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यूपी में नशीली कफ सिरप पर बड़ा एक्शन! 161 फर्मों पर FIR, 85 को किया गिरफ्तार  

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नशीली कफ सिरप और एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध कारोबार पर अब तक का सबसे बड़ा एक्शन लिया है. तीन महीने की जांच में 332 प्रतिष्ठानों की जांच हुई और 161 फर्मों पर FIR दर्ज की गई. पुलिस और एसटीएफ ने 85 लोगों को गिरफ्तार किया.

यूपी में नशीली कफ सिरप पर बड़ा एक्शन! 161 फर्मों पर FIR, 85 को किया गिरफ्तार  

UP Drug Crackdown 2025: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अवैध नशे के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है. जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कोडीनयुक्त कफ सिरप और एनडीपीएस श्रेणी की दवाओं के अवैध भंडारण, बिक्री और तस्करी पर सख्त कार्रवाई की गई. तीन महीने पहले शुरू हुए इस अभियान ने नशे के कारोबार की पूरी चेन को उजागर कर दिया है.

देशभर में जांच और सबूत जुटाए

एफएसडीए ने कार्रवाई से पहले झारखंड, हरियाणा, हिमाचल और उत्तराखंड में जांच की. यूपी के सुपर स्टॉकिस्ट और होलसेलर के नेटवर्क का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस और एसटीएफ ने एनडीपीएस और बीएनएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी आरोपियों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

332 प्रतिष्ठानों की जांच, 161 फर्मों पर केस

पिछले तीन महीनों में 52 जिलों में 332 थोक औषधि विक्रेताओं की जांच हुई. 36 जिलों में 161 फर्मों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. जिलाधिकारियों को गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए पत्र भेजा गया ताकि अवैध संपत्ति जब्त हो सके.

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कफ सिरप की आपूर्ति जरूरत से कई गुना ज्यादा

जांच में पाया गया कि 2024-25 में यूपी में कोडीनयुक्त कफ सिरप की आपूर्ति चिकित्सीय आवश्यकता से कई गुना अधिक थी. ऐबोट हेल्थकेयर की फेन्सिडिल की 2.23 करोड़ बोतलें, लैबोरेट फार्मास्युटिकल्स की एस्कॉफ की 73 लाख बोतलें और अन्य कंपनियों की 25 लाख बोतलें मिलीं. इनका उपयोग प्रमाणित नहीं हो सका.

85 गिरफ्तार, SIT जांच जारी

एफएसडीए ने रिपोर्ट सीएम और पुलिस को सौंपी. इसके आधार पर पुलिस और एसटीएफ ने 79 अभियोग दर्ज किए. इसमें अब तक 85 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. वर्तमान में एक्शन चल रहा है. वहीं मामले में गठित एसआईटी भी जांच कर रही है. जानकारों की मानें तो अगले माह एसआईटी जांच रिपोर्ट सीएम को सौंप सकती है.

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लाइसेंसिंग प्रणाली सख्त करने का प्रस्ताव

मुख्यमंत्री के निर्देश पर एफएसडीए मुख्यालय ने थोक औषधि विक्रय लाइसेंसिंग प्रणाली को और अधिक सख्त व पारदर्शी बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें थोक प्रतिष्ठान की जीओ टैगिंग, भंडारण क्षमता की पुष्टि और इनकी फोटोग्राफ कराने का प्रस्ताव भेजा है. 

वहीं प्रतिष्ठान के टेक्निकल पर्सन का अनुभव प्रमाण पत्र को ड्रग इंस्पेक्टर ने सत्यापन करने का भी प्रस्ताव भेजा है. कोडीनयुक्त कफ सिरप के निर्माण, बल्क सप्लाई, वितरण एवं निगरानी के लिए भारत सरकार से आवश्यक अधिसूचना एवं दिशा-निर्देश जारी करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है.

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