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This Article is From Mar 31, 2022

IPL 2022: पार्थिव ने बतायीं दो बड़ी वजह कि क्यों अश्विन चेन्नई जैसा प्रदर्शन बाकी टीमों के लिए नहीं कर सके

IPL 2022: व्हाइट बॉल में टीम इंडिया के लिए जरूर अश्विन कई साल इस फौरमेट से दूर रहे हों, लेकिन फ्रेंचाइजी टीमें इस ऑफ स्पिनर को सबसे छोटे फौरमेट की जरूरत मानती हैं.

IPL 2022: पार्थिव ने बतायीं दो बड़ी वजह कि क्यों अश्विन चेन्नई जैसा प्रदर्शन बाकी टीमों के लिए नहीं कर सके
IPL 2022: रविचंद्रन अश्विन अब राजस्थान का हिस्सा हैं
नई दिल्ली:

IPL 2022: अनुभवी दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन इंडियन प्रीमिय लीग (IPL 2022) के इतिहास में कई टीमों के लिए खेल चुके हैं. पंजाब के कप्तान भी रह चुके हैं. पंजाब के बाद दिल्ली के लिए भी खेले. वह पुणे का भी हिस्सा रहे और अब इस सेशन से यह ऑफ स्पिनर राजस्थान के लिए खेल रहा है. दिल्ली ने रिलीज किया, तो राजस्थान ने पांच करोड़ रुपये में खरीद लिया. व्हाइट बॉल में टीम इंडिया के लिए जरूर अश्विन कई साल इस फौरमेट से दूर रहे हों, लेकिन फ्रेंचाइजी टीमें इस ऑफ स्पिनर को सबसे छोटे फौरमेट की जरूरत मानती हैं. याद दिला दें कि अश्विन चेन्नई के निलंबित होने से पहले तक दो साल के लिए इस टीम से खेले थे और यह भी सच है कि इस टीम के लिए ही अश्विन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आया है और बाद में अश्विन कभी वैसे गेंदबाज नहीं रहे, जैसे वह चेन्नई के लिए खेलते समय दिखायी पड़े.

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अश्विन ने चेन्नई के लिए खेले 97 मैचों में 90 विकेट लिए. और उनका इकॉमी रन-रेट 6.46 का रहा.  वहीं, पंजाब के लिए अश्विन ने 28 मैचों में 7.67 के साथ 25, जबकि दिल्ली कैपिटल्स के लिए इस ऑफी ने 28 मैचों में 7.55 के इकॉनमी रन-रेट के साथ 20 विकेट लिए. पुणे के लिए  भी अश्विन 14 मैच खेले और उन्होंने इन मैचों में 7.25 इकॉनमी रन रेट से 10 विकेट चटकाए. और आंकड़े साफ कह रहे हैं कि जैसा प्रदर्शन अश्विन ने चेन्नई के लिए किया, वैसा बाद में किसी भी टीम के लिए नहीं किया. 

इस विषय पर पार्थिव पटेल ने एक वेबसाइट से बातीचत में कहा कि अश्विन के प्रदर्शन में गिरावट यह बताता है कि एमएस धोनी यह बखूबी जानते थे कि उन्हें अश्विन का इस्तेमाल कैसे करना है. पार्थिव पोले कि सबसे पहली बात तो यह इस पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की पिच का इस्तेमाल करते  हो. चेन्नई में 140 या 150 एक विजयी  स्कोर है और यहां पर गेंद काफी ज्यादा स्पिन होती है. यह कारण है कि अश्विन के आंकड़े चेन्नई के साथ बेहतर हैं. साथ ही यहां कप्तान का पहलू भी बड़ा अंतर पैदा करता है.  

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पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि एमएस धोनी जानते थे कि अश्विन का कैसे और कहां इस्तेमाल करना है. साल 2010 में धोनी ने अश्विन से नयी गेंद के साथ गेंदबाजी करायी. एमएस ने उनका अच्छा इस्तेमाल किया और उन्हें पिच से भी मदद मिली.  उन्होंने कहा कि अश्विन के आंकड़े उतने खराब नहीं हैं. उसने भारतीय टीम में भी वापसी की है. 

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