- मुंबई पुलिस की विशेष टीम ने 30 साल से फरार आरोपी द्विजेंद्र कमलप्रसाद दुबे को गिरफ्तार किया
- आरोपी पर 1995 में चोरी का मामला दर्ज था, जिसका न्यायालय में लंबित मुकदमा था
- आरोपी उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का निवासी है और लगातार अपनी पहचान छुपाता रहा
वो भागता रहा और वक्त-वक्त पर अपना शहर और ठिकाना बदलता रहा. लेकिन इतनी कड़ी जद्होजह्द के बाद भी कानून की नजर से बच नहीं पाया. जी हां, महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के डॉ. दा. भ. मार्ग पुलिस थाने की टीम ने फरार आरोपी खोज विशेष अभियान के तहत एक ऐसा आरोपी दबोचा है, जो पिछले तीन दशकों से फरार चल रहा था. 65 वर्षीय द्विजेंद्र कमलप्रसाद दुबे पर 1995 में चोरी का मामला दर्ज हुआ था, और तब से वह पुलिस और अदालत दोनों से आंख-मिचौली का खेल खेलता रहा. लेकिन अब, तकनीक और जज़्बे की मदद से पुलिस ने उसे फिर से कानून के कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है, जहां अब उसके कर्मों का हिसाब होगा.
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क्या है मामला
मुंबई के डॉ. दा. भ. मार्ग पुलिस थाने की टीम ने “फरार आरोपी खोज विशेष अभियान” के तहत बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने करीब 30 साल से फरार चल रहे एक आरोपी द्विजेंद्र कमलप्रसाद दुबे (65 वर्ष) को गिरफ्तार किया है. आरोपी मूल रूप से ठी. गर्वाह, जिला बस्ती (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है. मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी पर साल 1995 में डॉ. दा. भ. मार्ग पुलिस थाने में धारा 381 भारतीय दंड संहिता (भा.द.वि.) के तहत चोरी का मामला दर्ज किया गया था. इस केस का क्रमांक 470/1995 है, जबकि न्यायालय में यह मामला केस नं. 110/PW/1996 के रूप में लंबित था. आरोपी पिछले तीन दशकों से फरार चल रहा था.
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कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे
इस दौरान, गिरगांव कोर्ट (18वां न्यायालय) के मा. प्रथम वर्ग न्याय दंडाधिकारी ने आरोपी के खिलाफ स्टैंडिंग नॉन-बेलेबल वॉरंट (अजामीनपात्र वारंट) जारी किया था. इसके बावजूद आरोपी लगातार अपनी जगह बदलता रहा, जिससे पुलिस को उसकी लोकेशन मिलने के बाद भी उसे पकड़ना मुश्किल हो रहा था. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर डॉ. दा. भ. मार्ग पुलिस की एक विशेष टीम ने आरोपी की तलाश शुरू की. पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश के बस्ती, अयोध्या और लखनऊ में लगातार खोजबीन की. टेक्निकल जांच और स्थानीय सूत्रों की मदद से आखिरकार टीम को आरोपी के मुंबई लौटने की जानकारी मिली.
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