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माली में 5 भारतीयों का दिनदहाड़े किया गया अपहरण, अलकायदा-ISIS से जुड़े आतंकियों पर शक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार करीब 400 भारतीय इस समय माली में रहते और काम करते हैं. इनमें से कई कंस्‍ट्रक्‍शन, माइनिंग और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर में काम करते हैं.

माली में 5 भारतीयों का दिनदहाड़े किया गया अपहरण, अलकायदा-ISIS से जुड़े आतंकियों पर शक
2012 से तख्तापलट और संघर्षों से जूझ रहे इस देश में विदेशियों का अपहरण आम बात है.
  • माली में आतंकियों ने पांच भारतीय श्रमिकों का अपहरण कर लिया है.
  • ये भारतीय लोग विद्युतीकरण परियोजनाओं से जुड़ी एक कंपनी के कर्मचारी हैं .
  • अभी तक किसी भी संगठन ने अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन शक अलकायदा और ISIS से जुड़े आतंकियों पर है.
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अलकायदा के आतंकियों ने  माली में 5 भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया है. सुरक्षा सूत्र ने एएफपी को बताया कि पश्चिमी माली में कोबरी के निकट बंदूकधारियों ने गुरुवार को श्रमिकों का अपहरण कर लिया. ये लोग विद्युतीकरण परियोजनाओं पर काम कर रही एक कंपनी में कार्यरत थे. कंपनी के एक प्रतिनिधि ने अपहरण की पुष्टि की. कंपनी ने एएफपी को बताया, "कंपनी में काम करने वाले अन्य भारतीयों को राजधानी बमाको पहुंचा दिया गया है". अभी तक किसी भी समूह ने अपहरण की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. लेकिन शक अलकायदा-ISIS से जुड़े आतंकियों पर है. 

दरअसल  जुलाई में भी 3 भारतीय नागरिकों का अपहरण किया गया था. ये तीनों राजस्‍थान, ओडिशा और तेलंगाना के रहने थे. एक जुलाई को इस घटना को अंजाम दिया गया है. अल कायदा से जुड़े आतंकी संगठन जमात नुसरत अल-इस्‍लाम वल-मुसलमीन (JNIM) ने तीनों के अपहरण की जिम्मेदारी ली थी. अल-कायदा से जुड़ा ये आतंकवादी समूह हाल के दिनों में माली में कई हमलों की जिम्मेदारी भी ली है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार करीब 400 भारतीय इस समय माली में रहते और काम करते हैं. इनमें से कई कंस्‍ट्रक्‍शन, माइनिंग और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सेक्‍टर में काम करते हैं.

जुलाई में भी किया था भारतीय नागरिकों का अपहरण

2012 से तख्तापलट और संघर्षों से जूझ रहे इस देश में विदेशियों का अपहरण आम बात है. जेएनआईएम जिहादियों ने सितंबर में बमाको के पास दो अमीराती नागरिकों और एक ईरानी नागरिक का अपहरण कर लिया था. सूत्रों के अनुसार, पीड़ितों को पिछले हफ़्ते कम से कम 5 करोड़ डॉलर की फिरौती लेकर रिहा किया गया.

माली के साहेल क्षेत्र में माली, नाइजर और बुर्किना फासो शामिल हैं. यहां पर साल 2012 से हिंसा में लगातार इजाफा हो रहा है. यहां विद्रोह की शुरुआत उत्‍तरी माली से हुई थी. ग्‍लोबल टेाररिस्‍ट इंडेक्‍स (GTI) ने इस क्षेत्र को ग्‍लोबल टेररिजम का एपिक सेंटर बताया था. जीटीआई के अनुसार दुनियाभर में आतंकवाद से जुड़ी सभी मौतों में से आधे से ज्‍यादा मौतें यही होती हैं.

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