
- मोहम्मद अली, पहले पीयूष पंवार था, अवैध धर्मांतरण के आरोप में आगरा सेंट्रल जेल में बंद है और पछतावा जता रहा है.
- पीयूष ने प्रेम संबंध में इस्लाम धर्म स्वीकार किया, लेकिन बाद में पता चला कि प्रेमिका का असली मकसद धर्मांतरण था.
- अली ने पुलिस को बताया कि वह इस्लाम छोड़कर फिर से हिंदू बनना चाहता है और अपने परिवार से माफी मांगना चाहता है.
जेल की बंद दीवारों में मोहम्मद अली ने अपनी ज़िंदगी का सबसे बड़ा फैसला किया है. वे फिर से पीयूष पंवार बनना चाहता है. वे अपनी मां के गले से लिपट कर रोने के लिए बेकरार है. अली को अपने किए पर बहुत पछतावा है. वो फिर अपने घर लौटना चाहता है. फिर से पीयूष पंवार बनना चाहता है. उसने हिंदुओं को मुसलमान बनाने के इस धंधे से तौबा कर ली है.
आगरा सेंट्रल जेल में बंद है अली
मोहम्मद अली अभी आगरा सेंट्रल जेल में बंद है. अवैध धर्मांतरण के आरोप में आगरा पुलिस ने उसे बीते शुक्रवार को गिरफ्तार किया था. पुलिस से शुरुआती पूछताछ में ही अली टूट गया है. उसने धर्मांतरण के नेटवर्क का सारा कच्चा चिट्ठा पुलिस को बता दिया है. उसने कहा हैं कि वो घरवापसी करना चाहता है. इस्लाम छोड़ कर हिंदू बनना चाहता है. अपने माता पिता से माफ़ी मांगना चाहता है. मुसलमान बनने के बाद से ही घरवालों ने अली से रिश्ता तोड़ लिया था. बातचीत तक नहीं होती है
लव जिहाद का शिकार पीयूष
पीयूष पंवार से मोहम्मद अली बनने की पूरी कहानी आगरा पुलिस के सामने है. पीयूष खुद लव जिहाद का शिकार है. झूटी मोहब्बत के चक्कर में आज वो जेल में हैं. न उसे इश्क़ होता, न ही वो मुसलमान बनता. कहानी साल 2021 में शुरू होती है. जब उसकी मुलाकात राजस्थान के ही टोंक की रहने वाली शना से हुई. मुलाक़ात देखते ही देखतें मोहब्बत बन गई. तय हुआ शादी कर लेते हैं. पर शना ने पीयूष के सामने इस्लाम धर्म कबूलने की शर्त रखी. प्यार का मारा पीयूष तुरंत मुसलमान बनने को तैयार हो गया. शना ने ही उसे तरीके बताए और ये भी बताया कि कैसे और कहाँ कहाँ जाना है. पीयूष उसी साल मुसलमान बन गया. अब उसका नाम मोहम्मद अली हो गया.
कैसे पीयूष बना अली?
नए नाम और नई पहचान के साथ पीयूष जयपुर पहुंचा, लेकिन शना उसे नहीं मिली. शना किसी और के प्यार में थी. पीयूष के साथ लव जिहाद हो चुका था. पर उसने पीछे नहीं लौटने का फैसला कर लिया था. उसे इस्लाम मज़हब अच्छा लगने लगा था. माता-पिता उसे अपने घर परिवार से बाहर कर चुके थे. सारे रिश्ते नाते टूट चुके थे. इसी दौरान अली ने मुस्लिम लड़की से शादी कर ली. उसका ससुराल यूपी के बरेली में हैं.
फिर PFI के संपर्क में आ गया...
मुसलमान बनने के चक्कर में अली का संपर्क PFI के एक नेता से हुआ. इसका नाम मोहम्मद गौस उसने बताया है. गौस के ज़रिए वो दिल्ली के कलीम सिद्दीकी से मिली. धर्मांतरण के केस में कलीम को अब सज़ा हो चुकी है. दिल्ली में ही पीयूष का धर्म परिवर्तन के लिए ज़रूरी हलफ़नामा बना. उसका नाम मोहम्मद अली हो गया. दिल्ली के मुफ़्ती अब्दुल माजिद की मदद से उसे धार्मिक शिक्षा के लिए बंगाल भेजा गया. वो तीन महीने तक बंगाल के आसनसोल, वर्धमान और कटवापारा के मदरसों में रहा.
अली ने अवैध धर्मांतरण को लेकर किये कई खुलासे!
करीब साल भर पहले इंस्टाग्राम के ज़रिए अली गोवा की आयशा के संपर्क में आया. आयशा उससे धर्म परिवर्तन कराने वाली लड़कियों का ग़ज़ट में नाम डलवाती थी. अली का दावा है कि बीते छह महीनों में ही उसमें करीब 25 सर्टिफ़िकेट बनवाए हैं. अली ने ये भी बताया कि धर्म परिवर्तन के इस नेटवर्क से PFI और SDPI के लोग जुड़े हैं. उसने इनमें से कुछ के नाम आगरा पुलिस को बताए हैं. पर जांच की गोपनीयता के हिसाब से इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. अली अब एक नई ज़िंदगी के लिए तैयार हो रहा है.
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