- दक्षिण अफ्रीका ने रायपुर में दूसरे वनडे मैच में भारत को 359 रनों के लक्ष्य के बावजूद हराकर सीरीज बराबर कर ली
- पेसर प्रसिद्ध कृष्णा ने कुछ विकेट लिए, लेकिन अन्य तेज गेंदबाज राणा और अर्शदीप प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर सके
- स्पिन गेंदबाजों ने विविधता लाने की कोशिश की, पर रायपुर की पिच पर उनका असर सीमित रहा
रायपुर में बुधवार को खेले गये दूसरे मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को ...से हराकर सीरीज 1-1 से बराबर कर ली. अब सीरीज का फैसला शनिवार को विशाखापट्टम में खेले जाने वाले तीसरे और आखिरी वनडे मैच में होगा. टीम इंडिया मेहमानों के सामने 359 रनों का टारगेट देने के बावजूद इस विशाल स्कोर का बचाव नहीं कर सकी. इसने भारतीय अटैक को आइना भी दिखा दिया जब हालात थोड़े से ज्यादा विपरीत हो जाएं, तो उनके क्या हाल हो जाते है. हालांकि, स्लॉग ओवरों में एक समय उम्मीद बंधी थी, लेकिन सच यह है कि बाजी पहले ही हाथ से निकल चुकी थी. और और जो उम्मीद जगी थी, वह झूठी ही थी.
1. पेसर नहीं दिखा सके दम
बाद में तुलनात्मक रूप से आसान हो चुकी रायपुर की पिच पर पेसरों ने कोशिश तो बहुत की, लेकिन वे शतकवीर मार्करम से पार नहीं ही पा सके. प्रसिद्ध कृष्णा ने जरूर दूसरे स्पेल में दम दिखाते हुए विकेट चटकाए, लेकिन राणा और अर्शदीप विकेट लेकर नहीं दे सके. प्रसिद्ध कृष्णा ने जमकर खेल रहे. स्लॉग ओवरों में पहले प्रसिद्ध कृष्णा ने जमकर खेल रहे अर्द्धशतवीर ब्रीटजे और फिर अगले ही ओवर में अर्शदीप के
मार्को जानसेन के आउट करने से भारतीय फैंस के चेहरे खिले जरूर थे, लेकिन यहां से जरूरी रन औसत बहुत ही कम हो चला था. ऐसे में 5 गेंदों के भीतर गिरे इन दो विकेटों से दक्षिण अफ्रीका पर ज्यादा असर नहीं पड़ा.
2. स्पिनर भी रहे पूरी तरह बेअसर
दूसरे वनडे की पिच में स्पिनरों के लिए भी ज्यादा कुछ नहीं था. स्पिनरों ने अपनी तरह से कोशिश बहुत ही अच्छी की. विविधता लाने का भी प्रयास किया, लेकिन यह फलीभूत साबित नहीं हुआ
3. यशस्वी जायसवाल की बड़ी चूक
शतकवीर मार्करम को बैटिंग में फ्लॉप रहे यशस्वी जायसवाल का जीवनदान देना बहुत ही महंगा साबित हुआ. पारी में कुलदीप यादव के फेंके 18वें ओवर की दूसरी गेंद पर मार्करम ने हवाई शॉट खेला. जायसवाल दाईं ओर दौड़े, लेकिन सही पोजीशन में नहीं आ सके. कैच भी छूटा और छक्के में तब्दील हो गया. तब मार्करम 53 रन पर थे. और 110 रन बनाने वाले मार्करम का कैच भारत के लिए पूरे 57 रन महंगा साबित हुआ. और यह भारत की हार की सबसे बड़ी वजह बन गई. अगर यशस्वी जायसवाल यह कैच पकड़ लेते, तो मैच की तस्वीर उलट होने के आसार कहीं ज्यादा थे.
4. टॉस बना बॉस, सही साबित हुई ओस!
अगर भारत दूसरा मैच रोमांचक बनाने के बावजूद नहीं ही जीत सका, तो इसमें टॉस ने भी बड़ा रोल निभाया. अगर भारत जीतता, तो टीम इंडिया पहले बॉलिंग करती क्योंकि बाद में पड़ने वाली ओस के कारण कोई भी दूसरे सेशन में गेंदबाजी करना पसंद नहीं करता. टॉस ने भारत की हार में अहम रोल निभाया.
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