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इस हरे पत्ते पर लौंग और अजवाइन लगाकर खाने से, छाती का बलगम हो जाएगा साफ और खांसी भी जाएगी रुक

Balgam ka desi ilaj : यह ‘हरा पत्ता’ और कोई नहीं, बल्कि पान का पत्ता (Betel Leaf) है, जिसे सदियों से हमारे देश में पूजा और आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता रहा है. जब इस पत्ते को लौंग और अजवाइन के साथ मिलाया जाता है, तो यह कफ और खांसी के लिए एक शक्तिशाली दवा बन जाता है.

इस हरे पत्ते पर लौंग और अजवाइन लगाकर खाने से, छाती का बलगम हो जाएगा साफ और खांसी भी जाएगी रुक
अजवाइन में थाइमोल (Thymol) होता है, जो इसे एक बेहतरीन एंटी-सेप्टिक बनाता है.

Sardi khansi ka desi ilaj :  हमारे पुराने नुस्खों में एक ऐसा रामबाण इलाज छिपा है जो बिल्कुल सस्ता, आसान और असरदार है. हम बात कर रहे हैं एक ऐसे हरे पत्ते की, जिसे सिर्फ लौंग (Clove) और अजवाइन (Carom Seeds) के साथ मिलाकर खा लेने से आपकी छाती का सारा बलगम मोम की तरह पिघलकर बाहर निकल जाएगा, और खांसी भी झटपट रुक जाएगी. आइए, जानते हैं क्या है यह नुस्खा और इसे इस्तेमाल कैसे करना है. यह ‘हरा पत्ता' और कोई नहीं, बल्कि पान का पत्ता (Betel Leaf) है, जिसे सदियों से हमारे देश में पूजा और आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता रहा है. जब इस पत्ते को लौंग और अजवाइन के साथ मिलाया जाता है, तो यह कफ और खांसी के लिए एक शक्तिशाली दवा बन जाता है.

पान का पत्ता अजवाइन और लौंग के साथ चबाने के क्या हैं फायदे - What are the benefits of chewing betel leaf with carom seeds and cloves?

पान का पत्ता (Paan Patta)

पान के पत्ते में एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाले) और एंटी-माइक्रोबियल (कीटाणुओं को मारने वाले) गुण होते हैं. यह फेफड़ों की नसों को आराम देता है और बलगम को ढीला करने में मदद करता है.

लौंग (Laung)

लौंग की तासीर बहुत गर्म होती है. इसमें यूजेनॉल (Eugenol) नाम का कंपाउंड होता है जो गले की खराश और दर्द को तुरंत खत्म करता है. यह एक बेहतरीन एक्सपेक्टोरेंट (बलगम बाहर निकालने वाला) भी है.

अजवाइन (Ajwain)

अजवाइन में थाइमोल (Thymol) होता है, जो इसे एक बेहतरीन एंटी-सेप्टिक बनाता है. यह सांस की नली (Respiratory Tract) को साफ करता है, सीने की जकड़न (Chest Congestion) को खोलता है, और खांसी के दौरे को कम करता है.

जब ये तीनों चीजें एक साथ मिलती हैं, तो सर्दी-खांसी, गले की खराश और छाती में जमे कफ पर तिहरा वार होता है.

कब खाएं

इस देसी दवा को दिन में दो बार, सुबह और शाम, खाने के बाद इस्तेमाल करें.

फायदे
  • यह नुस्खा सिर्फ 1-2 बार लेने से ही सीने में जमा गाढ़ा बलगम (Phlegm) पतला होकर बाहर निकलना शुरू हो जाता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है.
  • लौंग और पान की गर्माहट तुरंत खांसी के दौरे को रोकती है और गले की जलन को शांत करती है.
  • अजवाइन की वजह से सीने की मांसपेशियों को आराम मिलता है और जकड़न (Congestion) दूर होती है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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