रूस में फंसे भारतीयों को छुड़ाने की कोशिश जारी है. भारतीय दूतावास रूस की ऑथिरिटीज के संपर्क में है. क़रीब तीन दर्जन भारतीयों की तरफ़ से मदद की गुहार लगाई गई थी, जिसके बाद ये मामला सामने आया. इन भारतीयों ने रूस-यूक्रेन युद्ध मोर्चे पर भेजे जाने की शिकायत की है. बताया जा रहा है कि इन भारतीयों का रूसी सेना में सहायक के तौर पर कॉन्ट्रेक्ट किया गया था.
रूस में फंसे भारतीय एजेंटों के ज़रिए नौकरी के लिए मास्को पहुंचे थे. ऐसे आरोप हैं कि इन भारतीयों को सेना में सहायक के पद पर रखने के बजाय अब युद्ध लड़ने के लिए भेजा जा रहा है. युद्ध की जद में आकर अब तक दो भारतीयों की मौत भी हो चुकी है. हालांकि, जिन भारतीयों ने मदद की गुहार भारत सरकार से लगाई है, उनकी तलाश कर छुड़ाना एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है. वैसे अब तक 7 भारतीयों को छुड़ा कर स्वदेश भेजा गया है.
भारत ने बीते शुक्रवार को कहा था कि वह रूसी सैन्य इकाइयों में सहायक स्टाफ के रूप में काम कर रहे भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए रूस पर 'बहुत कड़ा' दबाव डाल रहा है. भारत ने सहायक स्टाफ के रूप में कार्य कर रहे दो भारतीयों की मौत के बाद पिछले सप्ताह अपने नागरिकों से ऐसी नौकरियां करके अपनी जान जोखिम में न डालने का आह्वान किया था.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम वहां फंसे अपने लोगों को जल्द से जल्द निकालने के लिए रूसी अधिकारियों पर बहुत दबाव डाल रहे हैं." जायसवाल ने अपनी पिछली टिप्पणियों का भी हवाला दिया कि 20 भारतीयों ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया है.
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