अगर आप भी पैकेज्ड बेक किए गए सामान और स्नैक्स, फिजी ड्रिंक और रेडी टू ईट फूड खाना पसंद करते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि एक रिसर्च में पता चला है कि यह समय से पहले मौत का खतरा बढ़ा सकता है. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स में अक्सर रंग, इमल्सीफायर, टेस्ट को बेहतर बनाने के लिए कई चीजें मिलाई जाती हैं. इसमें आमतौर पर ज्यादा चीनी, सैचुरेचेड फैट और नमक काफी ज्यादा मात्रा में होता है. लेकिन इसमें विटामिन और फाइबर की कमी होती है. जिसकी वजह से ये कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं. इसके चलते लोगों में मोटापा, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट रोग और कैंसर का खतरा हो सकता है.
रिसर्च के लिए अमेरिका, ब्राजील और चीन समेत रिसर्चर्स की एक इंटरनेशनल टीम ने 1984 और 2018 के बीच 11 अमेरिकी प्रांतों की 74,563 रजिस्टर्ड लेडीज नर्सों के साथ 1986 से 2018 के बीच सभी 50 अमेरिकी प्रांतों के 39,501 पुरुष हेल्थ प्रोफेशमल्स के लांग टर्म हेल्थ पर स्टडी की जिनका कैंसर, हार्ट रोग या डायबिटीज की कोई हिस्ट्री नहीं थी.
ये भी पढ़ें: बाहर निकली तोंद हो जाएगी अंदर, शरीर में जमा फैट जाएगा गल...डॉ. पाल ने बताए 4 तरीके
रिजल्ट से पता चला कि हर दिन औसतन सात सर्विंग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड आइटम्स खाने से मौत का खतरा नौ प्रतिशत तक बढ़ जाता है. इस ग्रुप में कंटेस्टेंट के बीच किसी भी कारण से मृत्यु की सालाना दर प्रति एक लाख व्यक्ति 1,536 थी. इसके अलावा, मीट, पोल्ट्री, और सी फूड-बेस्ड रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स खाने से मौत का सबसे अधिक खतरा देखा गया. इसमें चीनी-मीठा और आर्टिफिशियल स्वीट बेवरेजेस, डेयरी-बेस्ड डेजर्ट और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड ब्रेकफास्ट शामिल हैं.
शोधकर्ताओं ने कहा, ''हालांकि यह एक अवलोकन अध्ययन है, इसलिए कारण और प्रभाव के बारे में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है, लेकिन निष्कर्ष दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए कुछ प्रकार के अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड को कम करने की सलाह देते हैं.'' उन्होंने कहा, "अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के वर्गीकरण में सुधार करने और अन्य आबादी में हमारे निष्कर्षों की पुष्टि करने के लिए भविष्य के अध्ययनों की आवश्यकता है."
Health Benefits of Bananas: एक दिन में कितने केले खाने चाहिए? केला खाने के फायदे
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)