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This Article is From Apr 19, 2022

जहांगीरपुरी हिंसा का मुख्य आरोपी अंसार BJP का नेता : AAP का दावा

इससे पहले, बीजेपी दावा कर रही है कि अंसार आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है, उसकी आम आदमी पार्टी की टोपी पहने हुए तस्वीर भी सोशल मीडिया में वायरल है. 

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आम आदमी पार्टी ने एक फोटो जारी किया है जिसमें अंसार ने बीजेपी की टोपी भी पहनी हुई है

नई दिल्‍ली:

Jahangirpuri violence : आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया है कि जहांगीरपुरी हिंसा मामले में आरोपी अंसार, बीजेपी से जुड़ा हुआ है. AAP ने अंसार का फोटो जारी करते हुए यह दावा किया है, फोटो में अंसार, बीजेपी के कार्यक्रम में दिखाई दे रहा है और एक फोटो में उसने बीजेपी की टोपी भी पहनी हुई है. इससे पहले, बीजेपी दावा कर रही है कि अंसार आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है, उसकी आम आदमी पार्टी की टोपी पहने हुए तस्वीर भी सोशल मीडिया में वायरल है. 

आम आदमी पार्टी (AAP) के मुख्‍य प्रवक्‍ता सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में कहा, "आज मैं आपके सामने उसी तथा कथित मास्टरमाइंड की तस्वीरें लाया हूं.ये वह आदमी है जिसका नाम अंसार है.भारतीय जनता पार्टी की टोपी इनके ऊपर देखिए, कितनी जम रही है. जहांगीरपुरी दंगों के तथाकथित मास्टरमाइंड अंसार है. यह बात साबित करती है कि चाहे वह दुनिया की कहीं की भी पुलिस हो, कहीं जुर्म होता है तो इन्वेस्टिगेशन एजेंसी अपनी तहकीकात कैसे शुरु करती है?वह ऐसे करती है कि कोई भी जुर्म होता है तो देखा जाता है कि इससे सबसे ज्यादा फायदा किसको है? और हम यह बात कई सालों से कह रहे हैं, 16 तारीख से मैं लगातार कह रहा हूं कि केवल दिल्ली में दंगे नहीं कराए गए बल्कि रामनवमी से लेकर हनुमान जयंती तक 7 राज्यों में दंगे कराए गए. इसका प्राइम बेनेफिशरी कौन है इन दंगों का फायदा किसको हो रहा है? ऐसी कौन सी पॉलिटिकल पार्टी है जो इसकी स्क्रिप्ट तैयार लेकर बैठे हुए हैं?"

सौरभ भारद्वाज ने कहा, "वह पार्टी है भारतीय जनता पार्टी। हर दंगे का फायदा सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को होता है इनके नेता इनके केंद्रीय मंत्री इन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन के प्रदेश अध्यक्ष सांसद हर आदमी सिर्फ उस दंगे का राजनीतिक लाभ लेने में लगा हुआ था और हम कह रहे थे कि यह दंगे भाजपा ने करवाए हैं.सबसे पहला सबूत के दंगा भाजपा ने करवाया है

1. शोभायात्रा में जो लोग देख रहे थे वह शोभायात्रा वाले लोग नहीं थे उनके हाथों में हथियार थे, देसी कट्टे थे पुलिस की परमिशन नहीं थी.

2. मस्जिद के ऊपर पत्थर रखे गए हैं वहां पर लोगों के हाथ में गन है, तलवार हैं। 

दो धर्मों के लोग इकट्ठे हो गए, जिनके हाथ में तलवार देसी कट्टा गन थी.

अगर कोई साधारण व्यक्ति हथियार के साथ ऐसे पकड़ा जाए तो 3 महीने तक जमानत नहीं होती.

नंगी तलवार, देसी कट्टे और बंदूक लेकर लोग जा रहे हैं, भीड़ जा रही है और पुलिस देख रही है.न  हिंदू वाले गुंडों को अरेस्ट किया और न ही मुसलमान वाले गुंडों को अरेस्ट किया. गिरफ्तार इसलिए नहीं किया गया क्योंकि इस स्क्रिप्ट में ऐसा ही लिखा था.आज बीजेपी की स्क्रिप्ट हमेशा की तरह एक्सपोज़ हो गई.हिंसक भीड़ हमेशा पागल होती है इनकी बंदूक की गोली पर किसका नाम लिखा है यह किसी को नहीं पता.''

