दमिश्क:
सीरिया में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने रविवार को उन स्थलों का दौरा किया जहां रासायनिक हथियार रखे गए हैं और उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई शुरू की। इस बीच, राजधानी दमिश्क में मोर्टार हमले किए गए जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एक सूत्र ने नाम जाहिर करने की शर्त पर कहा कि रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने उन स्थलों का दौरा किया और उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई शुरू की। इससे ज्यादा विवरण देने से उसने इनकार कर दिया।
इस बीच लेबनान की अल-मनार टीवी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों ने रासायनिक हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि हथियार निरीक्षकों का यह दल पिछले मंगलवार को सीरिया पहुंचा था।
उधर, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने कहा है कि वह सीरिया पर दूसरे जेनेवा सम्मेलन के लिए तैयार हैं लेकिन वह विद्रोहियों से बातचीत नहीं करेंगे।
असद ने सीरिया के सरकारी समाचार पत्र तिशरीन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "हमारी इसके अलावा कोई शर्त नहीं है कि हम विद्रोहियों से बातचीत को खारिज करते हैं, जब तक कि वे हथियार नहीं डालते और विदेशी हस्तक्षेप की मांग नहीं छोड़ देते।"
यह पूछे जाने पर कि क्या मध्य नवंबर में अंतरराष्ट्रीय तौर पर समर्थित सम्मेलन में हिस्सेदारी से पहले उनकी कोई पूर्व शर्त है, असद ने कहा, "सबसे प्रमुख शर्त है कि समाधान सीरिया की स्थिति के अनुसार होना चाहिए और संवाद राजनीतिक होना चाहिए। लेकिन अगर बात हथियारों से होगी तो हम जेनेवा क्यों जाएंगे।"
साक्षात्कार का प्रकाशन 1973 के अक्टूबर युद्ध की 40वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को हुआ है। यह युद्ध इजरायल के खिलाफ अरब राष्ट्रों ने संयुक्त रूप से लड़ा था।
असद ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि विदेश समर्थित आतंकवाद पर जीत सीरिया की सबसे बड़ी जीत हो सकती है।
इस बीच सीरिया की राजधानी दमिश्क के पूर्वी हिस्से में ईसाई बहुल एक जिले पर रविवार को मोर्टार से दागे गए गोले से चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
दमिश्क के सरकार समर्थक कासा जिले में यह हमला किया गया। पिछले कुछ महीनों से यहां इस तरह के हमले लगातार हो रहे हैं और इसमें दर्जनों व्यक्ति मारे जा चुके हैं।
रपट में कहा गया है कि यह हमला पास के चर्चित स्थल, जोबर से किया गया। जोबर विभिन्न गुटों के विद्रोहियों का ठिकाना माना जाता है।
कासा को बार-बार मोर्टार से निशाना बनाया जा रहा है और मोर्टार के गोले अक्सर फ्रेंच अस्पताल के पास गिरते हैं।
रविवार के हमले की जद में भी अस्पताल ही रहा। आतंकवादियों के इन हमलों में इलाके में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब सीरिया अरब देशों और इजरायल के बीच अक्टूबर 1973 में हुए युद्ध की 40वीं बरसी मना रहा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, एक सूत्र ने नाम जाहिर करने की शर्त पर कहा कि रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने उन स्थलों का दौरा किया और उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई शुरू की। इससे ज्यादा विवरण देने से उसने इनकार कर दिया।
इस बीच लेबनान की अल-मनार टीवी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र के निरीक्षकों ने रासायनिक हथियारों को नष्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि हथियार निरीक्षकों का यह दल पिछले मंगलवार को सीरिया पहुंचा था।
उधर, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने कहा है कि वह सीरिया पर दूसरे जेनेवा सम्मेलन के लिए तैयार हैं लेकिन वह विद्रोहियों से बातचीत नहीं करेंगे।
असद ने सीरिया के सरकारी समाचार पत्र तिशरीन को दिए एक साक्षात्कार में कहा, "हमारी इसके अलावा कोई शर्त नहीं है कि हम विद्रोहियों से बातचीत को खारिज करते हैं, जब तक कि वे हथियार नहीं डालते और विदेशी हस्तक्षेप की मांग नहीं छोड़ देते।"
यह पूछे जाने पर कि क्या मध्य नवंबर में अंतरराष्ट्रीय तौर पर समर्थित सम्मेलन में हिस्सेदारी से पहले उनकी कोई पूर्व शर्त है, असद ने कहा, "सबसे प्रमुख शर्त है कि समाधान सीरिया की स्थिति के अनुसार होना चाहिए और संवाद राजनीतिक होना चाहिए। लेकिन अगर बात हथियारों से होगी तो हम जेनेवा क्यों जाएंगे।"
साक्षात्कार का प्रकाशन 1973 के अक्टूबर युद्ध की 40वीं वर्षगांठ के मौके पर रविवार को हुआ है। यह युद्ध इजरायल के खिलाफ अरब राष्ट्रों ने संयुक्त रूप से लड़ा था।
असद ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि विदेश समर्थित आतंकवाद पर जीत सीरिया की सबसे बड़ी जीत हो सकती है।
इस बीच सीरिया की राजधानी दमिश्क के पूर्वी हिस्से में ईसाई बहुल एक जिले पर रविवार को मोर्टार से दागे गए गोले से चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए।
दमिश्क के सरकार समर्थक कासा जिले में यह हमला किया गया। पिछले कुछ महीनों से यहां इस तरह के हमले लगातार हो रहे हैं और इसमें दर्जनों व्यक्ति मारे जा चुके हैं।
रपट में कहा गया है कि यह हमला पास के चर्चित स्थल, जोबर से किया गया। जोबर विभिन्न गुटों के विद्रोहियों का ठिकाना माना जाता है।
कासा को बार-बार मोर्टार से निशाना बनाया जा रहा है और मोर्टार के गोले अक्सर फ्रेंच अस्पताल के पास गिरते हैं।
रविवार के हमले की जद में भी अस्पताल ही रहा। आतंकवादियों के इन हमलों में इलाके में संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब सीरिया अरब देशों और इजरायल के बीच अक्टूबर 1973 में हुए युद्ध की 40वीं बरसी मना रहा है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं