पश्चिमी यूपी में मुसलमान, पूर्वी यूपी के मुसलमानों की तुलना में ज़्यादा सम्पन्न हैं.सहारनपुर में लकड़ी के कारोबार और मुरादाबाद के पीतल के कारोबार में वे शामिल हैं.वे बड़े किसान भी हैं. यहां जाटों से उनके झगड़े साम्प्रदायिक कम कारोबारी या ज़मीन जायदाद के ज़्यादा रहे हैं.पश्चिमी यूपी में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने "मजगर" यानि मुस्लिम, अहीर, जाट, गुर्जर और राजपूत को जोड़ने का नारा दिया था. इसका उन्हें सियासी लाभ मिला.
संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर मुस्लिम महिलाओं के आंदोलन के जवाब में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब तक की सबसे बड़ी मुहिम शुरू कर दी है. उनके कार्यकर्ता गांव-गांव जा कर बता रहे हैं कि पाकिस्तान में जिन हिंदुओं को सताया गया उनमें 75 फीसदी दलित और पिछड़े हैं.
शाहजहाँ ने जितनी शदीद मोहब्बत से मुमताज़ की याद में ताजमहल बनवाया था आज वो उससे ज़्यादा शदीद नफ़रत का शिकार है. वो दुनिया के सात अजूबों में है. वो युनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की फेहरिस्त में है. उसे देखने के बाद बिल क्लिंटन ने कहा था कि “आज मुझे एहसास हुआ कि इस दुनिया में दो तरह के लोग हैं. एक वो जिन्होनें ताज देखा है और दूसरे वो जिन्होंने ताज नहीं देखा.” इस दुनिया में ताज से खूबसूरत इमारतें हो सकती हैं, लेकिन उनमें से कोई ताज नहीं है क्योंकि इसकी बुनियाद में एक शहंशाह का दिल रखा है. हिंदोस्तां पे और हिंदोस्तां के दो तिहाई सूबों पर हुकूमत करने वाली बीजेपी के मेरठ ज़िले के एमएलए संगीत सोम ने एक पब्लिक मीटिंग में ऐलान किया कि ताजमहल को इतिहास से निकाल दिया जाना चाहिए.
बीएचयू के गेट पर लड़कियों का हुजूम था... 18..19...20...22 साल की लड़कियां... जो कुछ जलते हुए सवालों के साथ जलती हुई सड़क पर बैठी थीं, कुछ गोल घेरे में खड़ी थीं. सबकी मुट्ठियाँ भिंची थीं और हवा में नारे लहरा रहे थे, "लड़ेंगे-लड़ेंगे..जीतेंगे-जीतेंगे." चेहरे पर ग़म और ग़ुस्सा था... जिस लड़के ने कैंपस में एक लड़की के कपड़े में हाथ डाल के बेइज़्ज़त किया उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. वीसी ने लड़कियों से मिलने से इंकार कर दिया था. हमारे साथ खड़े वीसी के एक समर्थक ने हिक़ारत से उनकी तरफ देख के कहा, "माई घूंघट निकालेली, लईकी जांघिया पहन के नारा लगावेली'. यानी इनकी मां तो घूंघट निकालती होंगी, लेकिन लड़की शॉर्ट्स पहन के नारे लगा रही है."
यूपी और पंजाब चुनावों से पहले अंबेडकर के लिए अचानक सियासी दलों में प्यार उमड़ा है, और ऐसा उमड़ा है कि मानो प्यार की सूनामी आ गई हो। और उमड़े भी क्यों ना जबकि यूपी में 21 फीसदी और पंजाब में 31 फीसदी दलित वोट है।