Blogs | रवीश कुमार |सोमवार अगस्त 15, 2016 12:56 AM IST दीपा ने अपने खेल को एक नया मुक़ाम दिया है. वो मेडल नहीं जीत सकी तो क्या हुआ, उसने सवा करोड़ की आबादी वाले एक देश को अपने खेल के रूप में नायाब मेडल दिया है. आने वाले दिनों में न जाने कितनी लड़कियों में दीपा सपने बनकर आया करेगी. लड़कियां अपने ख़्वाब में मेडल नहीं, दीपा को देखा करेंगी.