Chandrayaan 2 Launch
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सोशल मीडिया पर छाया Chandrayaan 3, चंदा मामा वी आर कमिंग जैसे पोस्ट के साथ पब्लिक ने पूछा- कहां पहुंचे
- Monday July 17, 2023
सोशल मीडिया पर इन दिनों चंद्रयान-3 छाया हुआ है, जिस पर यूजर्स तरह-तरह के पोस्ट और रिएक्शन के जरिये अपना प्यार लुटा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, चंदा मामा, वी आर कमिंग. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, ये किसी जादू से कम नहीं है.
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खत्म हुआ इंतजार, आज होगी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग; जानें मिशन मून की खास बातें
- Friday July 14, 2023
Chandrayaan 3 Launching: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सेंटर से शुक्रवार (14 जुलाई) दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होगी. इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ये मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा.
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चंद्रयान-2 मिशन पर नासा ने ISRO से कहा- आपने हमें प्रेरित किया है, मिलकर सौर प्रणाली पर करेंगे खोज
- Sunday September 8, 2019
पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री जेरी लेनिंगर ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारत की ‘‘साहसिक कोशिश’’ से मिला अनुभव भविष्य के मिशन में सहायक होगा. लिनेंगर ने कहा, ‘हमें इससे हताश नहीं होना चाहिए. भारत कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहा है जो बहुत ही कठिन है. लैंडर से संपर्क टूटने से पहले सब कुछ योजना के तहत था.’
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मिशन चंद्रयान-2 पर आया अमेरिका का बयान, कहा- यह भारत के लिए बड़ा कदम
- Sunday September 8, 2019
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की तरफ बढ़ रहा था और उसकी सतह को छूने से महज कुछ सेकंड ही दूर था तभी 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई रह जाने पर उसका जमीन से संपर्क टूट गया. करीब एक दशक पहले इस चंद्रयान-2 मिशन की परिकल्पना की गई थी और 978 करोड़ के इस अभियान के तहत चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला भारत पहला देश होता.
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चंद्रयान-2 पर विदेशी मीडिया ने भी थपथपाई ISRO की पीठ, कुछ इस तरह रहीं प्रतिक्रियाएं
- Saturday September 7, 2019
- Bhasha
दुनिया भर की मीडिया ने शनिवार को यह टिप्पणी की. न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्डियन समेत अन्य कई प्रमुख विदेशी मीडिया संगठनों ने भारत के ऐतिहासिक चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ पर खबरें प्रकाशित और प्रसारित कीं. अमेरिकी पत्रिका ‘वायर्ड’ ने कहा कि चंद्रयान-2 कार्यक्रम भारत का अब तक का ‘सबसे महत्त्वकांक्षी’ अंतरिक्ष मिशन था.
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ISRO के वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-2 का 95 प्रतिशत सही-सलामत, ऑर्बिटर अभी भी काट रहा है चंद्रमा के चक्कर
- Saturday September 7, 2019
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है."
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Chandrayaan 2: आनंद महिंद्रा ने कहा- हर भारतीय चंद्रयान-2 की धड़कन को महसूस कर सकता है
- Saturday September 7, 2019
chandrayaan: भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया, 'संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है.' इस खबर से जहां इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है.
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Chandrayaan 2: क्या विक्रम लैंडर चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया? जानिए लैंडिंग के दौरान क्या-क्या हुआ...
- Saturday September 7, 2019
भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया. इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का भविष्य अंधेरे में झूल गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने की घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुरूप था. उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया. इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "यह मिशन कंट्रोल सेंटर है. विक्रम लैंडर योजना अनुरूप उतर रहा था और गंतव्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था. उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया. डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है."
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चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव ही क्यों चुना भारत ने चंद्रयान-2 उतारने के लिए
- Friday September 6, 2019
वैज्ञानिक उपकरणों से लैस और देश का गौरव बन चुके लैंडर 'विक्रम' तथा रोवर 'प्रज्ञान' अब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ रहे हैं, जो अब तक कतई अनजान जगह है. चीन का मिशन चंद्रमा की सतह के सबसे उत्तरी छोर की तरफ गया था, और अपोलो मिशन समेत ज़्यादातर अमेरिकी मिशनों में लैंडिंग चंद्रमा के भूमध्य क्षेत्र में की गई. अब भारत चाहता है कि दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रमा की सतह को परखे.
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Chandrayaan-2 : किसान के बेटे और सरकारी स्कूल से पढ़े वैज्ञानिक ने दिया मिशन चंद्रयान-2 को अंजाम
- Friday September 6, 2019
चांद पर पहुंचने के भारत के सपने के पीछे जो ख़ास लोग हैं उनमें प्रमुख हैं डॉ के सिवन जो एक किसान के बेटे और एक कामयाब ऐरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. डॉ के सिवन इसरो के चेयरमैन होने के नाते इस अभियान की अगुवाई कर रहे हैं. उन्हें भारत का रॉकेट मैन भी कहा जाता है. अंतरिक्ष में एक साथ 104 सैटलाइट छोड़कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. मिशन चंद्रयान-2 के हर पल पर नजर रख रहे के सिवन ने एनडीटीवी से कहा, मैं एक ग़रीब घर से आता हूं, मेरा परिवार किसानी करता है. मैं तमिल मीडियम में सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं.
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Chandrayaan-2 Updates : पीएम मोदी ने कहा, 'यह छोटी कामयाबी नहीं है, पूरा देश आप पर गर्व करता है'
- Saturday September 7, 2019
Chandrayaan 2: भारत के महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान 2 के चांद पर उतरने को लेकर सस्पेंस बन गया है. फिलहाल इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर से उनका संपर्क टूट गया है. इसरो ने बताया कि चांद से 2.1 किमी दूर तक चंद्रयान-2 से संपर्क था, लेकिन फिलहाल संपर्क टूट गया है. इसरो चीफ के मुताबिक अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है. इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह पर लाने की प्रक्रिया सामान्य देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया, डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है.
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चंद्रयान 2 मिशन का अगला अहम कदम 2 सितंबर को, जब लैंडर ऑरबिटर से अलग होगा : ISRO चीफ
- Tuesday August 20, 2019
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद लैंडर ‘विक्रम’ दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा. इसरो ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा. बेंगलूरु के नजदीक ब्याललू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलूरू स्थित ‘इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशन्स कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने कहा कि अगली कक्षीय प्रक्रिया बुधवार को दोपहर साढ़े 12 से डेढ़ बजे के बीच की जाएगी.
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Chandrayaan 2: अंतरिक्ष में भारत की एक और बड़ी उपलब्धि, चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान- 2
- Tuesday August 20, 2019
यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं.
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Chandrayaan-2: इसरो की तारीफ में NASA ने कहा कुछ ऐसा, लोग बोले- "जलन की बू आ रही है"
- Tuesday July 23, 2019
- NDTVKhabar News Desk
चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण के साथ अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने जा रहा है. इसरो की इस उपलब्धि पर दुनिया भर के लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भी इसरो को बधाई दी.
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Chandrayaan 2: इन दो 'रॉकेट वुमन' के बिना अधूरा रहता चंद्रयान-2 का सफर, जानिए कौन हैं वनिता मुथय्या और रितु कारिधल
- Tuesday July 23, 2019
- NDTVKhabar News Desk
चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की चर्चा हर तरफ है. इसरो (ISRO) ने 22 जुलाई, 2019 को सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2 Mission) को चांद पर छोड़ा. इसका पूरा क्रेडिट इसरो की टीम में शामिल वनिता मुथय्या (Vanitha Muthayya) और रितु कारिधल (Ritu Karidhal) को जाता है.
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सोशल मीडिया पर छाया Chandrayaan 3, चंदा मामा वी आर कमिंग जैसे पोस्ट के साथ पब्लिक ने पूछा- कहां पहुंचे
- Monday July 17, 2023
सोशल मीडिया पर इन दिनों चंद्रयान-3 छाया हुआ है, जिस पर यूजर्स तरह-तरह के पोस्ट और रिएक्शन के जरिये अपना प्यार लुटा रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, चंदा मामा, वी आर कमिंग. वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, ये किसी जादू से कम नहीं है.
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खत्म हुआ इंतजार, आज होगी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग; जानें मिशन मून की खास बातें
- Friday July 14, 2023
Chandrayaan 3 Launching: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा सेंटर से शुक्रवार (14 जुलाई) दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होगी. इसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ ये मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा.
