7 सितंबर को देर रात 1 बजकर 55 मिनट पर जब चंद्रयान का लेंडर विक्रम चांद की धरती पर कदम रखेगा उसी के साथ भारत एक नया इतिहास रच देगा. भारत का यह दूसरा चंद्र मिशन है जो चांद के उस दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर प्रकाश डालेगा जहां अभी तक किसी भी देश की नजर नहीं गई है. पीएम मोदी, करीब 70 छात्र-छात्राओं के साथ इसरो के बेंगलुरु स्थित केंद्र में इसे लाइव देखेंगे. इसी के साथ अमेरिकी एजेंसी नासा समेत पूरी दुनिया की निगाह इस अभियान पर टिकी हुई हैं. लैंडर विक्रम में तीन से चार कैमरे और सेंसर सहित तमाम ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे उसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा.