
Thyroid Ke Liye Ayurvedic Upay: आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान के कारण बहुत से लोग थायराइड से परेशान हैं. ये एक ऐसी कंडीशन है जिसमें हमारे हार्मोन गड़बड़ा जाते हैं और तेजी से वजन बढ़ने के साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं. थायराइड से परेशान लोग इसे कंट्रोल करने के लिए कई जतन करते हैं, लेकिन सही तरीका और उपाय पता न होने के कारण सफल नहीं हो पाते हैं. थायराइड बढ़ने के कारण कई हैं, जिनमें हमारी खराब लाइफस्टाइल जैसे नींद पूरी न लेना, देर रात सोना, अनहेल्दी खानपान, आयोडीन की कमी, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, बहुत ज्यादा स्ट्रेस, आनुवंशिकता, गलत खानपान और हार्मोनल इंबैलेंस.
थायराइड या थायरॉइड ग्रंथि गर्दन में स्थित एक छोटा तितली के आकार की तरह दिखती है. थायराइड शरीर के कई कार्यों को करने में मददगार है, जैसे मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और हार्मोन प्रोडक्शन को कंट्रोल करने में एक बड़ा अंग है. जब थायराइड में असंतुलन होता है, तो हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म जैसी कंडीशन पैदा हो सकती हैं. यह स्थिति आपके सामान्य स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को प्रभावित कर सकती है. हालांकि, आयुर्वेद में ऐसे उपाय हैं जो थायराइड को संतुलित करने में मददगार और प्रभावी हैं. यहां हम आपको 5 ऐसे कारगर उपायों के बारे में बता रहे हैं जो थायराइड को कम या कंट्रोल करने में बेहद मददगार हो सकते हैं.
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थायराइड के लिए 5 आयुर्वेदिक उपाय- (5 Ayurvedic Remedies for Thyroid)
1. अश्वगंधा
अश्वगंधा को जिनसेंग के नाम से जाना जाता है और यह तनाव और चिंता को कम कर सकता है, जो आमतौर पर थायरॉइड असंतुलन से जुड़ा होता है. इसके अलावा यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी कोर्टिसोल को कंट्रोल करने में भी मदद कर सकती है, जो एक स्ट्रेस हार्मोन है और थायराइड के कार्य को प्रभावित करता है. अश्वगंधा का सेवन थायराइड ग्रंथि को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है. अश्वगंधा को कैप्सूल, पाउडर या हर्बल चाय के रूप में अपने रूटीन में शामिल कर सकते हैं.
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2. गुग्गुल
आयुर्वेद में गुग्गुल सबसे शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में से एक है. यह जड़ी-बूटी अपने सूजन-रोधी और फैट-बर्निंग गुणों के लिए जानी जाती है, जो हाइपोथायरायडिज्म से निपटने के लिए फायदेमंद हैं. यह आयुर्वेदिक थायरॉइड ग्रंथि को पर्याप्त हार्मोन बनाने के लिए उत्तेजित करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, गुग्गुल कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने और वजन घटाने में भी मदद कर सकता है, दोनों ही थायराइड को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है.
3. त्रिफला
त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है आमलकी, बिभीतकी और हरीतकी. त्रिफला शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर टॉक्सिन्स और पाचन में सुधार के लिए सबसे अच्छे आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है. ये जमा हो सकते हैं और थायराइड के कार्य को प्रभावित कर सकते हैं. एक हेल्दी डायजेशन सिस्टम पोषक तत्वों के अवशोषण मदद करता है और थायराइड को कंट्रोल करने में सहायक है.
4. ब्राह्मी
ब्राह्मी कॉग्नेटिव फंक्शन को बेहतर बनाने और तनाव कम करने वाली बेहतरीन जड़ी-बूटियों में से एक है, ये थायराइड फंक्शन में सुधार के लिए भी उपयोगी है. ब्राह्मी में कुछ शांत करने वाले प्रभाव होते हैं, जो थायराइड असंतुलन वाले व्यक्तियों के लिए मददगार हो सकते हैं. इसके अलावा, ब्राह्मी स्मरण शक्ति और मेंटल क्लियरिटी में सुधार कर सकती है.
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5. हल्दी
हल्दी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसमें सूजन-रोधी गुण होते हैं. ये आयुर्वेदिक गुण संतुलन को बेहतर करने में मदद करते हैं. इसमें करक्यूमिन नामक एक सक्रिय यौगिक होता है, जो सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद कर सकता है, जो दोनों ही थायराइड फंक्शन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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