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न्यू ईयर पर दहल जाता तुर्की! जिहादी हमले की साजिश का भंडाफोड़, इस्लामिस्क स्टेट के 115 आतंकी गिरफ्तार

तुर्की को खुफिया जानकारी मिली थी कि इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान हमलों की योजना बना रहा था. अब उसने 115 आतंकियों को गिरफ्तार किया है.

न्यू ईयर पर दहल जाता तुर्की! जिहादी हमले की साजिश का भंडाफोड़, इस्लामिस्क स्टेट के 115 आतंकी गिरफ्तार
इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की फाइल फोटो
  • तुर्की में नए साल के आसपास आतंकवादी हमलों की योजना बनाने के आरोप में इस्लामिक स्टेट के 115 सदस्य गिरफ्तार
  • इस्तांबुल के प्रॉसिक्यूटर जनरल के अनुसार कुल 137 लोगों की गिरफ्तारी के आदेश दिए गए थे, जिनमें से 115 पकड़े गए
  • 2019 में ईराक-सीरिया में इस्लामिक स्टेट की आखिरी पकड़ खत्म हुई थी, लेकिन समूह अभी भी हमले करता रहता है
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क्रिसमस और नए साल के बीच पूरी दुनिया जश्न के माहौल में डूबी होती है, दिल उत्साह से भरा होता है. लेकिन तुर्की में आतंकी इस दौरान अपने हमलों को अंजाम देकर दहशत फैलाने की फिराक में थे. राहत की बात यह है कि हमलों से पहले ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. साल के अंत की छुट्टियों के दौरान आतंकी हमलों की योजना बनाने के संदेह में इस्लामिक स्टेट समूह के लगभग 115 कथित सदस्यों को तुर्की में गिरफ्तार किया गया है. एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार तुर्की की राजधानी इस्तांबुल के प्रॉसिक्यूटर जनरल ने इसकी जानकारी दी है.

प्रॉसिक्यूटर जनरल के ऑफिस ने कहा कि उन्होंने 137 लोगों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था, जिनमें से 115 को अब तक पकड़ा गया है. उनकी तरफ से बताया गया "खुफिया जानकारी मिली थी कि इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान हमलों की योजना बना रहा था".

बता दें कि तुर्की सीरिया के साथ 900 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, जहां यह जिहादी समूह अभी भी सक्रिय हैं. अमेरिका ने हाल ही में 13 दिसंबर को सीरिया के पलमायरा में हुए हमले के लिए इस्लामिक स्टेक के ही आतंकी को दोषी ठहराया था, जिसमें दो अमेरिकी सैनिक और एक अमेरिकी नागरिक की मौत हो गई थी.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इस सप्ताह, तुर्की की खुफिया एजेंसी ने भी अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा क्षेत्र पर भी एक अभियान चलाया, जिसमें एक तुर्की नागरिक को पकड़ लिया गया. तुर्की ने कहा कि यह नागरिक इस्लामिक स्टेट समूह में एक सीनियर भूमिका निभा रहा था. गिरफ्तारी के समय मेहमत गोरेन पर अफगानिस्तान, पाकिस्तान, तुर्की और यूरोप में नागरिकों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले प्लान करने का आरोप लगाया गया था.

बार-बार सर उठा रहा इस्लामिक स्टेट

2015 में इस्लामिक स्टेट अपने चरम पर था और इसने उस समय इराक और सीरिया में यूनाइटेड किंगडम के आधे आकार के क्षेत्र को नियंत्रित कर लिया था. यह धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उन मुसलमानों के खिलाफ क्रूरता के लिए कुख्यात था जो उग्रवादियों की इस्लाम की चरम व्याख्या का पालन नहीं करते थे. लेकिन सालों की लड़ाई के बाद, अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2019 के अंत में क्षेत्र पर इस्लामिक स्टेट की आखिरी पकड़ को तोड़ दिया. लेकिन अभी भी कई देशों में इस्लामिक स्टेट के गुट समय-समय पर हमले करते हैं.

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