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चंद्रयान-2 मिशन पर नासा ने ISRO से कहा- आपने हमें प्रेरित किया है, मिलकर सौर प्रणाली पर करेंगे खोज
- Sunday September 8, 2019
पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री जेरी लेनिंगर ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के तहत विक्रम लैंडर की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की भारत की ‘‘साहसिक कोशिश’’ से मिला अनुभव भविष्य के मिशन में सहायक होगा. लिनेंगर ने कहा, ‘हमें इससे हताश नहीं होना चाहिए. भारत कुछ ऐसा करने की कोशिश कर रहा है जो बहुत ही कठिन है. लैंडर से संपर्क टूटने से पहले सब कुछ योजना के तहत था.’
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मिशन चंद्रयान-2 पर आया अमेरिका का बयान, कहा- यह भारत के लिए बड़ा कदम
- Sunday September 8, 2019
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुताबिक लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की तरफ बढ़ रहा था और उसकी सतह को छूने से महज कुछ सेकंड ही दूर था तभी 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई रह जाने पर उसका जमीन से संपर्क टूट गया. करीब एक दशक पहले इस चंद्रयान-2 मिशन की परिकल्पना की गई थी और 978 करोड़ के इस अभियान के तहत चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला भारत पहला देश होता.
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चंद्रयान-2 पर विदेशी मीडिया ने भी थपथपाई ISRO की पीठ, कुछ इस तरह रहीं प्रतिक्रियाएं
- Saturday September 7, 2019
- Bhasha
दुनिया भर की मीडिया ने शनिवार को यह टिप्पणी की. न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्डियन समेत अन्य कई प्रमुख विदेशी मीडिया संगठनों ने भारत के ऐतिहासिक चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ पर खबरें प्रकाशित और प्रसारित कीं. अमेरिकी पत्रिका ‘वायर्ड’ ने कहा कि चंद्रयान-2 कार्यक्रम भारत का अब तक का ‘सबसे महत्त्वकांक्षी’ अंतरिक्ष मिशन था.
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ISRO के वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-2 का 95 प्रतिशत सही-सलामत, ऑर्बिटर अभी भी काट रहा है चंद्रमा के चक्कर
- Saturday September 7, 2019
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, "मिशन का सिर्फ पांच प्रतिशत -लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर- नुकसान हुआ है, जबकि बाकी 95 प्रतिशत -चंद्रयान-2 ऑर्बिटर- अभी भी चंद्रमा का सफलतापूर्वक चक्कर काट रहा है."
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Chandrayaan 2: आनंद महिंद्रा ने कहा- हर भारतीय चंद्रयान-2 की धड़कन को महसूस कर सकता है
- Saturday September 7, 2019
chandrayaan: भारत के मून लैंडर विक्रम से उस समय संपर्क टूट गया, जब वह शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ रहा था. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया, 'संपर्क उस समय टूटा, जब विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाले स्थान से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया था. अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है.' इस खबर से जहां इसरो के वैज्ञानिकों में निराशा देखने को मिली, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है.
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Chandrayaan 2: क्या विक्रम लैंडर चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया? जानिए लैंडिंग के दौरान क्या-क्या हुआ...
- Saturday September 7, 2019
भारत के चंद्र मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब लैंडर विक्रम से चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले इसरो का संपर्क टूट गया. इसके साथ ही 978 करोड़ रुपये लागत वाले चंद्रयान-2 मिशन का भविष्य अंधेरे में झूल गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने संपर्क टूटने की घोषणा करते हुए कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर का प्रदर्शन योजना के अनुरूप था. उन्होंने कहा कि उसके बाद उसका संपर्क टूट गया. इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "यह मिशन कंट्रोल सेंटर है. विक्रम लैंडर योजना अनुरूप उतर रहा था और गंतव्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका प्रदर्शन सामान्य था. उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया. डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है."
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चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव ही क्यों चुना भारत ने चंद्रयान-2 उतारने के लिए
- Friday September 6, 2019
वैज्ञानिक उपकरणों से लैस और देश का गौरव बन चुके लैंडर 'विक्रम' तथा रोवर 'प्रज्ञान' अब चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की ओर बढ़ रहे हैं, जो अब तक कतई अनजान जगह है. चीन का मिशन चंद्रमा की सतह के सबसे उत्तरी छोर की तरफ गया था, और अपोलो मिशन समेत ज़्यादातर अमेरिकी मिशनों में लैंडिंग चंद्रमा के भूमध्य क्षेत्र में की गई. अब भारत चाहता है कि दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रमा की सतह को परखे.
