Black Carrot Kanji Recipe In Hindi: सर्दियों में ऐसे कई देसी पकवान बनाए जाते हैं जो शरीर को भीतर से गर्म रखते हैं, ताकत बढ़ाते हैं और पेट को हल्का भी रखते हैं. इन्हीं में एक नाम है काली गाजर का कांजी, जिसे अक्सर गांवों में खास पसंद किया जाता है. यह खट्टा नमकीन स्वाद वाला पारंपरिक पकवान न सिर्फ स्वाद में कमाल है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. काली गाजर और छाछ से तैयार होने वाला यह देसी कांजी पाचन को बेहतर करने, पेट की जलन कम करने, कब्ज दूर करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को मौसम बदलने के असर से बचाते हैं और त्वचा पर भी अच्छा असर छोड़ते हैं. इसकी रेसिपी बहुत आसान है और इसे कोई भी घर पर झटपट तैयार कर सकता है.
काली गाजर का कांजी: स्वाद और सेहत से भरपूर देसी पकवान
काली गाजर का कांजी एक पुराना देसी व्यंजन है जिसका स्वाद हल्का खट्टा और बेहद ताज़गी वाला होता है. ठंड के मौसम में इसे खाने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है. खास बात यह है कि यह पकवान न भारी लगता है, न ही इसमें ज्यादा तेल मसाले डाले जाते हैं. इसलिए यह बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी के लिए अच्छा माना जाता है. कांजी बनाने के लिए सबसे पहले ताज़ी काली गाजर ली जाती है. इन्हें साफ पानी से धोकर छील लें ताकि मिट्टी और धूल पूरी तरह हट जाए. छीलने के बाद गाजर को गोल टुकड़ों में काट लिया जाता है. यही टुकड़े कांजी की मुख्य पहचान होते हैं. इन्हें एक साफ मटकी या कांच के बड़े जार में डालें.
कांजी का पानी बनाने की विधि
छाछ डालें: अब इन गाजरों के ऊपर भरपूर मात्रा में छाछ डाल दी जाती है. छाछ का खट्टापन गाजर को धीरे धीरे गलाकर इसका खास स्वाद बाहर लाता है. कुछ लोग इसमें हल्की लाल मिर्च या नमक भी मिलाते हैं, लेकिन असली देसी कांजी सिर्फ गाजर और छाछ से ही बनती है. इसे एक दो दिन ढककर रखा जाता है ताकि इसका स्वाद और भी बढ़िया हो जाए.
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पकाने की बारी: जब गाजर छाछ में ठीक तरह से गल जाए, तब इसे पकाने की बारी आती है. एक कढ़ाई में थोड़ा तेल गर्म करें. इसमें हल्का जीरा या राई डाल सकते हैं. चाहें तो थोड़ी सी लहसुन भी डाल सकते हैं, जिससे खुशबू और बढ़ जाती है. अब छाछ में गली गाजर डालकर धीमी आंच पर कुछ मिनट पकाएं. बस, कांजी तैयार है सर्दियों की एकदम देसी, हल्की और ताज़गी भरी डिश.
पोषक तत्व से भरपूर: काली गाजर सिर्फ रंग में अलग नहीं होती, बल्कि इसके पोषक तत्व भी ज्यादा होते हैं. इसमें एंथोसायनिन, विटामिन सी और फाइबर प्रचुर मात्रा में होते हैं. यही कारण है कि कांजी पेट को हल्का रखता है, कब्ज दूर करता है और पाचन को मजबूत बनाता है. छाछ में पहले से मौजूद अच्छे बैक्टीरिया आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं, जिससे पेट की दिक्कतें कम होती हैं.
गर्मी का एहसास: इसके अलावा काली गाजर का कांजी शरीर को भीतर से गरम एहसास देता है. यह खून साफ करने में मदद करता है, जिससे त्वचा चमकदार दिखती है. सर्दियों में इसे खाने से थकान कम होती है और कमजोरी दूर रहती है. वजन नियंत्रित रखने वालों के लिए भी यह फायदेमंद है, क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है और पेट लंबे समय तक भरा महसूस होता है.
कह सकते हैं कि यह एक ऐसा देसी पकवान है जिसमें स्वाद और सेहत दोनों का बेहतरीन मेल है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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