Global Warming
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ग्लेशियर पिघलने से 2 अरब लोगों के खाने और पानी पर संकट, जानिए UN की रिपोर्ट क्या बता रही
- Friday March 21, 2025
- Written by: NDTV इंडिया
यूनेस्को की इस रिपोर्ट का नाम World Water Development Report 2025 है. 1 अरब से अधिक लोग पर्वतीय क्षेत्रों में रहते हैं और विकासशील देशों में उनमें से आधे लोग पहले से ही खाद्य असुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं.
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धरती पर खतरे की घंटी! फरवरी में समुद्री बर्फ सबसे निचले स्तर पर गई, समझिए यह खतरनाक क्यों?
- Thursday March 6, 2025
- Reported by: Ashutosh Kumar Singh
वैश्विक समुद्री बर्फ क्या होता है? इसका कम होना खतरनाक सिग्नल क्यों है? C3S ने अपनी रिपोर्ट में क्या बताया है?
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मौसम का ये कैसा यू-टर्न, गर्मी और बर्फबारी के बीच ये कैसा असंतुलन
- Sunday March 2, 2025
- ताबिश हुसैन
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के कारण मौसम का मिज़ाज अब बहुत ज्यादा अप्रत्याशित हो चुका है. एक ओर जहां दिल्ली और अन्य मैदानी इलाकों में गर्मी ने दस्तक दे दी है, वहीं दूसरी ओर हिमालय और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी ने हर किसी को चौंका दिया.
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भोपाल का भोज वेटलैंड है प्रवासी पक्षियों और पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग
- Monday February 24, 2025
- आनंद पटेल
भोज वेटलैंड मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है. इसे परमार वंश के राजा भोज ने 11वीं सदी में बनवाया था. यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है. यहां हर साल सर्दियों में सैकड़ों प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं.
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फूल जल्दी खिल गए, परिंदे भी हैरान... फरवरी में ही अप्रैल जैसी गर्मी, कहां खो गया बसंत?
- Thursday February 6, 2025
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
जनवरी में देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद से इस महीने का तीसरा सबसे अधिक तापमान था, जो 1958 और 1990 के बाद सबसे अधिक था. इससे पहले, आईएमडी ने पूर्वानुमान जताया था कि जनवरी से मार्च के बीच उत्तर भारत में वर्षा सामान्य से कम होगी.
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उत्तराखंड में 'वॉटर बम' बन टिक-टिक कर ही बसुधरा झील, जानिए क्यों अलर्ट कर रहे एक्सपर्ट
- Thursday January 9, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: श्वेता गुप्ता
पूर्व ग्लेशियोलॉजिस्ट वैज्ञानिक डॉ डीपी डोभाल का कहना है कि मौसमी चक्र में हो रहे बदलाव की वजह से झील बन रही है और मौजूदा हालात में बसुधरा झील (Basudhara Lake) बेहद खतरनाक हो गई है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे छोटी-छोटी झीलों के पास भी एक बड़ी झील बनने लग गई है.
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अब समुद्र और अंतरिक्ष भी बन रहे जंग का मैदान, वैश्विक शांति के लिए ग्लोबल संस्थाओं में बदलाव जरूरी: PM मोदी
- Monday September 23, 2024
- NDTV
न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के समिट फॉर फ्यूचर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में रिफॉर्म जरूरी है. भारत 250 मिलियन लोगों को गरीब से बाहर निकालकर हमने दिखाया है कि समावेशी विकास सफल हो सकता है."
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रिन्यूएबल एनर्जी में आगे जाने के लिए जर्मन इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल को-ऑपरेशन बढ़ाना जरूरी
- Friday September 6, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
GSDP कंवर्सेशन में कहा गया कि सस्टेनेबिलिटी इंवेस्टमेंट के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल, रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन, डेटा एक्सेस और एनर्जी पॉलिसी की चुनौतियों का समाधान निकालना होगा.
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हाथियों का जिक्र कर भूपेंद्र यादव ने समझाया Man vs Wild को कैसे कर सकते हैं कम
- Friday September 6, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
India Sustainability Mission Conclave: मैनvsवाइल्ड को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भूपेंद्र यादव ने कहा, "हमारा ये मानना है कि हमारे जंगल के क्षेत्र उनका संरक्षण करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. ये इकोलॉजिकल सिस्टम है. इसलिए जंगल के आसपास के क्षेत्रों में हमें जागरूकता का कार्यक्रम भी चलाते हैं."
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ग्रीन एनर्जी से भारत 2070 तक हासिल करेगा जीरो कार्बन का टारगेट : इंडिया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव में भूपेंद्र यादव
- Friday September 6, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
India Sustainability Mission Conclave : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कॉन्क्लेव में सस्टेनेबिलिटी के लिए क्लीन एनर्जी और ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "अभी कार्बन उत्सर्जन में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है. हमें दुनिया में कार्बन इमिशन (उत्सर्जन) को कम करना होगा."
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क्लाइमेंट चेंज या इंसान का कुदरत से खिलवाड़... हिमालयी नदियों के इस बौखलाहट का कौन जिम्मेदार?
- Friday August 30, 2024
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: अंजलि कर्मकार
हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की वजह से जब तापमान बढ़ता है, तो ग्लेशियर तेज़ी से पिघलते हैं. पिघलने से ग्लेशियर अपनी जगह से खिसकने लगते हैं. इस वजह से इलाके में नए ग्लेशियर लेक्स (हिमनद झील) बनते हैं. यही वजह है कि इस क्षेत्र में Glacial Lake Outburst Floods यानी GLOFs का खतरा बड़ा हो रहा है.
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Explainer: 15% तक बढ़ी ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार, एक्सपर्ट्स ने समझाया ग्लोबल वॉर्मिंग कितना बड़ा खतरा
- Tuesday August 27, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण 1.5 डिग्री पारा बढ़ने से हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार 15% तक बढ़ रही है. प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इन ग्लेशियर झीलों के फटने से बड़ी मात्रा में अचानक पानी का बहाव होगा, इससे आसपास के इलाकों में बड़ी तबाही की आशंका है.
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उत्तराखंड में गायब हो गया 'ऊं' पर्वत, जरा खतरे का संकेत समझिए
- Monday August 26, 2024
- Edited by: विजय शंकर पांडेय
Uttarakhand Om Parvat : चीन सीमा के करीब कैलाश मानसरोवर की तरफ बढ़ते हुए ऊं पर्वत को देखकर हर कोई मुग्ध हो जाता था, मगर अब यह गायब हो गया है...जानें क्या है वजह....
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मुंबई को ले डूबेगा ग्लोबल वार्मिंग? 13.1% इलाका समा जाएगा समंदर में, रिपोर्ट में उठे कई सवाल
- Monday August 12, 2024
- Reported by: सुजाता द्विवेदी, Edited by: Sachin Jha Shekhar
बेंगलुरु थिंक टैंक कि एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है की समुद्र स्तर में वृद्धि भारतीय तटीय शहरों के लिए गंभीर खतरा बन रही है जिसपर काम करना बेहद आवश्यक बनता जा रहा है.
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कंक्रीट के जंगल में हैं हम! कल क्यों डूबी दिल्ली? इन 3 एक्सपर्ट्स की बात आपको सुननी चाहिए
- Saturday June 29, 2024
- Reported by: NDTV इंडिया
जलवायु एक्टिविस्ट हरजीत सिंह के अनुसार हमने कंक्रीट का इस्तेमाल करके यहां पर हीट आइलैंड बना लिया है. जिसकी वजह से अब रात में भी गर्मी कम नहीं हो रही है.
