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ग्राउंड रिपोर्ट: मलबे में जिंदगी की तलाश जारी, अधिकारियों की 'लापरवाही' पर NDTV से क्या बोले सीएम अब्दुल्ला

सीएम अब्दुल्ला ने मौके पर पहुंचकर एनडीआरएफ और सेना के अफसरों से भी मुलाकात की. सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि यहां हम बहुत संभल कर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं.

किश्तवाड़ में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सीएम अब्दुल्ला ने पीड़ित परिवार से की मुलाकात

  • किश्तवाड़ के चसोटी गांव में बादल फटने से 60 लोगों की मौत हुई और कई लोग अभी भी लापता हैं राहत कार्य जारी हैं
  • जम्मू-कश्मीर के CM अब्दुल्ला ने आपदा क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और मदद का आश्वासन दिया.
  • रेस्क्यू ऑपरेशन में NDRF सेना के जवान तेजी से काम कर रहे हैं और जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहे हैं.
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नई दिल्ली:

किश्तवाड़ के चसोटी गांव में बादल फटने से जो तबाही मची उसने कई जिंदगियों को लील लिया. 14 अगस्त को आई आपता के बाद अब घटना वाली जगह मलबे के अंबार है. मलबे के ढेर के बीच फंसी जिंदगी (लोगों) को ढूंढ़ने के लिए लागातर राहत और बचाव कार्य जारी है. उम्मीद जताई जा रही है कि रेस्क्यू टीम मलबे के बीच से अभी भी कुछ लोगों को जिंदा निकाल सकते हैं. इस आपता में 60 लोगों की मौत की खबर है जबकि बड़ी संख्या में लोग अभी भी लापता हैं. जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को मौके का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने NDTV से खास बात की. उन्होंने कहा कि हम पीड़ित परिजनों की हर संभव मदद करेंगे. 

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पीड़ित परिवारों से मिले सीएम उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला शनिवार सुबह चसोटी गांव पहुंचें. उन्होंने इस दौरान यहां चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया. साथ ही उन्होंने उन पीड़ित परिवारों से भी मुलाकात की जिन्होंने इस आपता में अपनों को खोया था. सीएम अब्दुल्ला ने मौके पर पहुंचकर एनडीआरएफ और सेना के अफसरों से भी मुलाकात की. सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि यहां हम बहुत संभल कर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहत और रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद हम यह जांच करेंगे कि जब पहले से ही मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया हुआ था तो फिर प्रशासन से कहां चूक हुई. 

जम्मू में तैनात सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया इस आपता को लेकर बताया था कि किश्तवाड़ के चशोती गांव में बादल फटने के बाद व्हाइट नाइट कोर के सैनिक राहत और बचाव कार्यों में के लिए तेजी से मोर्चा संभाला. उन्होंने बताया था कि पहली कोशिश लोगों की जान बचाना और जीवित बचे लोगों की सहायता करना एवं लापता लोगों की तलाश करना है.

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पुल से लेकर बड़े-बडे़ पेड़ तक सब बह गए

मौके पर अभी इस आपता के भयावह निशान मौजूद हैं. ये आपदा कितनी बड़ी थी इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जब एनडीटीवी की टीम मौके पर पहुंची तो हादसे वाली जगह पर हर तरफ मौत का मंजर बिखरा हुआ था. हर तरफ मलबा ही मलबा था. क्या पुल, क्या बड़े-बड़े पेड़ और क्या ही कोई इमारत, सब ताश के पत्तों की तरह मलबे के ढेर में तब्दील हो चुके थे. ये मंजर बेहद खौफनाक था. 

पीएम मोदी ने हर संभव मदद का दिया भरोसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किश्तवाड़ में हुई आपदा को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बात की थी. उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और हर संभव सहायता की पेशकश की थी.

21 शवों की हुई पहचान

जम्मू-कश्मीर में प्राधिकारियों ने किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव से बरामद किए गए शवों में से 21 की पहचान कर ली है. अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए प्राधिकारियों ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से पीड़ितों की तस्वीरें प्रभावित परिवारों के साथ साझा कीं जिसके परिणामस्वरूप बरामद किए गए शवों में से 21 की पहचान की गई.

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बम फटने जैसी आवाज़ आई थी

आपदा के शिकार एक पीड़ित ने बताया था कि अचानक बम फटने जैसी आवाज़ आई और सब लोग चिल्लाने लगे, 'भागो, भागो.' जैसे ही मैं भागने लगा, मैं मलबे में फंस गया और एक बिजली का खंभा मेरे ऊपर गिर गया. इसके बाद, मैंने अपनी बेटी को आवाज़ लगाई और उसने मुझे वहां से बाहर निकाला.

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