- वित्त मंत्री ने कर्नाटक के विजयनगर में वित्त मंत्रालय के चिंतन शिविर में वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया.
- चिंतन शिविर में 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के लिए वित्तपोषण, व्यापार सुगमता और एआई पर चर्चा हुई.
- वित्त मंत्री ने कानून सरल बनाने, गवर्नेंस सुधार और सुविधाजनक प्रशासन पर विशेष जोर दिया.
'Artificial Intelligence (AI) जमीनी कार्य में सहायता साबित होगा और चोरी का पता लगाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल को ह्यूमन इंटेलिजेंस द्वारा ही निर्देशित किया जाना चाहिए'. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक के विजयनगर में वित्त मंत्रालय के दो-दिवसीय चिंतन शिविर में वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए ये अहम कही. चिंतन शिविर में केंद्रीय कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया. चिंतन शिविर में 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए ज़रूरी तीन अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई:
-- विकसित भारत के लिए वित्तपोषण (Financing for Viksit Bharat)
-- विकासशील भारत के लिए व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business for Viksit Bharat)
-- विकसित भारत के लिए एआई (AI for Viksit Bharat)
ऐतिहासिक विजयनगर में दो दिनों तक चले मंथन में कई विषय प्रमुखता से सामने आये जिनमें प्रमुख थे -
-- राज्यों और शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाकर financing architecture को मजबूत करना
-- कॉर्पोरेट बांड बाजारों को सशक्त बनाना
-- डिजिटल और collateral-free ऋण का विस्तार और निजी निवेश को प्रोत्साहित करना
-- सरल कानूनों के ज़रिये Ease of Doing Business की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना
-- तेजी से विवाद समाधान (dispute resolution)
-- विश्वास-आधारित GST, सीमा शुल्क और कॉर्पोरेट प्रक्रियाएँ के माध्यम से व्यापार को आगे बढ़ाना
-- अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की ताकत का कारगर इस्तेमाल, लेकिन मानवीय निर्णय और जवाबदेही के दायरे में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि चिंतन शिविर में जिन बड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई है, उन्हें अगर बेहतर और कारगर तरीके से कार्यान्वित किया जायेगा तो इससे विकसित भारत के लक्ष्य की तरफ देश तेज़ी से आगे बढ़ सकता है.
चिंतन शिविर में वित्त मंत्री ने “AI, Ease of Doing Business & Financing for Viksit Bharat” सेशन का संचालन किया. वित्त मंत्रालय के मुताबिक "चिंतन शिविर" में, "वित्त मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि गवर्नेंस में सुधार के लिए कानून को सरल बनाने और सुविधाजनक प्रशासन पर ध्यान केंद्रित करना ज़रूरी होगा. टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि AI जमीनी कार्य में सहायता साबित होगा और चोरी का पता लगाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके इस्तेमाल को ह्यूमन इंटेलिजेंस द्वारा ही निर्देशित किया जाना चाहिए. 2047 तक एक समृद्ध राष्ट्र बनने की भारत के लक्ष्य पर बल देते हुए उन्होंने सभी अधिकारियों से इस सामूहिक प्रयास में योगदान देने का आह्वान किया, और कहा कि देश में गरीबी और असमानता को कम करने के लिए निरंतर समृद्धि (sustained prosperity) बेहद आवश्यक है".
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