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ग्लेशियर पिघलने से 2 अरब लोगों के खाने और पानी पर संकट, जानिए UN की रिपोर्ट क्या बता रही
- Friday March 21, 2025
- Written by: NDTV इंडिया
यूनेस्को की इस रिपोर्ट का नाम World Water Development Report 2025 है. 1 अरब से अधिक लोग पर्वतीय क्षेत्रों में रहते हैं और विकासशील देशों में उनमें से आधे लोग पहले से ही खाद्य असुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं.
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धरती पर खतरे की घंटी! फरवरी में समुद्री बर्फ सबसे निचले स्तर पर गई, समझिए यह खतरनाक क्यों?
- Thursday March 6, 2025
- Reported by: Ashutosh Kumar Singh
वैश्विक समुद्री बर्फ क्या होता है? इसका कम होना खतरनाक सिग्नल क्यों है? C3S ने अपनी रिपोर्ट में क्या बताया है?
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मौसम का ये कैसा यू-टर्न, गर्मी और बर्फबारी के बीच ये कैसा असंतुलन
- Sunday March 2, 2025
- ताबिश हुसैन
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव के कारण मौसम का मिज़ाज अब बहुत ज्यादा अप्रत्याशित हो चुका है. एक ओर जहां दिल्ली और अन्य मैदानी इलाकों में गर्मी ने दस्तक दे दी है, वहीं दूसरी ओर हिमालय और पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी ने हर किसी को चौंका दिया.
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भोपाल का भोज वेटलैंड है प्रवासी पक्षियों और पक्षी प्रेमियों का स्वर्ग
- Monday February 24, 2025
- आनंद पटेल
भोज वेटलैंड मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है. इसे परमार वंश के राजा भोज ने 11वीं सदी में बनवाया था. यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है. यहां हर साल सर्दियों में सैकड़ों प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं.
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फूल जल्दी खिल गए, परिंदे भी हैरान... फरवरी में ही अप्रैल जैसी गर्मी, कहां खो गया बसंत?
- Thursday February 6, 2025
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
जनवरी में देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1901 के बाद से इस महीने का तीसरा सबसे अधिक तापमान था, जो 1958 और 1990 के बाद सबसे अधिक था. इससे पहले, आईएमडी ने पूर्वानुमान जताया था कि जनवरी से मार्च के बीच उत्तर भारत में वर्षा सामान्य से कम होगी.
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उत्तराखंड में 'वॉटर बम' बन टिक-टिक कर ही बसुधरा झील, जानिए क्यों अलर्ट कर रहे एक्सपर्ट
- Thursday January 9, 2025
- Reported by: किशोर रावत, Edited by: श्वेता गुप्ता
पूर्व ग्लेशियोलॉजिस्ट वैज्ञानिक डॉ डीपी डोभाल का कहना है कि मौसमी चक्र में हो रहे बदलाव की वजह से झील बन रही है और मौजूदा हालात में बसुधरा झील (Basudhara Lake) बेहद खतरनाक हो गई है. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे छोटी-छोटी झीलों के पास भी एक बड़ी झील बनने लग गई है.
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अब समुद्र और अंतरिक्ष भी बन रहे जंग का मैदान, वैश्विक शांति के लिए ग्लोबल संस्थाओं में बदलाव जरूरी: PM मोदी
- Monday September 23, 2024
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न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के समिट फॉर फ्यूचर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "वैश्विक शांति और विकास के लिए ग्लोबल संस्थाओं में रिफॉर्म जरूरी है. भारत 250 मिलियन लोगों को गरीब से बाहर निकालकर हमने दिखाया है कि समावेशी विकास सफल हो सकता है."
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रिन्यूएबल एनर्जी में आगे जाने के लिए जर्मन इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल को-ऑपरेशन बढ़ाना जरूरी
- Friday September 6, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
GSDP कंवर्सेशन में कहा गया कि सस्टेनेबिलिटी इंवेस्टमेंट के लिए टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल, रिन्यूएबल एनर्जी सॉल्यूशन, डेटा एक्सेस और एनर्जी पॉलिसी की चुनौतियों का समाधान निकालना होगा.
