Karwa Chauth in Pregnancy: करवा चौथ का त्योहार आने वाला है. 20 अक्टूबर को पूरे देश में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखेंगी. बता दें कि यह त्योहार नार्थ इंडिया में ज्यादा मशहूर है. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक बिना अन्न जल ग्रहण किए उपवास रखती हैं.
सरगी का महत्व
इस व्रत में सरगी का भी खास महत्व होता है. महिलाएं व्रत रखने से पहली सरगी खाती हैं. जो सास अपनी बहुओं को देती हैं जिसमें फल, सूखे मेवे, मिठाई, रोटी, चावल जैसे कई फूड आइटम्स होते हैं जो व्रत रहने वाली महिलाएं हाइड्रेटेड रख सकें. बता दें कि कई गर्भवती महिलाएं भी करवा चौथ का व्रत रखती हैं, ऐसे में सवाल उठता है कि इस कंडीशन में व्रत रखने से मां या अजन्मे बच्चे पर क्या असर पड़ सकता है?
करवाचौथ रखने का तरीका बदलें
अगर आप प्रेगनेंट है तों आप व्रत को रखने के तरीकों में कुछ बदलाव कर सकती हैं. ताकि किसी तरह की कोई हेल्थ प्रॉब्लम ना हों. हालांकि, कई महिलाओं की प्रेगनेंसी में एनीमिया, हाई बीपी और डायबिटीज की समस्या है. उन्हें इस व्रत को रखने में सावधानी बरतनी पड़ती हैं.इसके अलावा व्रत के कारण सप्लीमेंट और दवाएं न लेना हानिकारक हो सकता है.
करवाचौथ के दिन ऐसी रखें डाइट
निर्जला व्रत की जगह फलाहार करें- आप निर्जला व्रत रहने से बचें. आप फल, दूध और दूध से बने उत्पाद. मेवे और बीजों का सेवन कर सकती हैं.
फल खाएं - केले, अनार और पपीते जैसे कई तरह के फल खाएं. क्योंकि इनमें बहुत ज़्यादा फाइबर होता है. जो आपको पूरे दिन तरोताज़ा रखने में मदद करता है.
खुद को हाइड्रेटेड रखें - गर्भवती होने पर करवा चौथ के व्रत के दौरान फलों का जूस, दूध और पानी पीना बेहतर होता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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