सीरियाई विदेशमंत्री वालिद अल मुलाअम (तस्वीर : रॉयटर्स)
बेरुत:
सीरिया अपने इलाके में किसी भी तरह की मैदानी घुसपैठ नहीं होने देगा और ऐसा करने वाले हमलावर 'ताबूत' में अपने घर वापिस लौटेंगे। यह कहना है सीरिया के विदेश मंत्री का जिन्होंने सीधे उन सुन्नी अरब देशों पर निशाना साधा है जो ऐसे किसी ऑपरेशन का हिस्सा बनने के लिए अपनी रज़ामंदी दे चुके हैं। विदेश मंत्री वालिद अल मुआलम ने यह भी कहा है कि जब तक राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार के विरोधी तुर्की और जॉर्डन की सीमाओं को आसानी से पार कर पा रहे हैं, तब तक सीरिया संघर्ष में किसी भी तरह का संघर्ष विराम मुमकिन नहीं है।
वालिद ने कहा 'सीरियाई ज़मीन पर यहां की सरकार की सहमति के बगैर किसी भी तरह की मैदानी घुसपैठ को 'आक्रमण' का एक तरीका समझा जाएगा और हमें अफसोस होगा कि जो लोग ऐसा करेंगे वह 'ताबूद' में वापिस अपने देश लौटेंगे।'
अमेरिका का साथ
गौरतलब है कि सुन्नी मुसलमान के साम्राज्य सऊदी अरब और बहरैन ने हाल ही में कहा था कि अगर अमेरिका की अगुवाई में कोई गठबंधन सीरिया और इराक़ में इस्लामिक स्टेट के खात्मे के लिए कोई ऑपरेशन शुरू करेगा तो वह उसका हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रपति मुआलम ने कहा 'मुझे नहीं लगता कि वह जिस मैदानी ऑपरेशन की बात कर रहे हैं, वह ऐसा कुछ करेंगे लेकिन जिस तरह के अजीबोगरीब फैसले उन्होंने यमन और दूसरे इलाकों में लिए हैं, उसे देखकर लगता है कि कुछ भी हो सकता है।' मुआलम का इशारा सऊदी के उस सैन्य अभियान की तरफ था जो उसने यमन में ईरान के सहयोगी हऊथी विरोधियों के खिलाफ छेड़ा था।
मुआलम ने रूसी विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव का हवाला दिया जिन्होंने हाल ही में कहा था कि जब तक तुर्की और जॉर्डन की सीमाओं को सील नहीं किया जाता तब तक सीरिया में संघर्ष विराम मुमकिन नहीं है। बता दें कि सीरिया के राष्ट्रपति असद के खिलाफ लड़ रहे विरोधी संगठनों को तुर्की और जॉर्डन से सामग्री हासिल हो रही है। हालांकि सीरियाई मामले में असद के समर्थन में रूस के सैन्य हस्तक्षेप से दमिश्क अपने खोए इलाके को फिर से हासिल कर पाया है।
वालिद ने कहा 'सीरियाई ज़मीन पर यहां की सरकार की सहमति के बगैर किसी भी तरह की मैदानी घुसपैठ को 'आक्रमण' का एक तरीका समझा जाएगा और हमें अफसोस होगा कि जो लोग ऐसा करेंगे वह 'ताबूद' में वापिस अपने देश लौटेंगे।'
अमेरिका का साथ
गौरतलब है कि सुन्नी मुसलमान के साम्राज्य सऊदी अरब और बहरैन ने हाल ही में कहा था कि अगर अमेरिका की अगुवाई में कोई गठबंधन सीरिया और इराक़ में इस्लामिक स्टेट के खात्मे के लिए कोई ऑपरेशन शुरू करेगा तो वह उसका हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए राष्ट्रपति मुआलम ने कहा 'मुझे नहीं लगता कि वह जिस मैदानी ऑपरेशन की बात कर रहे हैं, वह ऐसा कुछ करेंगे लेकिन जिस तरह के अजीबोगरीब फैसले उन्होंने यमन और दूसरे इलाकों में लिए हैं, उसे देखकर लगता है कि कुछ भी हो सकता है।' मुआलम का इशारा सऊदी के उस सैन्य अभियान की तरफ था जो उसने यमन में ईरान के सहयोगी हऊथी विरोधियों के खिलाफ छेड़ा था।
मुआलम ने रूसी विदेश मंत्री सेरगेई लावरोव का हवाला दिया जिन्होंने हाल ही में कहा था कि जब तक तुर्की और जॉर्डन की सीमाओं को सील नहीं किया जाता तब तक सीरिया में संघर्ष विराम मुमकिन नहीं है। बता दें कि सीरिया के राष्ट्रपति असद के खिलाफ लड़ रहे विरोधी संगठनों को तुर्की और जॉर्डन से सामग्री हासिल हो रही है। हालांकि सीरियाई मामले में असद के समर्थन में रूस के सैन्य हस्तक्षेप से दमिश्क अपने खोए इलाके को फिर से हासिल कर पाया है।
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