएमएलए के तहत उनका कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. उस लीज के लिए न तो कोई जांच हुई है और न ही कोई एफआईआर हुई. पीएमएलए के किस प्रावधान के तहत उन्होंने ऐसी जानकारी मांगी है? कलेक्टर भी राज्य सरकार का हिस्सा हैं.

सुप्रीम कोर्ट  कथित अवैध रेत-खनन घोटाला मामले में तमिलनाडु के 5 जिला कलेक्टरों को जारी किए गए समन पर रोक लगाने के विरोध में ED की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. सुनवाई के दौरान जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने सवाल उठाए थे. राज्य रिट याचिका कैसे दायर कर सकता है? किस कानून के तहत?

तमिलनाडु राज्य के लिए पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कानून के तहत कोई रोक नहीं है. राज्य सरकार के खिलाफ ED ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

जस्टिस त्रिवेदी ने कहा आप हमें इस बात पर संतुष्ट करें कि राज्य की रुचि क्या है और वह रिट याचिका कैसे दायर कर सकता है? राज्य कैसे व्यथित है? हम इस आदेश पर रोक लगाएंगे. धारा 50 प्रारंभिक जांच के लिए हैं - वे जानकारी चाहते हैं.

रोहतगी ने कहा कि उन्हें गैर-अनुसूचित अपराधों की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है. जस्टिस त्रिवेदी ने कहा क्या उन्हें जांच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करना चाहिए? इस पर रोहतगी ने कहा अगर ईडी बिना अधिकार क्षेत्र के काम कर रहा है तो वे बाध्य नहीं हैं. संघवाद से संबंधित मुद्दे हैं. राज्य के पास यह रिट याचिका दायर करने का आधार क्यों है, ये हम बताएंगे.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com