सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सोनिया गांधी ने अमेरिकी कोर्ट को अपनी पासपोर्ट की कॉपी देने से इनकार कर दिया है। 1984 के सिख दंगों के मामलों के मद्देनज़र कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से पासपोर्ट मांगा गया था।
श्रीमती गांधी ने अपना पासपोर्ट यह कह कर देने से इनकार कर दिया कि भारत सरकार इसकी इजाजत कभी नहीं देगी। सिखों के हित के लिए काम कर रहे एक समूह ने सोनिया गांधी पर एक केस दर्ज़ करवाया था और आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी सिख दंगों में शामिल अपने पार्टी के लोगों को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
सोनिया ने ब्रुकलीन, न्यूयॉर्क के कोर्ट को लिखे एक पत्र में कहा कि सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र भारत सरकार उन्हें इस बात की इजाजत नहीं दे रही है कि वे अपने पासपोर्ट की कॉपी अमेरिकी कोर्ट में जमा करें।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती गांधी ने न्यूयॉर्क में किसी फ़ेडरल समन के मिलने से इनकार किया था। उसके बाद जज ने मार्च के महीने में गांधी से उनकी पासपोर्ट की कॉपी मांगी थी। केवल पासपोर्ट ही इस बात को प्रमाणित कर सकता है कि 2012 में श्रीमती गांधी अमेरिका में थी या नहीं। इस दौरान सिखों के हित के लिए काम कर रहे एक समूह ने उन्हें समन भेजा था। समूह का कहना है कि उनके अधिकारियों ने उस अस्पताल में इस समन की कॉपी रिसीव करवाई थी जहां गांधी का इलाज चल रहा था।
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