खाने के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन खाने का तरीका अगर गलत हो तो फायदे की बजाय नुकसान झेलना पड़ता है. वैसे तो सामान्य तौर पर जब भूख लगती है तभी खाना खाया जाता है लेकिन आजकल लगातार बढ़ रहे स्ट्रेस और टेंशन के बीच भावुक होकर भी लोग खाने लगते हैं. जैसे-जैसे तनाव बढ़ता है उनमें खाने की क्रेविंग भी बढ़ना शुरू हो जाती है और इस क्रेविंग को शांत करने के लिए वो कुछ भी खा लेते हैं. इसे इमोशनल ईटिंग भी कहते हैं, जिसमें लोग चॉकलेट, पिज़्ज़ा, आइसक्रीम, स्वीट्स और जंक फूड को अपनी लाइफ का हिस्सा बना लेते हैं. नुकसान करने वाले इन खाने की चीजों को खाने से स्ट्रेस दूर हो ना हो लेकिन आपकी सेहत को नुकसान जरूर पहुंचता है. तो आज हम आपको बताएंगे कि इमोशनल ईटिंग क्या होती है और इसके चलते किस तरह के नुकसान का सामना करना पड़ता है.
क्या है इमोशनल ईटिंग- What Is Emotional Eating:
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कुछ लोग स्ट्रेस और नेगेटिव इमोशंस से उबरने के लिए खाने को सबसे आसान और अच्छा जरिया मान बैठते हैं. ऐसी सिचुएशन में स्ट्रेस होते ही कुछ खाने की क्रेविंग होने लगती है. ऐसे में ऑनलाइन पिज़्ज़ा या जंक फूड ऑर्डर करते हैं या फिर फ्रीज में रखी आइसक्रीम चॉकलेट खंगालना शुरू कर देते हैं. लेकिन इतना सब कुछ खाने के बाद भी सेल्फ सेटिस्फेक्शन नहीं होता और सिर्फ पछतावे का दौर शुरू हो जाता है. दरअसल इसे ही इमोशनल ईटिंग कहते हैं. काम के तनाव से लेकर फाइनेंशियल क्राइसिस तक, हेल्थ के इशू से लेकर लगातार बिगड़ रहे रिश्तो तक, इनमें से कई इमोशनल ईटिंग के कारण हो सकते हैं.
इमोशनल ईटिंग के नुकसान- Emotional Eating Side Effects:
इमोशनल ईटिंग से सेहत पर पड़ता असर
इमोशनल ईटिंग के दौरान इंसान इतना भावुक हो जाता है कि उसे इस बात का अंदाजा ही नहीं रह जाता कि जो वो जो खा रहा है वो उनकी सेहत के लिए कितना नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे में घर का खाना छोड़ कर ज्यादा मीठा या जंक फूड खाने का सीधा असर आपकी सेहत पर पड़ता है और कई तरह की बीमारियों से इंसान घिर जाता है.
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वेट गेन-
वजन बढ़ने की समस्या से वैसे ही ज्यादातर लोग परेशान रहते हैं. ऐसे में इमोशनल ईटिंग के दौरान तेजी से वजन बढ़ने लगता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादा तेल मसाले और जंक फूड पर डिपेंडेंसी बढ़ने से आप मोटापे का शिकार होते हैं और ये आपके तनाव का एक और बड़ा कारण बन जाता है.
वजन से जुड़ी बीमारियों के हो सकते हैं शिकार
वजन बढ़ना अपने आप में एक बड़ी बीमारी है क्योंकि मोटापा आपके शरीर में दूसरे बीमारियों को न्योता देता है. ऐसे में जब आप इमोशनल ईटिंग करते हैं तो इसका असर सेहत पर पड़ता है, वजन बढ़ने लगता है और वजन बढ़ने के साथ ही मोटापे से जुड़ी कई तरह की बीमारियों से शरीर घिर सकता है.
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज
ये जानना बेहद जरूरी है कि इमोशनल ईटिंग का आपके भूख से कोई लेना देना नहीं है. भले ही आपको भूख ना लगी हो लेकिन इमोशनल ईटिंग के दौरान ज्यादा से ज्यादा खाने का मन करता है और ये बीमारियों को पनपने का मौका देता है. इमोशनल ईटिंग तब होती है जब आप ज्यादा तनाव में हों और यही तनाव ब्लड प्रेशर का कारण बनता है. वहीं खुद को स्ट्रेस से उबारने के लिए ज्यादातर लोग या तो स्वीट्स, चॉकलेट्स या फिर आइसक्रीम खाते हैं और ज्यादा मीठा खाने से लोगों का तनाव कम हो ना हो वो डायबिटीज का शिकार जरूर हो सकते हैं.
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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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