विज्ञापन
This Article is From Jul 12, 2019

मासूम बच्चों को हवस का शिकार बनाने वालों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चीफ जस्टिस ने कहा- हालात गंभीर हैं

देशभर में बच्चों के साथ रेप की लगातार बढ़ रही संख्या पर ठोस कार्रवाई के लिए कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लेते हुए पीआईएल रजिस्टर की.

मासूम बच्चों को हवस का शिकार बनाने वालों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चीफ जस्टिस ने कहा- हालात गंभीर हैं
सुप्रीम कोर्ट - (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

देशभर में बच्चों के साथ रेप की लगातार बढ़ रही संख्या पर ठोस कार्रवाई के लिए कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लेते हुए पीआईएल रजिस्टर की. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील वी गिरी को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया. चीफ जस्टिस ने सारे आंकडे गिरी को देकर कहा है कि वो इसका अध्ययन करें और सोमवार को इसके बारे में सुझाव दें कि कोर्ट क्या निर्देश जारी कर सकता है. चीफ जस्टिस ने कहा कि हालात गंभीर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आंकड़े बताए. कोर्ट ने कहा कि हम विशेष अदालतें, जल्दी जांच और ट्रायल पूरी करें, वीडियो रिकॉर्डिंग और संसाधनों पर विचार करेंगे. सरकार ने कहा हम भी संजीदा हैं और पूरे इंतजाम करेंगे. 

कर्नाटक और गोवा संकट के बीच मध्य प्रदेश-राजस्थान में कितनी मजबूत हैं कांग्रेस की सरकारें

गौरतलब है कि CJI जस्टिस रंजन गोगोई ने मीडिया में आ रही आये दिन बच्चों से बलात्कार की घटनाओं से आहत होकर सुप्रीम रजिस्ट्री से पूरे देश में पहली जनवरी से अब तक ऐसे मामलों में दर्ज एफआईआर और कि गई कानूनी कार्रवाई के आंकड़े तैयार करने को कहा. रजिस्ट्री ने देश के सभी हाइकोर्ट से आंकड़े मंगाए.

आंकड़ों के मुताबिक पहली जनवरी से 30 जून तक देशभर में बच्चों से रेप के 24 हज़ार मुकदमे दर्ज किए गए हैं. इस दुर्भाग्यपूर्ण सूची में उत्तरप्रदेश 3457 मुकदमों के साथ सबसे ऊपर है. जबकि 9 मुकदमों के साथ नगालैंड सबसे नीचे है. यूपी ऐसे कांड में ही आगे नहीं बल्कि यहां की पुलिस भी निकम्मेपन में सबसे आगे है. 

पानी की कमी से जूझ रहे चेन्नई को आज मिलेगी राहत, पानी लेकर पहुंचेंगी 50 वैगन ट्रेन

बच्चो से रेप के संवेदनशील मुकदमों में भी पुलिस की लापरवाही इस कदर है कि 50 फीसद ज़्यादा यानी 1779 मुकदमों की जांच ही पूरी नहीं हो पाई है तो दरिंदगी के अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करना तो बहुत दूर की बात है. इस काली सूची में मध्यप्रदेश 2389 मामलों के साथ दूसरे नम्बर पर है लेकिन पुलिस 1841 मामलों में जांच पूरी कर चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. प्रदेश की निचली अदालतों ने 247 मामलों में तो ट्रायल भी पूरा कर लिया है.

Video: कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बागी विधायकों ने की स्पीकर से मुलाकात

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com