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टैरिफ पर अब होगी ट्रंप की अग्निपरीक्षा! सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया तो हजारों करोड़ का देना होगा रिफंड

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अमेरिका के छोटे व्यवसायों और राज्यों के एक समूह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनका तर्क है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ अवैध हैं और उन्हें खत्म किया जाना चाहिए.

टैरिफ पर अब होगी ट्रंप की अग्निपरीक्षा! सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया तो हजारों करोड़ का देना होगा रिफंड
  • अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में 5 नवंबर से टैरिफ मामले की सुनवाई शुरू होने जा रही है
  • राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश की आर्थिक ताकत और सुरक्षा को निर्धारित करेगा
  • वहीं केस करने वाले छोटे व्यवसायों और राज्यों का तर्क है कि अधिकांश टैरिफ अवैध हैं, उन्हें खत्म किया जाना चाहिए
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अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में 5 नवंबर से टैरिफ मामले पर सुनवाई होने जा रही है और इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण केस में से एक बताया है. ट्रंप ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट टैरिफ मामलों पर फैसला देश की आर्थिक ताकत और सुरक्षा का निर्धारण करेगा. वहीं दूसरी तरफ उनके आलोचकों का कहना है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ को एक ऐसा शक्तिशाली टूल बना रखा है जिसकी मदद से वो दूसरे देशों को अपनी मर्जी के अनुसार झुकाना चाहते हैं और कोर्ट का इसपर फैसला ट्रंप को उसकी कीमत याद दिलाएगा.

ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, ट्रंप ने लिखा है, "टैरिफ पर अगले सप्ताह का मामला देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण में से एक है. यदि एक राष्ट्रपति को टैरिफ का उपयोग करने की अनुमति नहीं है, तो हम दुनिया भर के अन्य सभी देशों, विशेष रूप से 'बड़े देशों' के खिलाफ एक बड़े नुकसान में होंगे. सही मायनों में, हम रक्षाहीन होंगे... यदि हम (केस) जीतते हैं, तो हम अब तक दुनिया में सबसे अमीर, सबसे सुरक्षित देश होंगे. यदि हम हारते हैं, तो हमारा देश लगभग तीसरी दुनिया के दर्जे तक सिमट सकता है - भगवान से प्रार्थना करें कि ऐसा न हो!"

सुप्रीम कोर्ट में किस मुद्दे पर सुनवाई

ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अमेरिका के छोटे व्यवसायों और राज्यों के एक समूह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उनका तर्क है कि ट्रंप द्वारा लगाए गए अधिकांश टैरिफ अवैध हैं और उन्हें खत्म किया जाना चाहिए. यदि सुप्रीम कोर्ट उनके तर्क से सहमत होता है, तो ट्रंप की व्यापार रणनीति उलट जाएगी. इनमें वैश्विक स्तर पर लगाए गए वो व्यापक टैरिफ भी शामिल है जिसकी उन्होंने पहली बार अप्रैल में घोषणा की थी. अगर कोर्ट ट्रंप सरकार के खिलाफ फैसला देता है तो उसे संभवतः टैरिफ के रूप से जमा किए गए अरबों डॉलर में से कुछ वापस करना होगा.

जज अंतिम फैसला देने के पहले कई महीनों तक दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार कर सकते हैं और फिर मामले की खूबियों पर चर्चा करने के बाद फैसला आएगा. आखिर में वे मतदान करेंगे. रविवार को, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में शामिल नहीं होंगे क्योंकि वह ध्यान भटकाना नहीं चाहते.

उन्होंने कहा, "मेरा बहुत मन था कि मैं वहां जाउं... मैं उस फैसले के महत्व को कम करने के लिए कुछ भी नहीं करना चाहता... यह मेरे बारे में नहीं है, यह हमारे देश के बारे में है." इससे पहले ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि अगर वह केस नहीं जीतते हैं तो आने वाले कई वर्षों तक अमेरिका "कमजोर" और "वित्तीय गड़बड़ी" में रहेगा.

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