
नितिन पटेल को पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह, दोनों का ही करीबी माना जाता है (फाइल फोटो)
गुजरात में अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव में आर्थिक रूप से सक्षम पटेलों और दलित वर्ग की की नाराजगी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए मुश्किल का सबब बन सकती है. शीर्ष नेतृत्व इस बात से अच्छी तरह से अवगत है. पार्टी के जुड़े सूत्रों के अनुसार राज्य के उप मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता नितिन पटेल को पटेलों को 'साधने' की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी बेला में वे अपनी इस जिम्मेदारी को निभाने में किस हद तक सफल होते हैं? नितिन उस समिति के प्रमुख थे जिसने पाटीदार आंदोलन के बाद सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में आरक्षण के मसले पर पाटीदार नेताओं से बातचीत की थी. 61 वर्ष के पटेल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी प्रमुख अमित शाह, दोनों का ही करीबी माना जाता है. राज्य के डिप्टी सीएम के अलावा वे कैबिनेट मंत्री के रूप में भी शासन चलाने का उन्हें अनुभव है. स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, जल संसाधन और शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग वे संभाल चुके हैं. उनकी पहचान जमीन से जुड़े नेता के रूप में है.
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गुजरात में पटेलों की संख्या न केवल अच्छी खासी है बल्कि इस समाज का राज्य में अच्छा रसूख भी है. इसी को ध्यान में रखकर नितिन पटेल को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. विधानसभा चुनाव 2017 में कोई भी पार्टी उनकी नाराजगी को नजरअंदाज नहीं कर सकती. अब तक पार्टी का बड़ा आधार रहे पटेल समाज के वोट कहीं छिटककर कांग्रेस की ओर न चले जाएं, इसे लेकर बीजेपी हर चाल सोच समझकर चल रही है.
वीडियो: गुजरात के डिप्टी सीएम के बेटे को उड़ान भरने से रोका गया
नितिन पटेल उत्तर गुजरात से आते हैं. उनका जन्म 22 जून 1956 को विसनगर में हुआ था. कॉमर्स के स्नॉतक नितिन ने कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में रुचि लेनी शुरू कर दी थी. उनकी छवि जमीन से जुड़े नेता की रही है. 90 के दशक से ही वह लगातार मंत्री रहे हैं. अब तक सिर्फ एक बार ही चुनाव (वर्ष 2002) हारे हैं. गुजरात में जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे तब पटेल मंत्री के रूप में उनकी सरकार में शामिल थे.
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गुजरात में पटेलों की संख्या न केवल अच्छी खासी है बल्कि इस समाज का राज्य में अच्छा रसूख भी है. इसी को ध्यान में रखकर नितिन पटेल को राज्य का उपमुख्यमंत्री बनाया गया था. विधानसभा चुनाव 2017 में कोई भी पार्टी उनकी नाराजगी को नजरअंदाज नहीं कर सकती. अब तक पार्टी का बड़ा आधार रहे पटेल समाज के वोट कहीं छिटककर कांग्रेस की ओर न चले जाएं, इसे लेकर बीजेपी हर चाल सोच समझकर चल रही है.
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नितिन पटेल उत्तर गुजरात से आते हैं. उनका जन्म 22 जून 1956 को विसनगर में हुआ था. कॉमर्स के स्नॉतक नितिन ने कॉलेज के दिनों में ही राजनीति में रुचि लेनी शुरू कर दी थी. उनकी छवि जमीन से जुड़े नेता की रही है. 90 के दशक से ही वह लगातार मंत्री रहे हैं. अब तक सिर्फ एक बार ही चुनाव (वर्ष 2002) हारे हैं. गुजरात में जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे तब पटेल मंत्री के रूप में उनकी सरकार में शामिल थे.
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