
- अदाणी पावर और भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प लिमिटेड ने 570 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना के लिए समझौता किया.
- भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी की उपस्थिति में समझौते हुए.
- वांगछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट में 60 अरब रुपए का निवेश होगा और निर्माण 2026 की पहली छमाही तक शुरू होगा.
अदाणी पावर और भूटान की सरकारी स्वामित्व वाली बिजली उत्पादन कंपनी ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प लिमिटेड (डीजीपीसी) ने शनिवार को भूटान में 570 मेगावाट की वांगछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए शेयरहोल्डर्स एग्रीमेंट (एसएचए) पर हस्ताक्षर किए. पावर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) पर सैद्धांतिक सहमति भी बनी और डेवलपर्स ने भूटान की शाही सरकार के साथ प्रोजेक्ट के लिए रियायत समझौते (सीए) पर भी हस्ताक्षर किए. भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी की उपस्थिति में समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए.
इस कदम से अदाणी पावर और डीजीपीसी के लिए रन-ऑफ-रिवर वांगछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन को बीओओटी (बिल्ड, ओन, ऑपरेट, ट्रांसफर) मॉडल पर शुरू करने का मार्ग प्रशस्त होता है.

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दुनिया के लिए एक आदर्श: ख्यालिया
अदाणी पावर के सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा, "भूटान सस्टेनेबल डेवलपमेंट में दुनिया के लिए एक आदर्श है और हम इस रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट के माध्यम से देश के प्राकृतिक संसाधनों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए बेहद उत्साहित हैं. वांगछू हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट गर्मियों में भूटान की सबसे ज्यादा डिमांड को महत्वपूर्ण रूप से पूरा करेगी, जब जल विद्युत उत्पादन कम होता है. गर्मियों के महीनों के दौरान, यह भारत को बिजली निर्यात करेगी."
वांगछू प्रोजेक्ट में रिन्यूएबल एनर्जी पावर प्लांट और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना में लगभग 60 अरब रुपए का निवेश होगा.
2026 की पहली छमाही तक निर्माण शुरू होने की उम्मीद
विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की तैयारी पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही तक शुरू होने की उम्मीद है. इसे शिलान्यास के पांच साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
डीजीपीसी के प्रबंध निदेशक, दाशो छेवांग रिनजिन ने कहा, "भूटान और भारत 1960 के दशक से ही भूटान की विशाल जलविद्युत क्षमता का दोहन करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. जलविद्युत के क्षेत्र में इस सहयोग से दोनों देशों को अत्यधिक लाभ हुआ है और इसे दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों की आधारशिला माना जाता है."
हाई इनकम ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस देश बनने का प्रयास
भूटान अगले दशक में एक हाई इनकम ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) देश बनने का प्रयास कर रहा है, इसलिए जलविद्युत और सौर ऊर्जा जैसे रिन्यूएबल एनर्जी संसाधनों से विश्वसनीय और सस्ती बिजली तक पहुंच देश के आर्थिक विकास को गति देने के लिए अन्य निवेशों को सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण होगी.
इसलिए, भूटान 2040 तक जलविद्युत में 15,000 मेगावाट और सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 5,000 मेगावाट की अतिरिक्त वृद्धि करने की योजना बना रहा है.
रिनजिन ने आगे कहा, "डीजीपीसी 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना की स्थापना के लिए अदाणी समूह के साथ साझेदारी कर प्रसन्न है. अदाणी समूह की तकनीकी और वित्तीय क्षमता और उनके अपार अनुभव व विशेषज्ञता को देखते हुए, परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आने और ऐसी अन्य परियोजनाओं के लिए एक मानक स्थापित होने की उम्मीद है."
अदाणी ग्रुप और डीजीपीसी के बीच मई 2025 में समझौता
अदाणी ग्रुप और डीजीपीसी के बीच मई 2025 में एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे. इस समझौते का मकसद भूटान में 5,000 मेगावाट की हाइड्रोपावर (जलविद्युत) परियोजनाएं मिलकर विकसित करना है. वांगछू इस समझौता ज्ञापन के तहत शुरू की जाने वाली पहली जलविद्युत परियोजना है.
अदाणी समूह और डीजीपीसी इस रणनीतिक साझेदारी के तहत भविष्य की परियोजनाओं के लिए आगे की चर्चाओं में लगे हुए हैं.
अदाणी पावर, अदाणी समूह का हिस्सा है और भारत में सबसे बड़ा प्राइवेट थर्मल पावर प्रोड्यूसर है. कंपनी की इंस्टॉल्ड थर्मल पावर कैपेसिटी 18,110 मेगावाट है, जो गुजरात के बारह पावर प्लांट्स में फैली हुई है.
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