शासन के मुद्दों पर गतिरोध के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना (VK Saxena) और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के बीच निर्धारित साप्ताहिक बैठक शुक्रवार को नहीं हुई. उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल शाम चार बजे होने वाली बैठक के लिए 'राजनिवास' नहीं आए और इस संबंध में उनके कार्यालय द्वारा कोई कारण नहीं बताया गया.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह बैठक नहीं हुई. उन्होंने इस संबंध में कोई कारण नहीं बताया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव समेत कई अन्य विषयों को लेकर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और उपराज्यपाल के बीच गतिरोध बना हुआ है. मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के बीच आखिरी बैठक 13 जनवरी को हुई थी.
बता दें कि उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव का मूल कारण संविधान का अनुच्छेद- 239 AA रहा है. इसमें कहा गया है कि मतभेद की स्थिति में उपराज्यपाल का फैसला अंतिम होगा. दिल्ली सरकार पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और भूमि को थोड़कर दूसरे विषयों पर कोई फैसला ले सकती है, लेकिन ये निर्णय भी दिल्ली सरकार संसद से पारित कानूनों के तहत ही ले सकती है.
इस अनुच्छेद के मुताबिक केन्द्र शासित प्रदेश दिल्ली के कार्यकारी प्रमुख मुख्यमंत्री नहीं हैं, बल्कि ये हक़ उपराज्यपाल के पास है.
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