'जूम' ऐप को बैन करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा हैं. सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका में ‘जूम' एप को बैन करने का अनुरोध किया गया है. इस मांग के पीछे निजता के अधिकार का हवाला दिया गया है. याचिका में मांग की गई है कि शासकीय और व्यक्तिगत स्तर पर जूम के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट एक उचित कानून बनाने का निर्देश दे. साथ ही जूम को भी सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दिया है.
सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दिल्ली के रहने वाले हर्ष चुघ की तरफ से दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस एप के इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. इसके अलावा कहा गया है कि इस ऐप के जरिए अलग-अलग तरह के साइबर अपराधों को भी बढ़ावा मिल सकता है.
जूम एप के लगातार इस्तेमाल से साइबर अपराध का खतरा है, इसलिए इसके इस्तेमाल के संबंध में विस्तृत तकनीकी अध्ययन कराने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए, ताकि इससे पैदा होने वाले सुरक्षा और गोपनीयता के खतरों का पता चल सके. याचिका में कहा गया है कि इस ऐप के लगातार इस्तेमाल से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. यह तरह-तरह के साइबर अपराधों को भी बढ़ावा दे सकता है.
याचिका के अनुसार, 'कोविड-19 महामारी से उपभोक्ता, कारोबारी और स्कूलों के संवाद में जबरदस्त बदलाव आया है. अब लोग हाथ बढ़ाने की बजाय जूम के माध्यम से संपर्क स्थापित कर रहे हैं. जूम लाखों उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत सूचनाओं का दुरुपयोग करके निजता के अधिकार का हनन कर रहा है. याचिका में जूम पर उपभोक्ताओं का निजी डाटा और फाइलों का संग्रह करने का भी आरोप लगाया गया है.
वीडियो: Zoom App के इस्तेमाल को लेकर सरकार ने जारी किया एडवाइजरी
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