
Frequent Urination Causes | Baar Baar Peshab Kyu Aata Hai: अगर आपको रात को बार-बार पेशाब के लिए उठना पड़ता है और इस वजह से आपकी नींद खराब होती है तो आज हम आपको इसका कारण और इस समस्या से निजात दिलाने का उपाय बताएंगे. डॉक्टर सलीम जैदी ने रात में बार-बार पेशाब आने की समस्या से राहत दिलाने के कुछ उपाय बताए हैं जो आपके काम आ सकते हैं. उन्होंने कुछ ऐसे फलों के बारे में बताया जो इस समस्या की वजह बनते हैं और कुछ ऐसे फलों के बारे में भी बताया जो इस समस्या से निजात दिलाने में आपकी मदद कर सकते हैं.
जिन लोगों को रात को पेशाब आने की प्रॉब्लम होती है उनके लिए सही फ्रूट्स को चुनना और उन्हें सही टाइम के ऊपर खाना बहुत इंपॉर्टेंट होता है. तो चलिए जानते हैं कि आपको कौन से फ्रूट्स खाने चाहिए और कौन से नहीं इसके साथ ही इनको खाने का सही टाइम क्या है.
रात को बार-बार पेशाब आने के पीछे के कारण
रात को पेशाब आना जिसे मेडिकल नचुरिया कहते हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. कुछ लोगों में रात को शरीर ज्यादा यूरिन बनाने लगता है जिसे नकुरनल पॉलीयूरिया कहते हैं. कुछ लोगों का ब्लैडर ओवरएक्टिव हो जाता है. जिससे थोड़ा सा भी पेशाब अगर ब्लैडर में जमा हो जाए तो यह पेशाब आने का सिग्नल देने लगता है. मेल्स के अंदर एक बहुत बड़ा कारण होता है बीपीपीएच यानी प्रोस्टेट का बढ़ जाना जो कि बहुत ही कॉमनली देखा जाता है. कुछ लोगों के अंदर डायबिटीज की वजह से भी ऐसा हो सकता है और कुछ लोगों के अंदर फंक्शनल होता है. यानी ज्यादा लिक्विड्स वगैरह शाम में अगर ले लिए तो उससे भी ऐसा हो जाता है. तो अब सवाल ये आता है कि अगर कारण यह सारे हैं तो फिर आखिर फ्रूट्स का इससे क्या लेना देना है? तो आपको बता दें कि ये एक दूसरे से कनेक्ट हैं. आपको तीन बातों का ध्यान हमेशा रखना होगा.
एसिडिक फ्रूट्स
एसिडिक फ्रूट्स ब्लैडर को चुभते हैं और इरिटेशन बढ़ाते हैं जिससे कि अर्जेंसी और फ्रीक्वेंसी दोनों बढ़ सकती है.
मीठे फल
बहुत ज्यादा मीठे फ्रूट्स शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं और अगर आपको डायबिटीज है तो इसकी वजह से आपको यूरिन और ज्यादा बनने लगता है. बार-बार रात को पेशाब के लिए उठना पड़ता है.
हाई वाटर कंटेट वाले फल
हाई वाटर कंटेंट वाले फ्रूट्स रात को लेने से फ्लूइड लोड बढ़ता है. जिससे कि अगेन यूरिन आउटपुट बढ़ जाता है और रात को बार-बार उठना पड़ता है. इसलिए सिर्फ कौन सा फ्रूट नहीं बल्कि कब और कितनी मात्रा में आपको फ्रूट लेना चाहिए यह भी बहुत मायने रखता है.
फल खाते समय रखें इन बातों का ख्याल
सही सिलेक्शन, सही टाइमिंग और सही पोर्शन से आपको रात को बार-बार पेशाब आने की प्रॉब्लम में नोटिसेबल फर्क आ सकता है और आपकी नींद भी बेहतर हो सकती है. अगर आपको रात को बार-बार पेशाब आता है, तो कोई भी फ्रूट चुनने से पहले आपको चार गोल्डन रूल्स हमेशा याद रखने हैं.
