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थायराइड पर काबू पाने के लिए वरदान हैं इस चीज के पत्ते, एक्सपर्ट ने बताया बीमारी का पक्का घरेलू इलाज

Home Remedy for Thyroid: थायराइड रोगियों के लिए योग और अमलतास के पत्ते वरदान बन सकते हैं. आइए यहां जानिए कि इन पत्तों का इस्तेमाल कैसे करना है और क्यों ये थायराइड से राहत पाने के प्राकृतिक इलाज माने जाते हैं.

थायराइड पर काबू पाने के लिए वरदान हैं इस चीज के पत्ते, एक्सपर्ट ने बताया बीमारी का पक्का घरेलू इलाज
Benefits of Amaltas Leaves: अमलतास के पत्ते थायराइड में बहुत फायदेमंद.

Thyroid Problems: थायराइड के मामले आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में काफी देखने को मिल रहे हैं. इस बीमारी में हमारी थायराइड ग्रंथि का आकार बढ़ जाता है, जिससे शरीर में कई तरह की गड़बड़ियां शुरू हो जाती हैं. दवाइयों के साथ-साथ अगर सही खानपान और योगासन को अपनाया जाए, तो इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. इस विषय पर CPU-PSI सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, योग और संस्कार के डायरेक्टर प्रोफेसर राम अवतार ने NDTV से बात की. उनके मुताबिक, योग और आयुर्वेद के मेल से थायराइड को कंट्रोल करना मुमकिन है.

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थायराइड को बैलेंस करने के लिए योग सबसे कारगर | Yoga Is the Most Effective Way to Balance Thyroid Levels

थायराइड ग्रंथि को बैलेंस करने के लिए योगासन का खास महत्व है. प्रो. राम अवतार बताते हैं कि उज्जायी प्राणायाम इस स्थिति में बेहद फायदेमंद है. इसे करने के दौरान गले से वैसी ही आवाज निकालनी होती है, जैसी कबूतर की आवाज होती है. इससे गले की ग्रंथि पर दबाव पड़ता है और थायराइड ग्रंथि को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, सिंहासन और ग्रीवा शक्ति विकासक व्यायाम भी गले की मांसपेशियों पर दबाव डालकर लाभ पहुंचाते हैं. नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने से थायराइड के लक्षणों में सुधार दिखाई देता है.

थायराइड के लिए अमलतास के पत्तों के फायदे | Benefits of Amaltas Leaves for Thyroid Problems

उन्होंने कहा कि योग के साथ खानपान पर कंट्रोल भी उतना ही जरूरी है. परहेज के जरिए थायराइड पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. उन्होंने खासतौर पर अमलतास (Cassia fistula) के पत्तों का जिक्र किया. यह एक ऐसा पेड़ है, जिसमें पीले फूल और लंबी फली निकलती है. इसके पत्तों को सुबह और शाम दो से चार की संख्या में खाने से थायराइड रोगियों को आराम मिलता है. यह आयुर्वेदिक उपाय सरल भी है और प्रभावी भी.

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प्रो. राम अवतार का कहना है कि योगासन, प्राणायाम और प्राकृतिक डाइट को अपने रूटीन में शामिल करके थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है. आधुनिक दवाइयों के साथ अगर लोग इन प्राचीन तरीकों को भी अपनी लाइफ में शामिल करें, तो न केवल थायराइड बल्कि शरीर की संपूर्ण एनर्जी और स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है. यानी थायराइड को हराने का राज सिर्फ दवा में नहीं, बल्कि योग, परहेज और आयुर्वेद के संतुलित अभ्यास में छिपा है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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