दिल्ली (Delhi Covid-19) के अस्पतालों में कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमित मरीजों की तादाद बढ़ रही है, ऐसे में ऑक्सीजन, एंबुलेंस और दवा के नाम पर कालाबाजारी करके कोविड मरीजों से खूब पैसा भी कमाया जा रहा है. कहीं एंबुलेंस तो कहीं ऑक्सीजन के नाम पर ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं. अमन अपनी मां को लेकर बीते 24 घंटे से दिल्ली के प्राइवेट अस्पताल (Delhi Hospitals) से लेकर सरकारी अस्पताल तक के चक्कर लगा रहे हैं. मां का इलाज शुरु नहीं हुआ है लेकिन एंबुलेंस से लाने ले जाने में 40 हजार रुपये तक खर्च हो चुके हैं.
अमन ने कहा, 'मैक्स अस्पताल से हिन्दूराव अस्पताल लाने के लिए 10 हजार रुपये मांग रहे हैं. एंबुलेंस वाले कल से अब तक एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं.' दिल्ली के तमाम निजी अस्पतालों ने आसपास के जिलों से एंबुलेंस मंगवाई हुई हैं. यही वजह है कि द्वारका से हिन्दूराव अस्पताल तक करीब 15 किलोमीटर के लिए 10 हजार रुपये तक किराया वसूला जा रहा है. एंबुलेंस ड्राइवर इसके लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
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किट पहने ड्राइवर से जब NDTV ने बातचीत की तो वह बोले, '7 हजार रुपये लिए मैंने. भाई साहब हम भी तो तीन दिन से एंबुलेंस चला रहे हैं, सोया तक नहीं हूं. रोटी खाने रुकता हूं तो लोग भगाने लगते हैं.' आपदा में अवसर तलाशते कालाबाजारी की यह हकीकत दिल्ली की है तो आप सोच सकते हैं कि दूर दराज के इलाकों की क्या हालत होगी.
एंबुलेंस ही नहीं ऑक्सीजन के सिलेंडर तक महंगे हो गए हैं. हरिनगर के रहने वाले अभिषेक की पत्नी कोरोना से संक्रमित हैं. ऑक्सीजन लेवल लगातार नीचे जा रहा है. अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया है. अभिषेक ने बताया कि प्राइवेट ऑक्सीजन का एक सिलेंडर बाजार में 10 से 15 हजार रुपये में मिल रहा है, लिहाजा अब पत्नी को घर ले जा रहे हैं.
अभिषेक ने कहा कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है. बेड मिल नहीं रहे हैं. दिल्ली सरकार फेल हो रही है. अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए कई RWA और निजी लोगों ने भी इस तरह के ऑक्सीजन सिलेंडरों को स्टोर करना शुरु कर दिया है, जिससे प्लांट पर ऑक्सीजन सिलेंडर भराने वालों की भीड़ बढ़ रही है.
सिलेंडर भराने वाले लोगों ने कहा कि हमने अपने RWA में ऑक्सीजन रख लिया है ताकि कोई जरुरत पड़े तो हम लोगों को दे सकें. ऑक्सीजन के सिलेंडरों की कमी है. अब सिलेंडर के रेगुलेटर नहीं मिल रहे हैं क्योंकि ये बाहर से आ रहे हैं.
गौरतलब है कि कोविड संक्रमण के हजारों केस रोजाना आने से अस्पतालों पर खासा दबाव है, ऐसे में कालाबाजारी करने वाले लोग हैं, जो कोरोना संक्रमण की आड़ में पैसा बनाने में जुट गए हैं.
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