India | Reported by: भाषा |शनिवार सितम्बर 16, 2023 05:12 AM IST मंदिरों में पूजा-पाठ कराने के कार्य में लैंगिक असमानता को दूर करने के प्रयास के तहत तीन युवा महिलाओं ने पुजारी का पेशा अपनाने का फैसला किया है, जिनमें से एक परिवार की पहली स्नातक सदस्य है जबकि दूसरी स्नातक और तीसरी परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट) है. इस कार्य के लिए उन्हें मामूली वेतन मिलेगा, लेकिन उनके लिए यह बड़ा मुद्दा नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि ईश्वर उनकी जरूरतों को पूरा करेंगे.