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Chandrayaan-2 : किसान के बेटे और सरकारी स्कूल से पढ़े वैज्ञानिक ने दिया मिशन चंद्रयान-2 को अंजाम
- Friday September 6, 2019
चांद पर पहुंचने के भारत के सपने के पीछे जो ख़ास लोग हैं उनमें प्रमुख हैं डॉ के सिवन जो एक किसान के बेटे और एक कामयाब ऐरोनॉटिकल इंजीनियर हैं. डॉ के सिवन इसरो के चेयरमैन होने के नाते इस अभियान की अगुवाई कर रहे हैं. उन्हें भारत का रॉकेट मैन भी कहा जाता है. अंतरिक्ष में एक साथ 104 सैटलाइट छोड़कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है. मिशन चंद्रयान-2 के हर पल पर नजर रख रहे के सिवन ने एनडीटीवी से कहा, मैं एक ग़रीब घर से आता हूं, मेरा परिवार किसानी करता है. मैं तमिल मीडियम में सरकारी स्कूल से पढ़ा हूं.
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Chandrayaan-2 Updates : पीएम मोदी ने कहा, 'यह छोटी कामयाबी नहीं है, पूरा देश आप पर गर्व करता है'
- Saturday September 7, 2019
Chandrayaan 2: भारत के महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान 2 के चांद पर उतरने को लेकर सस्पेंस बन गया है. फिलहाल इसरो ने बताया कि विक्रम लैंडर से उनका संपर्क टूट गया है. इसरो ने बताया कि चांद से 2.1 किमी दूर तक चंद्रयान-2 से संपर्क था, लेकिन फिलहाल संपर्क टूट गया है. इसरो चीफ के मुताबिक अभी आंकड़ों का इंतजार किया जा रहा है. इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि लैंडर ‘विक्रम’ को चंद्रमा की सतह पर लाने की प्रक्रिया सामान्य देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया, डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है.
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चंद्रयान 2 मिशन का अगला अहम कदम 2 सितंबर को, जब लैंडर ऑरबिटर से अलग होगा : ISRO चीफ
- Tuesday August 20, 2019
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसके बाद लैंडर ‘विक्रम’ दो सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा. इसरो ने कहा कि सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा. बेंगलूरु के नजदीक ब्याललू स्थित इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलूरू स्थित ‘इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क’ (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशन्स कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने कहा कि अगली कक्षीय प्रक्रिया बुधवार को दोपहर साढ़े 12 से डेढ़ बजे के बीच की जाएगी.
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Chandrayaan 2: अंतरिक्ष में भारत की एक और बड़ी उपलब्धि, चांद की कक्षा में पहुंचा चंद्रयान- 2
- Tuesday August 20, 2019
यह भारत का अब तक का सबसे महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियान है. गत 22 जुलाई को प्रक्षेपण यान जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए प्रक्षेपित किए गए चंद्रयान-2 ने गत 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चंद्र पथ पर आगे बढ़ना शुरू किया था. बेंगलुरु के नजदीक ब्याललू स्थित डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) के एंटीना की मदद से बेंगलुरु स्थित इसरो, टेलीमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कांप्लेक्स (एमओएक्स) से यान की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. इसरो ने 14 अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-2 की सभी प्रणालियां सामान्य ढंग से काम कर रही हैं.
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Chandrayaan-2: इसरो की तारीफ में NASA ने कहा कुछ ऐसा, लोग बोले- "जलन की बू आ रही है"
- Tuesday July 23, 2019
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चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण के साथ अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बनने जा रहा है. इसरो की इस उपलब्धि पर दुनिया भर के लोग शुभकामनाएं दे रहे हैं. इसी कड़ी में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) ने भी इसरो को बधाई दी.
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Chandrayaan 2: इन दो 'रॉकेट वुमन' के बिना अधूरा रहता चंद्रयान-2 का सफर, जानिए कौन हैं वनिता मुथय्या और रितु कारिधल
- Tuesday July 23, 2019
- NDTVKhabar News Desk
चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) की चर्चा हर तरफ है. इसरो (ISRO) ने 22 जुलाई, 2019 को सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2 Mission) को चांद पर छोड़ा. इसका पूरा क्रेडिट इसरो की टीम में शामिल वनिता मुथय्या (Vanitha Muthayya) और रितु कारिधल (Ritu Karidhal) को जाता है.
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