लो एसिड फ्रूट्स
लो एसिड फ्रूट्स ज्यादातर लोगों को सूट करते हैं. इसलिए आप सबसे पहले इन्हें ही चुनने की कोशिश कीजिए. यह कौन से फ्रूट्स हैं?
टाइम
इसके साथ ही फलों को खाने की टाइमिंग सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होती है. इसलिए फ्रूट्स को सुबह या दोपहर में ही खाएं और लेट नाइट खाने से बचें.
सही पोर्शन
फलों का सही पोर्शन और साथ ही सही पेयरिंग भी मायने रखती है. देखिए फ्रूट खाने का सिंपल सा रूल होता है. एक सर्विंग का मतलब है एक छोटा फ्रूट या अगर बड़ा फ्रूट है तो 3/4 कप कटा हुआ फ्रूट. कोशिश कीजिए कि फ्रूट को अकेला ना खाएं बल्कि इसे दही, पनीर, मूंगफली, बादाम या थोड़े से पीनट बटर के साथ में पेअर करें. क्यों? क्योंकि इससे शुगर स्टेबल रहती है और पेशाब आने की दिक्कत कम होती है.
अपने शरीर के हिसाब से
हर बॉडी अलग होती है. इसलिए अपने पास एक फूड डायरी मेंटेन कीजिए और इसमें 7 से 10 दिन का छोटा सा रिकॉर्ड बनाइए. क्या फ्रूट खाया, कितना खाया, किस वक्त खाया और रात को कितनी बार उठे यह सब कुछ लिखिए. ऐसा करने से आपको एक पैटर्न दिखाई देगा और इसके हिसाब से आपको अपने लिए सही फ्रूट्स का चुनाव करने में आसानी हो जाएगी.
कौन से फल खाने चाहिए
केला
केला एक लो एसिड फ्रूट है जो कि आमतौर पर ब्लैडर फ्रेंडली माना जाता है. इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो कि डाइजेशन को स्मूथ रखता है और पोटेशियम भी है जो कि ओवरऑल मसल और नर्व फंक्शन के लिए जरूरी है. केले का एक प्लस पॉइंट यह भी है कि यह ब्लैडर को इरिटेट नहीं करता. अगर आप दिन में एक केला ब्रेकफास्ट या लंच के साथ लेते हैं तो आपको इससे खूब सारी एनर्जी मिलेगी और ब्लैडर पर एक्स्ट्रा स्ट्रेस भी नहीं आएगी. बस एक चीज का हमेशा ध्यान रखिएगा कि अगर आपको क्रॉनिक किडनी डिजीज है तो हाई पोटैशियम आपके लिए प्रॉब्लम बन सकता है. इसलिए ऐसे केस में आप कितना केला खा सकते हैं यह आप अपने डॉक्टर के सजेशन के अकॉर्डिंग ही डिसाइड कीजिएगा.
नाशपाती
पकी हुई नाशपाती भी एक लो एसिड फ्रूट है जो कि आपके ब्लैडर के ऊपर ज्यादा बुरा असर नहीं डालता है. इससे आपके ब्लैडर में कोई इरिटेशन नहीं होता है और बार-बार पेशाब आने की दिक्कत भी नहीं होती. इसमें अच्छी मात्रा में फाइबर होता है जो कि आपके डाइजेशन को भी सपोर्ट करता है. नाशपाती को आप मिड मॉर्निंग स्नैक या फिर लंच के टाइम पर खा सकते हैं. बस ध्यान रखिएगा कि ज्यादा पकी हुई नाशपाती ना हो क्योंकि ज्यादा पकी हुई नाशपाती में शुगर थोड़ा सा ज्यादा होता है.