गौरतलब है कि जहांगीरपुरी हिंसा मामले मेंअभी तक के हिसाब से मुख्य आरोपी अंसार की कुछ और फ़ोटो हैं जिसमें वो हाथ के बंदूक लेकर खड़ा दिखाई दे रहा है.इसके अलावा कुछ फोटो में वो सोने के आभूषण और नोटों की नुमाइश करता दिख रहा है. कहने के लिए अंसार कबाड़ी का काम करता है लेकिन इसके ऊपर सट्टा जैसा अवैध धंधा चलाने के भी 4 मुकदमे दर्ज हैं. जहांगीरपुरी दंगे में 2 नाम उभरकर सामने आए हैं, एक अंसार और दूसरा सोनू शेख उर्फ इमाम. 40 साल के अंसार पर साल 2009 में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा हुआ.साल 2011 से 2019 के बीच में गैंबलिंग एक्ट के तीन मुकदमे दर्ज हुए. साल 2013 में छेड़छाड़ की धारा 509 मारपीट की धारा 323 और धमकाने की धारा 509 के तहत भी मुकदमा दर्ज हुआ था.एक मामला जुलाई 2018 का है, 186/353 ipc(सरकारी कर्मचारी पर हमला करना और सरकारी काम मे बाधा डालना) की धारा इस पर लगाई गई थी. इसका पेशा कबाड़ी बताया गया है. ये चौथी कक्षा तक पढ़ा है.जहांगीरपुरी सी ब्लॉक का रहने वाला अंसार एरिया में काफी पहचाना जाता है क्योंकि जैसे-जैसे उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड बढ़ता गया वैसे-वैसे एरिया में उसकी एक्टिविटी अवैध पार्किंग से उगाही, सट्टे और नशे के कारोबार में बढ़ती गई. पुलिस का कहना है कि इन तमाम कामों से उसकी हर महीने लाखों की कमाई है. सूत्रों का कहना है कि एरिया के अवैध धंधों की उगाही का हिस्सा वह पुलिस तक भी पहुंचाता रहा है.

यह बताया जा रहा है कि अंसार को शनिवार शोभायात्रा की शाम मस्जिद से कॉल किया था जिसके बाद वह अपने साथियों के साथ पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस और झगड़ा किया. यह जानकारी उसकी कॉल रिकॉर्ड चेक करने से सामने आई है.हालांकि अंसार की अवैध कमाई लाखों में है लेकिन पुलिस उसके बैंक डिटेल की स्टेटमेंट्स भी खंगाल रही है. पुलिस को आशंका है कि अंसार को फंडिंग की गई क्योंकि उसे पहले से पता था कि जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में शोभा यात्रा निकलने वाली है इसलिए उसकी हरकत को एक गहरी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है.अंसार वह शख्स है जिसका एफआईआर में सबसे पहले नाम आया. पुलिस ने उसे मुख्य आरोपी बताते हुए एफआईआर में लिखा है कि अंसार ने ही सबसे पहले इस शोभायात्रा में सी ब्लॉक मस्जिद के सामने व्यवधान डाला था और कुछ लोगों से बहस की थी. अंसार का जन्म 1980 में जहांगीरपुरी सी ब्लॉक में हुआ लेकिन उसका मूल पश्चिम बंगाल के हल्दिया से पता चल रहा है और अब दिल्ली पुलिस ने हल्दिया पुलिस से संपर्क करके उसका बैकग्राउंड खंगालने को कहा है.

डोजियर के अनुसार, इसकी रिश्तेदारी मेवात के नूह में है. पुलिस ने इसका डोजियर 20 फरवरी 2009 को तैयार किया था. इसको चाकू के साथ गिरफ्तार किया था. डोजियर के मुताबिक इसके ख़िलाफ़ 2 मामले दर्ज़ है, पहले मामले में ये चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था और इसके खिलफ आर्म्‍स एक्‍ट की धारा लगाई गई थी.पुलिस ने इसकी बीएमडब्ल्यू के साथ कुछ फोटोग्राफ देखे तो आशंका जताई गई कि इसके पास लग्जरी गाड़ियां हो सकती हैं.इस सिलसिले में पूछताछ करने पर पता चला कि उसने किसी को ब्याज पर फाइनेंस किया था और बदले में उसकी बीएमडब्ल्यू कार कुछ समय के लिए अपने पास रख ली थी. पुलिस अंसार के हवाला कनेक्शन की भी जांच कर रही है और यह भी आशंका है कि उसके पास पुरानी लग्जरी गाड़ियां और अकूत दौलत हो सकती है, हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

सोनू शेख और सलीम चिकना का क्रिमिनल रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस
जहांगीरपुर दंगे वाली शाम नीले कुर्ते में पुलिस के ऊपर फायरिंग करते हुए वायरल हुआ सोनू शेख गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूछताछ के दायरे में है.पुलिस उसका प्रीवियस क्रिमिनल रिकॉर्ड खंगाल रही है, उसके बारे में पूछताछ कर रही है. सूत्रों से जानकारी मिली है कि उसके खिलाफ एक आपराधिक मुकदमा पहले से दर्ज मिला है. उससे सोफेस्टिकेटेड पिस्टल भी रिकवर हुई है. सोनू से पहले गिरफ्तार हुआ उसका भाई सलीम चिकना कुख्यात बदमाश है, जिस पर पहले से हत्या की कोशिश लूटपाट आर्म्स एक्ट जैसे कई मामले दर्ज हैं. सोनू सेठ को जब पुलिस गिरफ्तार करने गई तो एक बार फिर पुलिस के टीम के ऊपर पत्थर फेंके गए. पुलिस पूरी फैमिली के क्रिमिनल बैकग्राउंड की भी पड़ताल कर रही है.

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