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This Article is From Aug 15, 2016

रवीश कुमार : मेरे लिए दीपा जीत गई है

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 15, 2016 00:56 am IST
    • Published On अगस्त 15, 2016 00:56 am IST
    • Last Updated On अगस्त 15, 2016 00:56 am IST
खिलाड़ी वो होता है जो अपने खेल के प्रति लाखों लोगों में रोमांच पैदा कर दे. जिसके कारण उस खेल को देखने के लिए लोग बेक़रार हो जाएं. जब कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो वो मेडल से ज़्यादा उस खेल को लाखों लोगों का सपना बना देता है. दीपा जिस 'प्रोदुनोवा' की माहिर है, उसका नाम तक नहीं सुना था. उसी की वजह से जाना, पढ़ा और रोमांचित हुआ. तब से आसपास जिस किसी फ़ुर्तीले शख़्स को देखा, उसमें दीपा को देखने लगा. हवा में उड़ती हर शै में दीपा नज़र आने लगी. दीपा ने अपने खेल को एक नया मुक़ाम दिया है. वो मेडल नहीं जीत सकी तो क्या हुआ, उसने सवा करोड़ की आबादी वाले एक देश को अपने खेल के रूप में नायाब मेडल दिया है. आने वाले दिनों में न जाने कितनी लड़कियों में दीपा सपने बनकर आया करेगी. लड़कियां अपने ख़्वाब में मेडल नहीं, दीपा को देखा करेंगी.

जैसे ही दीपा ने दौड़ना शुरू किया, मेरे दिल की धड़कनें उसके साथ दौड़ने लगीं. मैं तो लेटा हुआ था, पर लगा कि पंजों पर खड़ा हूं. उस हवा से रश्क हो गया, जिसके साथ कोई इतनी ऊंचाई पर चली गई. उन चंद लम्हों में उसके जीवन का एक-एक पल कलाबाज़ी कर रहा होगा. भारत की दीपा की कलाबाज़ी उन सपनों की उड़ान है, जो अपनी तंग ज़िंदगी के एकांत में देखे जाते हैं। जहां न कोई मुल्क होता है, न मंत्री, न मीडिया न पैसा। खिलाड़ी अपने उस एकांत को चुपचाप किसी जुनून की तरह लादे रोज़ अभ्यास कर रहा होता है कि एक दिन उसका आएगा.

आज वो दिन आ गया था. यह होता है किसी खिलाड़ी के फन का कमाल. आप घर बैठे उसके खेल को जीने लगते हैं. जो खेल को देखने वाले के रूह में उतार दे वो हमेशा हमेशा के लिए इतिहास में अमर हो जाता है. इससे पहले कितने भारतीयों की इस खेल में दिलचस्पी रही होगी. बचपन में मॉस्को ओलिंपिक के जिमनास्ट की तस्वीरों को देखकर आहें भरा करते थे, आज भारत की जिमनास्ट के लिए आहें भर रहे थे. 30-35 साल बाद एक सपने को जी लिया, तो सिर्फ और सिर्फ दीपा की वजह से.

दीपा कर्माकर, हम तुम्हारे शुक्रगुज़ार हैं. तुमने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. अपने खेल से हमें जोड़ लिया. जब तुम इस मुल्क की धरती पर उतरोगी तो तुम्हारे लिए ताली बजाऊंगा. तुमने इस मुल्क को एक सपना दिया है. वो सपना किसी और दीपा पर उधार रहेगा, मगर जब भी कोई पूरा करेगा, उसके नाम के साथ तुम्हारा नाम भी आएगा। दीपा, तुम्हारे जीत का इंतज़ार इस देश के प्रधानमंत्री भी कर रहे थे और लाखों अनाम अनजान भी. यही तुम्हारी जीत है. तुम जीत गई दीपा.

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