ब्लू बेरीज
यह थोड़ा सा अनकॉमन फ्रूट है और काफी ज्यादा महंगा भी है. लेकिन इसके साथ ही ये बहुत ज़्यादा फायदेमंद है. इसलिए इसके बारे में बताना भी जरूरी है. ये छोटे-छोटे डार्क ब्लू कलर के बेरीज होते हैं जो कि पॉलीफिनोल्स नाम के एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. पॉलीफिनोल्स इनफ्लेमेशन को कम करते हैं और शुगर कंट्रोल करने में आपकी हेल्प करते हैं. ब्लू बेरीज का एसिडिटी लेवल भी लो होता है और इसीलिए यह ब्लैटर फ्रेंडली माने जाते हैं.
पपीता
पपीते का एसिडिटी लेवल मॉडरेट टू लो होता है और आमतौर पर यह ब्लैडर के लिए सेफ होता है. इसमें डाइजेस्टिव एंजाइम्स भी होते हैं जो कि पेट को हल्का रखते हैं. आप इसे मिड डे या फिर अर्ली आफ्टरनून में खा सकते हैं.
तरबूज
तरबूज भी एक लो एसिड फ्रूट है, लेकिन इसमें पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसलिए इसे दिन में ही आपको खाना चाहिए. भूलकर भी शाम को इसको आपको नहीं खाना है. अगर आप दिन में तरबूज खाएंगे तो इससे आपकी बॉडी में वाटर रिटेंशन कम होगा. पेशाब के रास्ते एक्स्ट्रा फ्लूइड निकल जाएगा. बट एट द सेम टाइम अगर आप इसे यानी तरबूज को शाम के टाइम में खाएंगे तो इससे आपको रात को और ज्यादा पेशाब आएगा. बार-बार उठना पड़ेगा. यानी तरबूज आपके लिए अच्छा तो है लेकिन सिर्फ तभी जब आप इसे सही टाइम पर खाएं. यानी दिन में खाएं.
सेब
सेब भी बॉडी में ईजीली टोलरेट होता है और ब्लैडर पर एक्स्ट्रा लोड नहीं डालता. बस पोर्शन साइज का ध्यान रखिएगा. एक छोटा सा मीडियम साइज का एप्पल आप रोजाना खा सकते हैं और बेहतर रहेगा कि अगर आप इसके साथ में कोई प्रोटीन या फैट का सोर्स पेअर कर लें. जैसे कि दही या फिर बादाम ताकि आपकी जो शुगर है वह स्टडी रहे और रात को पेशाब आपको ज्यादा ना आए.
कौन से फल नहीं खाने चाहिए
सिट्रस फ्रूट्स
सिट्रस फ्रूट्स जैसे कि ऑरेंजेस, ग्रेप फ्रूट, लेमन और साथ ही टमाटर. इनके अंदर एसिडिटी ज्यादा होती है और यह ब्लैडर को इरिटेट करते हैं और अर्जेंसी या फिर फ्रीक्वेंसी इन दोनों ही को बढ़ा सकते हैं.
क्रेनबेरी जूस
क्रेनबेरी वैसे तो यूरिन इंफेक्शन के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है, लेकिन एसिडिक होने की वजह से यह नकचोरिया में यानी रात को बार-बार पेशाब आने की दिक्कत में आपके लिए प्रॉब्लम क्रिएट कर सकता है.
हाई वाटर कंटेंट
हाई वाटर कंटेंट वाले फ्रूट्स को शाम में खाने से बचना चाहिए. इनका सेवन शाम में करने से वॉल्यूम लोड बढ़ सकता है.
शुगरी ड्राई फ्रूट्स
बहुत शुगरी ड्राई फ्रूट्स को खाना. जैसे कि खजूर या फिर मुनक्का. इनमें शुगर ज्यादा होती है और यह आपके शुगर को बढ़ाते हैं जिससे ग्लाइकोसरिया होता है और यूरिन ज्यादा बनता है. खासतौर से डायबिटिक पेशेंट्स के लिए यह हाई शुगर कंटेंट वाले जो ड्राई फ्रूट्स हैं यह बहुत ही ज्यादा नुकसान है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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