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हाथियों का जिक्र कर भूपेंद्र यादव ने समझाया Man vs Wild को कैसे कर सकते हैं कम
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- Edited by: अंजलि कर्मकार
India Sustainability Mission Conclave: मैनvsवाइल्ड को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में भूपेंद्र यादव ने कहा, "हमारा ये मानना है कि हमारे जंगल के क्षेत्र उनका संरक्षण करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. ये इकोलॉजिकल सिस्टम है. इसलिए जंगल के आसपास के क्षेत्रों में हमें जागरूकता का कार्यक्रम भी चलाते हैं."
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ग्रीन एनर्जी से भारत 2070 तक हासिल करेगा जीरो कार्बन का टारगेट : इंडिया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव में भूपेंद्र यादव
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India Sustainability Mission Conclave : केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कॉन्क्लेव में सस्टेनेबिलिटी के लिए क्लीन एनर्जी और ग्रीन एनर्जी पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "अभी कार्बन उत्सर्जन में भारत दुनिया में चौथे नंबर पर है. हमें दुनिया में कार्बन इमिशन (उत्सर्जन) को कम करना होगा."
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क्लाइमेंट चेंज या इंसान का कुदरत से खिलवाड़... हिमालयी नदियों के इस बौखलाहट का कौन जिम्मेदार?
- Friday August 30, 2024
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: अंजलि कर्मकार
हिमालय क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन की वजह से जब तापमान बढ़ता है, तो ग्लेशियर तेज़ी से पिघलते हैं. पिघलने से ग्लेशियर अपनी जगह से खिसकने लगते हैं. इस वजह से इलाके में नए ग्लेशियर लेक्स (हिमनद झील) बनते हैं. यही वजह है कि इस क्षेत्र में Glacial Lake Outburst Floods यानी GLOFs का खतरा बड़ा हो रहा है.
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Explainer: 15% तक बढ़ी ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार, एक्सपर्ट्स ने समझाया ग्लोबल वॉर्मिंग कितना बड़ा खतरा
- Tuesday August 27, 2024
- Edited by: अंजलि कर्मकार
ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण 1.5 डिग्री पारा बढ़ने से हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने की रफ्तार 15% तक बढ़ रही है. प्राकृतिक आपदा की स्थिति में इन ग्लेशियर झीलों के फटने से बड़ी मात्रा में अचानक पानी का बहाव होगा, इससे आसपास के इलाकों में बड़ी तबाही की आशंका है.
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उत्तराखंड में गायब हो गया 'ऊं' पर्वत, जरा खतरे का संकेत समझिए
- Monday August 26, 2024
- Edited by: विजय शंकर पांडेय
Uttarakhand Om Parvat : चीन सीमा के करीब कैलाश मानसरोवर की तरफ बढ़ते हुए ऊं पर्वत को देखकर हर कोई मुग्ध हो जाता था, मगर अब यह गायब हो गया है...जानें क्या है वजह....
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मुंबई को ले डूबेगा ग्लोबल वार्मिंग? 13.1% इलाका समा जाएगा समंदर में, रिपोर्ट में उठे कई सवाल
- Monday August 12, 2024
- Reported by: सुजाता द्विवेदी, Edited by: Sachin Jha Shekhar
बेंगलुरु थिंक टैंक कि एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है की समुद्र स्तर में वृद्धि भारतीय तटीय शहरों के लिए गंभीर खतरा बन रही है जिसपर काम करना बेहद आवश्यक बनता जा रहा है.
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कंक्रीट के जंगल में हैं हम! कल क्यों डूबी दिल्ली? इन 3 एक्सपर्ट्स की बात आपको सुननी चाहिए
- Saturday June 29, 2024
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जलवायु एक्टिविस्ट हरजीत सिंह के अनुसार हमने कंक्रीट का इस्तेमाल करके यहां पर हीट आइलैंड बना लिया है. जिसकी वजह से अब रात में भी गर्मी कम नहीं हो रही है.
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